आतंकवाद के दुष्प्रचार से युवाओं को बचाने के लिए धरती के स्वर्ग में रोशन होगी मजहबी भाईचारे की मशाल

जम्मू कश्मीर नेशनलिस्ट पीपुल्स फोरम के अध्यक्ष शेख मुजफ्फर ने कहा कि जिहादी तत्वों और पाकिस्तान के दुष्प्रचार से पूरी दुनिया में इस्लाम की छवि धूमिल हो चुकी है। लोग किसी मुस्लिम का नाम सुनते ही आतंकी समझने लगते हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 12:36 PM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 12:37 PM (IST)
आतंकवाद के दुष्प्रचार से युवाओं को बचाने के लिए धरती के स्वर्ग में रोशन होगी मजहबी भाईचारे की मशाल
नौजवानों को गुमराह करने वालों को नाकाम बना सकें।

नवीन नवाज, श्रीनगर। आतंकवाद के दुष्प्रचार से युवाओं को बचाने के लिए कश्मीर में उलेमा, मौलवी और अन्य इस्लामिक विद्वान आगे आए हैं। इसके लिए पूरे प्रदेश में सीरत मजलिसों, मजहबी भाईचारे पर संगोष्ठियां आयोजित किये जाएंगे। इसमें कट्टरवाद के खात्मे और भाईचारे पर चर्चा होगी।

पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के दुष्प्रचार से स्थानीय युवाओं को बचाने के लिए अब उलेमा, मौलवी सहित अन्य इस्लामिक विद्वान जम्मू कश्मीर के हर शहर और कस्बे में जाएंगे। वे सच्चाई, हक व मुहब्बत के साथ सभी की खुशहाली और अमन ही इस्लाम का पैगाम है, का संदेश देंगे। इसे लेकर सीरत मजलिसों, भाईचारे पर सेमीनार और संगोष्ठियों का आयोजन होगा। इसमें सभी मजहबों को मानने वालों को भी बुलाया जाएगा।

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी और उसके द्वारा प्रायोजित जिहादी संगठन जम्मू कश्मीर में आतंकवाद व हिंसा का दुष्चक्र चला स्थानीय युवाओं को मजहब की बुनियाद पर गुमराह कर आतंकी बनाने में जुटे हैं। इंटरनेट मीडिया और अन्य माध्यमों से भी प्रदेश के युवाओं को वतन से गद्दारी और निर्दोष लोगों के कत्ल के लिए उकसाया जा रहा है। राष्ट्रविरोधी तत्वों और जिहादी संगठनों के दुष्प्रचार से गुमराह होकर बीते साल 175 युवा आतंकी बने हैं। स्थानीय युवाओं को जिहादी तत्वों के दुष्प्रचार से बचाने, कट्टरवाद को समाप्त कर मजहबी भाईचारे की मशाल को रोशन करने के मिशन को पूरा करने के लिए प्रदेश के विभिन्न इस्लामिक संगठनों से जुड़े मौलवी, उलेमाओं के आगे आने के अलावा स्थानीय मुस्लिम संगठनों ने जिम्मेदारी संभाली है। सभी का मकसद एक है कि पूरी दुनिया में दुष्प्रचार से धूमिल हो चुकी है इस्लाम की छवि सुधारना है।

चैयरमैन मदरसा हुसैनिया निजामिया मौलाना मुजफ्फर

स्कूलों में पढ़ाया जाए: कश्मीर के प्रतिष्ठित इस्लामिक विद्वान मौलाना अब्दुल रशीद दाऊदी ने कहा कि इस्लाम दूसरे मजहब के अनादर की सख्त मुखालफत करता है। रसूले पाक की जिंदगी अमली तौर पर इंसानियत मसावात, भाईचारे का मिसाली नमूना है। ऐसे कई उदारहण हैं जो इंसानियत का सबक देते हैं। वतन की मुहब्बत भी ईमान का एक हिस्सा है। यह हमें अपनी आने वाली नस्लों को अच्छे से समझाना है। हम चाहते हैं कि स्कूलों में जो पढ़ाया जा रहा है,उसमें कुछ ऐसे सबक शामिल हो जो बताएं कि इस्लाम दूसरे मजहब के अनादर की सख्त मुखालफत करता है। इस्लाम सिर्फ अमन, भाईचारे, सच्चाई, इबादत पर जोर देता है। गौरतलब है कि मौलाना अब्दुल रशीद दाऊदी पर कई बार आतंकी हमला भी हो चुका है।

निर्दोष को मारना इंसानियत का कत्ल: नियंत्रण रेखा से सटे जिला पुंछ से ताल्लुक रखने वाले मुफ्ती असलम ने कहा कि खून तो दूर इस्लाम के मुताबिक पानी भी अनावश्यक रूप बहाना गुनाह है। निर्दाेष को मारना पूरी इंसानियत का कत्ल है। मुहब्बत, हक, सच्चाई मजहबी भाईचारा और खिदमते खलक ही इस्लाम का मकसद है। इस्लाम और कुरान के बारे में सही जानकारी देने के लिए हम हर शहर और गांव में जाएंगे। हम वहां सेमीनार और मजलिसों में हिस्सा लेंगे।

मुफ्ती असलम

दुष्प्रचार से इस्लाम की छवि धूमिल हुई: जम्मू कश्मीर नेशनलिस्ट पीपुल्स फोरम के अध्यक्ष शेख मुजफ्फर ने कहा कि हम इस मानसिकता को बदलना चाहते हैं। यह तभी बदलेगी जब इस्लाम के नाम पर निर्दाेषों का कत्ल बंद होगा। अमन की मशाल लिए मुस्लिम आगे चल रहे हों। हमने इसी मकसद से सभी उलेमाओं और मौलवियों को एक मंच देने का प्रयास किया है। जहां से वे अपनी बात मजबूती के साथ दुनिया तक पहुंचाते हुए इस्लाम की गलत व्याख्या कर नौजवानों को गुमराह करने वालों को नाकाम बना सकें।

chat bot
आपका साथी