New Kashmir: कश्मीर में फहरा रहे तिरंगे मानो राष्ट्र के मुकुट पर चमकते माणिक हैं

Independence Celebration In Kashmir एक समय था जब देशभर से हजारों युवा कश्मीर में तिरंगा फहराने का ख्वाब लिए जम्मू कश्मीर आते थे लेकिन अपने ही देश में तिरंगा फहराने के लिए पुलिस की लाठियां उनका स्वागत करतीं या उन्हें लखनपुर में ही हिरासत में ले लिया जाता।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 07:39 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 06:56 PM (IST)
New Kashmir: कश्मीर में फहरा रहे तिरंगे मानो राष्ट्र के मुकुट पर चमकते माणिक हैं
कश्मीरी युवा इस वास्तविकता को अब समझ चुका है। उसे भी विकास चाहिए, अमन चाहिए।

जम्मू, अनिल गक्खड़ : बार-बार एक ही सवाल पूछा जाता है कि 370 से आजादी के बाद जम्मू कश्मीर में क्या बदला? क्या सच में कश्मीर बदल रहा है? क्या यह बदलाव टिकने वाला है? कश्मीर की सड़कों पर आप थोड़ी देर टहलें, फिजा कदम-कदम पर बदलाव के संकेत आप तक पहुंचाएगी। सरकारी इमारतों से लेकर सार्वजनिक स्थलों पर शान से लहराते तिरंगे इस बदलाव के सबसे बड़े चश्मदीद गवाह हैं।

कश्मीर के एक युवा ने इस बदलाव को इन शब्दों में बयां किया है, 'कश्मीर में यूं फहरा रहे तिरंगे मानो राष्ट्र के मुकुट पर चमकते माणिक हैं।' गलियों में, चौराहों पर और अब तो निजी भवनों पर शान से फहराते तिरंगे कश्मीर में राष्ट्रवादी विचारधारा के उदय की पूरी कहानी कह देते हैं।

एक समय था जब देशभर से हजारों युवा कश्मीर में तिरंगा फहराने का ख्वाब लिए जम्मू कश्मीर आते थे लेकिन अपने ही देश में तिरंगा फहराने के लिए पुलिस की लाठियां उनका स्वागत करतीं या उन्हें लखनपुर में ही हिरासत में ले लिया जाता। तिरंगे का नाम सुनते ही राष्ट्रविरोधी तत्व हंगामा कर देते। जगह-जगह प्रदर्शनों में पाकिस्तान के झंडे फहराए जाते।

370 से आजादी के दो बरस में बस इतना सा ही बदला है। अब आतंक के गढ़ में तिरंगा यात्राएं निकल रहीं हैं और अलगाववादियों की बोलती बंद है। साफ है कि अब जम्मू-कश्मीर की जनता उस आतंक के दौर से निकल तिरंगे की सरपरस्ती में विकास की राह पर सरपट दौड़ने को उत्सुक है। युवा शाहिद कहते हैं कि पाकिस्तान ने हमेशा हमारा इस्तेमाल ही किया। अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए हमारे हाथों में बंदूक थमा दी। कश्मीरी युवा इस वास्तविकता को अब समझ चुका है। उसे भी विकास चाहिए, अमन चाहिए।

वादी में यह स्वतंत्रता दिवस होने वाला है खास: इस बार कश्मीर में स्वतंत्रता दिवस कुछ खास होने वाला है। आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में जम्मू कश्मीर सरकार ने गांव-गांव में तिरंगा फहराने का निर्णय लिया है और सभी सरपंचों को जिम्मेवारी दी गई है। इसके अलावा सभी सरकारी इमारतों पर राष्ट्रध्वज फहराना सुनिश्चित करने को कहा गया है। गुलमर्ग में कश्‍मीर का सबसे ऊंचा तिरंगा फहराने को तैयार है।

अब गांव-गांव लहराएगा तिरंगा: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस बदलाव को गांव-गांव पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। यही वजह है कि इस स्वतंत्रता दिवस पर जम्मू कश्मीर के करीब 3300 गांवों में तिरंगे फहराए जाएंगे। इनमें से कश्मीर के भी एक हजार गांव है।

"One Flag, one Land, one Heart, one Hand"#Kashmir ready to welcome the Tallest Flag in Gulmarg. The skyline of #Gulmarg will soon be characterised by 100 ft tall #Flag. The place is increasingly becoming popular among the tourists.

Jai Hind 🇮🇳#IndianArmy#India @adgpi pic.twitter.com/c9ioPpMJJr— Chinar Corps🍁 - Indian Army (@ChinarcorpsIA) August 4, 2021

डोगरा वीरों ने दी थी कुर्बानी :  आजादी के बाद जब देश में घर-घर में तिरंगे फहराए जा रहे थे, जम्‍मू कश्‍मीर में प्रजा परिषद तिरंगे के लिए आंदोलन चला रही थी। जगह-जगह तिरंगा यात्राएं निकालने का प्रयास किया जा रहा था। पुलिस तिरंगा फहराने से पहले ही लोगों को गिरफ्तार कर लेती। कई जगह आंदोलनकारियों पर पुलिस ने गोली भी चला दी और करीब डेढ़ दर्जन आंदोलनकारी अलग-अलग जगह पर तिरंगे के लिए कुर्बान हो गए।

कभी नरेंद्र मोदी आए थे तिरंगा फहराने: 1992 में नरेंद्र मोदी भाजपा की यात्रा में श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने आए थे। नरेंद्र मोदी उस यात्रा के संयोजक थे और वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी के साथ तिरंगा फहराया था। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने 370 के दाग को खत्म कर कश्मीर में गली-गली तिरंगा फहराने की राह खोल दी।

महबूबा ने कहा था, तिरंगे को कोई नहीं उठाएगा: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के खात्मे की चर्चाओं के बीच महबूबा ने धमकी दी थी कि कश्मीर में तिरंगे को कोई नहीं उठाएगा। इसका असर यह हुआ कि उसकी अपनी ही पार्टी में विद्रोह की स्थिति बन गई और जम्मू संभाग से सभी नेताओं ने पार्टी से किनारा शुरू कर दिया। आज उनके भी सुर बदले से नजर आते हैं।

कुछ यूं समझें बदलाव कश्मीर विश्वविद्यालय में 74 साल में पहली बार तिरंगा फहराया गया। कश्मीर के हर सरकारी भवन पर तिरंगा फहरा रहा है। गुलमर्ग में घाटी का सबसे ऊंचा तिरंगा फहराने के लिए तैयार है उड़ी से लेकर श्रीनगर और सभी प्रमुख शहरों में सार्वजनिक स्थलों पर तिरंगे फहराए जा रहे हैं   गुलमर्ग में फहराएगा कश्‍मीर का सबसे बड़ा तिरंगा।

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