Amarnath Yatra 2022 : अमरनाथ यात्रा में सुरक्षा के किए गए हैं त्रिस्तरीय प्रबंधक, बेखौफ होकर आएं यात्री : उपराज्यपाल

अमरनाथ की तीर्थयात्रा कश्मीर के लिए सिर्फ धार्मिक महत्व नहीं रखती बल्कि यह स्थानीय अर्थ व्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। तीन लाख परिवार इससे प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से आजीविका कमाते हैं। कश्मीर में सुधरते हालात कुछ लोगों को रास नहीं आते और वह यहां हालात बिगाड़ने की हरकते करते हैं

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Sat, 25 Jun 2022 03:11 PM (IST) Updated:Sat, 25 Jun 2022 03:11 PM (IST)
Amarnath Yatra 2022 : अमरनाथ यात्रा में सुरक्षा के किए गए हैं त्रिस्तरीय प्रबंधक, बेखौफ होकर आएं यात्री : उपराज्यपाल
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि लखनपुर से लेकर पवित्र गुफा तक सुरक्षा का पूरा इंतजाम है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को बाबा भोले के भक्तों को बेधड़क हो श्री अमरनाथ की तीर्थयात्रा में शामिल होने का न्यौता देेते हुए कहा कि सुरक्षा का त्रिस्तरीय प्रबंध हैं। यह यात्रा कश्मीरियत का प्रतीक है। यह कश्मीर के लिए सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व नहीं रखती, बल्कि यह स्थानीय अर्थ व्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। तीन लाख परिवार इससे प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से आजीविका कमाते हैं। कश्मीर में सुधरते हालात कुछ लोगों को रास नहीं आते और वह यहां हालात बिगाड़ने की हरकते करते हैं, लेकिन किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। यह बाबा भोले की यात्रा है और बाबा भोले की कृपा से सुरक्षित, शांत और विश्वासपूर्ण वातावरण में ही संपन्न होगी।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को दूरदर्शन के साथ एक साक्षात्कार में तीर्थयात्रा के संदर्भ में की गई तैयारियों की जानकारी देते हुए कहा कि लखनपुर से लेकर पवित्र गुफा तक सुरक्षा का पूरा इंतजाम है। बाल्टाल और पहलगाम से पवित्र गुफा तक यात्रा मार्ग और श्रद्धालुओं की सुरक्षा का जिम्मा सेना संभालेगी। जम्मू से बाल्टाल और पहलगाम तक श्रद्धालुओं के काफिले व यात्रा मार्ग की सुरक्षा सीआरपीएफ संभालेगी। इसके अलावा यात्रा की पूरी निगरानी के लिए श्रीनगर में हमने एक कमांड कंट्रोल सेंटर भी बनाया है। निर्धारित समयावधि में ही श्रद्धालुओं के वाहनों का काफिला चलेगा। प्रत्येक श्रद्धालु को आरआइएफडी बैंड मिलेगा। यात्रा की सुरक्षा में सुरक्षाबलों के साथ साथ अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का भी पूरा इस्तेमाल किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि हम अपने स्तर पर भी यात्रा की सुरक्षा को लेकर नियमित बैठकें कर रहे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री की अध्यक्षता में भी एक बैठक हुई है। किसी भी खतरे से निपटने के लिए सभी सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह समर्थ हैं। यात्रा के दाैरान प्राकृतिक आपदाओं की आशंकाओं का ध्यान में रखते हुए किसी भी आपात स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी रखी गई है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है। यात्रा मार्ग के विभिन्न हिस्सों के सर्वे का काम पूरा कर तदनुसार आपदा प्रबंधन किया गया है।

उन्होंने बताया कि इस बार तीर्थयात्रा के दौरान स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। शौचालयों की संख्या बढ़ाई गई है। यात्रा मार्ग पर हर जगह श्रद्धालुओं को सभी आवश्यक बुनियादी सुविधाएं मिलें, इसका विशेष ध्यान रखा गया है। पर्यावरणीय संतंलण बरकरार रहे, इसके लिए सभी आवश्यक उपाय किए गए हैं। आधार शीविरों में और यात्रा मार्ग पर बिजली की नियमित आपूर्ति की व्यवस्था की गई है। भूमिगत तारे बिछाई गई हैं। यात्रा मार्ग पर संचार सुविधा सुनिश्चित करने के लिए बीएसएनएल ने आप्टिकल फाइबर बिछाई है। पहले सिर्फ नीलग्रथ और पहलगाम से हैलीकाप्टर सेवा उपलब्ध थी,इस बार श्रीनगर से भी हैलीकाप्टर सेवा मिलेगी।

श्रद्धालुओं को पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं मिले, इसके लएि पूरा प्रबंध किया गया है। डीआरडीओ का अस्पताल बनाया गया है। यात्रा मार्ग पर विभिन्न जगहों पर अस्थायी अस्पताल सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं के साथ तैयार किए गए हैं। आक्सीज पैच, आक्सीजन बूथ बनाए गए हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि तीर्थयात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के काफिलों को मार्ग में कोई परेशानी न आए, इसके लिए एक एक विशेष योजना तैयार की है। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रामबन के निकट एक जगह दिक्कत है। वहां अक्सर भूस्खलन होता है। उसके लिए हमने एक वैकल्पिक मार्ग भी तैयार किया है। इसके अलावा वहां एक ऐलीवेटिड सड़क भी तैयार की गई है।

कश्मीर में हालात पहले से कहीं ज्यादा सामान्य और बेहतर : उन्होंने कहा कि कश्मीर में हालात अब पहले से कहीं ज्यादा सामान्य और बेहतर हैं। आर्थिक गतिविधियां तेजी से चल रही हैं। पर्यटकों की आमद लगातार बढ़ रही है और मौजूदा दौर को कश्मीर में पर्यटन के लिहाज से स्वर्णिम दौर कहा जा रहा है। यहां शांति और सामान्य स्थिति बहाल होने के कारण ही यह सब संभव हो पाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के दिशा निर्देश में आगे बढ़ रहे जम्मू कश्मीर में शांति और विकास से कुछ लोग हताश है और वह यात्रा के दौरान कोई गड़बड़ी कर सकते हैं, लेकिन हमारा प्रयास है कि कोई छोटी सी भी घटना न हो। यह बाबा अमरनाथ की यात्रा है जिसे कश्मीरी अवाम पहले की तरह इस बार भी शांतिपूर्ण माहौील में संपन्न कराएगा।

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