Jammu Kashmir के इंजीनियरिंग कालेजों में दाखिले को लेकर रुझान हुआ कम, सीटें अधिक पर आवेदन कर्ता कम

जम्मू कश्मीर के इंजीनियरिंग कालेजों में शिक्षा के गुणवत्ता का स्तर कमजोर होना व प्लेसमेंट के साधन कम होना बताया गया है। जम्मू कश्मीर के इंजीनियरिंग कालेजों में एंट्रेंस टेस्ट देने के लिए इस बार मात्र दो हजार युवाओं ने आवेदन किया है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Sun, 15 May 2022 06:11 PM (IST) Updated:Sun, 15 May 2022 06:11 PM (IST)
Jammu Kashmir के इंजीनियरिंग कालेजों में दाखिले को लेकर रुझान हुआ कम, सीटें अधिक पर आवेदन कर्ता कम
जम्मू कश्मीर के सरकारी व प्राइवेट इंजीनियरिंग कालेजों में कुल 2500 के करीब सीटें हैं।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर के सरकारी व प्राइवेट इंजीनियरिंग कालेजों में दाखिले को लेकर विद्यार्थियों का रुझान कम हो रहा है। विद्यार्थियों का रुझान जेर्ईई की एंट्रेंस परीक्षा देकर प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कालेजों व प्राइवेट कालेजों में दाखिले के लिए बढ़ रहा है। इसका कारण जम्मू कश्मीर के इंजीनियरिंग कालेजों में शिक्षा के गुणवत्ता का स्तर कमजोर होना व प्लेसमेंट के साधन कम होना बताया गया है। जम्मू कश्मीर के इंजीनियरिंग कालेजों में एंट्रेंस टेस्ट देने के लिए इस बार मात्र दो हजार युवाओं ने आवेदन किया है। सरकारी व प्राइवेट इंजीनियरिंग कालेजों में कुल 2500 के करीब सीटें हैं।

बोर्ड आफ प्रोफेशनल एंट्रेंस एग्जामिनेशन के पास जम्मू कश्मीर के सरकारी व इंजीनियरिंग कालेजों में दाखिले के लिए काउंसलिंग करवाने का जिम्मा है। बोर्ड जुलाई महीने में इसके लिए एंट्रेंस टेस्ट आयोजित करेगा। इसकी तिथि की घोषणा जल्द की जाएगी। सीटों के मुकाबले में कम आवेदन होने से सभी को सीटें मिलना तय हो गया है। दो साल तक कोरोना से उपजे हालात के कारण बोर्ड ने एंट्रेंस टेस्ट नहीं करवाया था। बारहवीं कक्षा की मेरिट पर किए गए थे दाखिले। इस दौरान भी प्रतिस्पर्धा बहुत कम थी। इस बार प्रतिस्पर्धा न के बराबर है।इंजीनियरिंग के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि बीत गई है।

अब बोर्ड ने एंट्रेंस टेस्ट करवाने की तिथि का फैसला करना है। जिन दो हजार विद्यार्थियों ने आवेदन किया है, उनमें से सात सौ के करीब जेइइ में चले जाएंगे। उम्मीदवार इसलिए फार्म भरते है ताकि जोखिम न रहे और अगर जेइइ में मेरिट नहीं आया तो बोर्ड आफ प्रोफेशनल एंट्रेंस एग्जामिनेशन के टेस्ट को पास करके जम्मू कश्मीर के इंजीनियरिंग कालेजों में ही दाखिला ले लिया जाए। जिस तरह से रुझान कम दिखाई दे रहा है, उससे लगता है कि मेरिट के लिए कोई प्रतिस्पर्धा नहीं हाेगी। अधिकतर को सरकारी कालेजों में सीटें मिल जाएगी। अधिकतर प्राइवेट इंजीनियरिंग कालेजों में सीटें खाली रह जाएगी। पिछले साल भी ऐसी ही स्थिति बनी थी। इस हालात में कुछ प्राइवेट कालेजों के बंद होने की संभावनाएं भी पैदा हो जाएगी।

chat bot
आपका साथी