Mansar Lake in Jammu: पर्यटन स्थल मानसर में पर्यटकों की कमी नहीं पर सुविधाओं का है टोटा

मंदिरों के शहर जम्मू में घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए मानसर झील आकर्षण का केंद्र जरूर है लेकिन यहां सुविधाओं का अभाव पर्यटकों को मायूस कर रहा है। हालत यह है कि मानसर झील के चारों ओर बनी सड़क पर डाली टाइलें जगह-जगह से उखड़ चुकी हैं।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Sun, 31 Jan 2021 12:02 PM (IST) Updated:Sun, 31 Jan 2021 12:05 PM (IST)
Mansar Lake in Jammu: पर्यटन स्थल मानसर में पर्यटकों की कमी नहीं पर सुविधाओं का है टोटा
मानसर झील बने व्यू-प्वाइंट टूट चुके हैं।इन्हें तारें लगाकर बंद कर दिया गया है ताकि कोई इन पर न जाए।

जम्मू , जागरण संवाददाता : मंदिरों के शहर जम्मू में घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए मानसर झील आकर्षण का केंद्र जरूर है लेकिन यहां सुविधाओं का अभाव पर्यटकों को मायूस कर रहा है।  हालत यह है कि मानसर झील के चारों ओर बनी सड़क पर डाली टाइलें जगह-जगह से उखड़ चुकी हैं। मरम्मत के अभाव में इस कारण इन पर चलना भी मुश्किल होता है। पर्यटक प्रशासन को कोसते नजर आते हैं। सरकारी गंभीरता का अंदाजा इससे बखूबी लग जाता है कि यहां कूड़ेदान तो लगे हैं लेकिन इन्हें खाली करने की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा। यह भरे पड़े रहते हैं। इनके आसपास भी गंदगी के ढे़र मुंह चिढ़ा रहे हैं। इतना ही नहीं साथ लगती कुछ दुकानों से निकलने वाली गंदगी भी झील में जा रही है।

झील में बने व्यू-प्वाइंट टूट चुके हैं

झील में बने व्यू-प्वाइंट टूट चुके हैं। इन्हें तारें लगाकर बंद कर दिया गया है ताकि कोई इन पर न जाए। इतना ही नहीं सड़क के साथ बनी नालियों पर लोहे के जंगले तो लगे हैं लेकिन इनके आसपास खुला पड़ा है। इन लोहे के जंगलों को लगाने का कोई महत्व नहीं दिखता। इतना ही नहीं झील का पानी लगने से किनारे भी ध्वस्त होने लगे हैं। कुछ दुकानों के नजदीक तक जगह पानी लगने से धंस चुकी है।

पर्यटकों को आकर्षित करते पार्क में लगे झूले, बैंच व ग्रिल मरम्मत के इंतजार में मुंह चिढ़ा रहे हैं। कहीं यह टूटे हुए हैं तो कहीं इनका रंग इतना खराब हो चुका है कि कोई भी नाक चिढ़ा ले। मछलियों को आटा डालने के लिए जब लोग घाट पर आते हैं तो यहां इतनी फिसलन है कि गिरने का खतरा बना हुआ है। कोई व्यवस्था यहां नजर नहीं आती। खाने-पीने की चीजों के दाम से लेकर गुणवत्ता को जांचने के लिए भी कोई कदम नहीं उठाए जा रहे। पूरी तरह से यहां आने वाले पर्यटक परेशान हैं। जालंधर से सपरिवार पहुंचे भूपेश्वर सिंह, जानीपुर से पहुंचे रूपेश राज, लखनपुर से आए लखन महाजन का कहना है कि मानसर को नाम बहुत सुना था। बहुत प्यारी जगह लगी लेकिन यहां व्यवस्था कोई नहीं। जगह-जगह सड़क टूटी हैं। पार्क, सड़कों, झील का रखरखाव नहीं दिख रहा। लगता नहीं कि सरकार चाहती है कि कोई सैलानी यहां आए।

मानसर झील के पूर्वी तट पर एक शेषनाग को समर्पित मन्दिर है 

मानसर झील के पूर्वी तट पर एक शेषनाग को समर्पित मन्दिर है, यह वो नाग है जो भगवान विष्णु के लिये शेष शय्या बनाता है और इसके कई सिर कहलाते हैं। इस स्थान पर एक बड़ा शिलाखण्ड है जिसके ऊपर कई लोहे की जंजीरें बंधी हुई हैं। नवविवाहित युगल को इस झील की तीन परिक्रमा करना शुभ और लाभदायक माना जाता है। इसी परिसर में दो अन्य प्राचीन मन्दिर भी हैं जो उमापति महादेव और नृसिंह भगवान को समर्पित हैं और कुछ दूरी पर एक देवी दुर्गा का मन्दिर भी है जहां बहुत से दर्शनार्थी शृद्धालु आते हैं। त्योहारों के अवसर पर लोग झील में डुबकी भी लगाते हैं। कई हिन्दू परिवार यहां अपने लड़कों का मुंडन संस्कार भी करवाने आते हैं।

जम्मू से मानसर कैसे जाएं

मानसर सांबा से होते हुए जम्मू से करीब 62 तथा सिद्धड़ा-सुरुईंसर से होते हुए करीब 45 किलोमीटर दूर है। मानसर पठानकोट से ऊधपमपुर को जोड़ते बाइपास मार्ग के साथ बसा हुआ है। जम्मू के सिद्धड़ा से होते हुए करीब 25 किलोमीटर दूरी पर सुरईंसर झील पड़ती है। मानसर-सुरईंसर को कभी-कभी जुड़वा झीलों के रूप से देखा जाता है। इन दोनों के बीच सुरुईंसर मानसर वन्य अभयारण्य स्थित है। दोनों झीलों का हिन्दू आस्था में धार्मिक महत्व है।

200 करोड़ के प्रोजेक्ट का प्रस्ताव

मानसर झील को देसी-विदेशी पर्यटकों व श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए सरकार ने 200 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट बनाया है लेकिन इस पर जब काम शुरू होगा तभी कोई राहत मिलेगी। फिलहाल हालत बदतर है। मानसर झील के धार्मिक महत्व को देखते हुए सरकार ने यहां मंदिर जीर्णोद्धार के साथ ओपन ऐयर थियेटर बनाने का प्रस्ताव बनाया है। पर्यटन विभाग जम्मू ने इसके लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट(डीपीआर) भी बनाई है। विभाग की ओर से डीपीआर केंद्र सरकार को सौंप दी गई है। इसके तहत यहां वाॅटर स्पोर्ट्स, वाइल्ड लाइफ सैंच्युअरी, वेलनैस सेंटर और लाइट एंड साउंड शो शुरू करने की तैयारी है। इसके लिए सरकार से जैसे ही बजट मिलेगा, इस पर काम शुरू हो जाएगा।

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