50 प्रतिशत किराया नहीं बढ़ाने पर आमरण अनशन करेंगे ट्रांसपोर्टर

ट्रांसपोर्टरों की आमरण अनशन की चेतावनी 50 प्रतिशत किराया बढ़ाएं तो आधी सवारियों लेकर दौड़ने को तैयार

By JagranEdited By: Publish:Sun, 31 May 2020 06:48 AM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 06:48 AM (IST)
50 प्रतिशत किराया नहीं बढ़ाने पर आमरण अनशन करेंगे ट्रांसपोर्टर
50 प्रतिशत किराया नहीं बढ़ाने पर आमरण अनशन करेंगे ट्रांसपोर्टर

जागरण संवाददाता, जम्मू : केंद्र सरकार की तरफ से कोई वित्तीय मदद नहीं मिलने पर ट्रांसपोर्टरों ने नाराजगी जताई है। ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन ने साफ किया कि अगर सरकार की ओर से तीन दिन में यात्री वाहनों का किराया 50 प्रतिशत बढ़ाने के साथ तयशुदा क्षमता से 50 प्रतिशत कम सवारियां लेकर दौड़ने की अनुमति नहीं मिली तो फिर मजबूरन ट्रांसपोर्टरों को आमरण अनशन पर बैठना पड़ेगा। इसके बाद प्रदेश में सरकार विरोधी धरने और प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो जाएगा।

ऑल जेएंडके ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन स. टीएस वजीर ने शनिवार को पत्रकार सम्मेलन में कहा कि गत 15 मार्च से लॉकडाउन के कारण ट्रांसपोर्टरों ने सड़कों पर वाहन दौड़ाना बंद कर दिया है। कोरोना वायरस संक्रमण से रोकथाम के लिए सरकार द्वारा उठाए जाने वाले सभी प्रभावी कदमों का ट्रांसपोर्टर कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करते आए हैं। केंद्र सरकार ने सभी वर्गों के लिए राहत पैकेज तो जारी कर दिया, लेकिन ट्रांसपोर्टरों को नजरअंदाज किया गया। लॉकडाउन के दौरान ट्रांसपोर्टरों को कोई भी कमाई नहीं हुई, जिससे उनको करोड़ों रुपये का नुकसान झेलना पड़ा। इसके बावजूद विभिन्न कामर्शियल वाहनों के मालिकों ने वाहन चालकों और कंडक्टरों की आर्थिक रूप से काफी मदद की है। एसोसिएशन ने अपनी परेशानियों से उपराज्यपाल को भी अवगत करवाया, लेकिन कुछ नहीं किया गया। इस अवसर पर एसोसिएशन के महासचिव विजय कुमार शर्मा, मिनी बस वर्कर्स यूनियन के प्रधान विजय विजय सिंह चिब, ऑल जेएंडके ऑयल टैंकर ड्राइवर्स, क्लीनर्स यूनियन के महासचिव स. देवेंद्र सिंह, ऑटो यूनियन के प्रधान शांति स्वरूप गुप्ता, रेलवे टैक्सी आपरेटर यूनियन के पूर्व प्रधान देवेंद्र चौधरी, स. हरसीस सिंह सहित अन्य ट्रांसपोर्टर भी मौजूद थे। रेल, हवाई सेवा बहाल फिर यात्री वाहनों पर रोक क्यों

वजीर ने हैरानगी जताई कि सरकार ने रेल और हवाई सेवा बहाल कर दी है। बाजार भी निश्चित समयावधि तक खोल दिए गए हैं। ऐसे में यात्री वाहनों को भी चलने की इजाजत मिलनी चाहिए। हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड और राजस्थान में 20-30 प्रतिशत यात्री किराया बढ़ाकर शारीरिक दूरी का नियम पालन करते हुए यात्री वाहन चल रहे हैं। इसी तरह जेएंडके में भी होना चाहिए। -----------

चालकों, क्लीनरों के लिए मांगा वित्तीय पैकेज

95 प्रतिशत ट्रांसपोर्टरों ने बैंक और निजी फाइनेंस कंपनियों से लोन लेकर वाहन खरीदे हैं। लॉकडाउन की वजह से बैंक की किश्तों का भुगतान नहीं हो पा रहा है। उन्होंने सरकार से छह महीनों के लिए लोन की ब्याज दर सहित इंश्योरेंस, फीस को माफ करने और चालकों व कंडक्टरों को लॉकडाउन अवधि के लिए वित्तीय पैकेज देने की मांग की है।

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