आधुनिक हथियारों से लैस वायुसेना का दमखम देख विद्यार्थियों में जोश

कई बच्चे वायुसेना में शामिल होने के लिए प्रेरित हुए। आने वाले समय में उनमें से कई वायुसेना में भर्ती होकर हवाई सीमाओं की रक्षा का जिम्मा भी संभाल सकते हैं।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Sat, 29 Sep 2018 10:04 AM (IST) Updated:Sat, 29 Sep 2018 10:06 AM (IST)
आधुनिक हथियारों से लैस वायुसेना का दमखम देख विद्यार्थियों में जोश
आधुनिक हथियारों से लैस वायुसेना का दमखम देख विद्यार्थियों में जोश

जम्मू, राज्य ब्यूरो। आधुनिक हथियारों से लैस भारतीय वायुसेना दुश्मन पर हवा से मारक प्रहार करने के साथ जमीनी युद्ध में भी उसके हौसले पस्त कर सकती है। युवा पीढ़ी को भारतीय वायुसेना ने यह विश्वास सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी वर्षगांठ पर जम्मू एयरफोर्स स्टेशन में शुरू हुए दो दिवसीय कार्यक्रम में दिलाया।

वर्ष 2016 में 29 सितंबर को सेना की उत्तरी कमान ने कश्मीर के उड़ी, जम्मू संभाग के पुंछ जिले के मेंढर व राजौरी जिले के नौशहरा में सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर गुलाम कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा चलाए जा रहे कई आतंकी प्रशिक्षण शिविर तबाह करते हुए बड़ी संख्या में आतंकियों को मार गिराया था।

शुक्रवार को सेना का हौसला बढ़ाने के लिए देशभर में मनाए जा रहे पराक्रम पर्व के पहले दिन वायुसेना के गरुड़ कमांडो ने भी स्पष्ट संदेश दिया कि अगर जरूरत पड़ी तो वे भारतीय सेना की स्पेशल फोर्स की तर्ज पर दुश्मन पर मारक प्रहार करने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक करने की काबिलियत रखते हैं।

शुक्रवार सुबह दो दिवसीय इस कार्यक्रम का उद्घाटन जम्मू एयरफोर्स स्टेशन के कार्यवाहक एयर आफिसर कमांडिंग ग्रुप कैप्टन एनके चौबे ने किया। इस मौके पर वायुसेना के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। वायु सेना पराक्रम पर्व मनाने के साथ अपनी 86वीं वर्षगांठ भी मना रही है।

जम्मू एयरफोर्स स्टेशन में गरुड़ कमांडो ने विशेष अभियानों में आधुनिक स्नाइपर गन, अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर, कमांडो चाकू, पैरा ड्राप करने का साजो सामान, यंत्र, नाइट विजन, हैंड हेल्ड राकेट लांचर के इस्तेमाल के बारे में स्कूली बच्चों को जानकारी दी।

जम्मू शहर के विभिन्न स्कूलों के बच्चे वायुसेना का दम खम देखकर प्रभावित हुए। कई बच्चों में वायुसेना में शामिल होने का जज्बा भी बुलंद हुआ।गरुड़ कमांडो ने पराक्रम पर्व के पहले दिन ड्रिल के माध्यम से बताया कि विशेष अभियान के दौरान त्वरित कार्रवाई करते हुए वे हेलीकॉप्टर से अपने लक्ष्य तक पहुंचकर कैसे प्रहार करते हैं। बच्चों ने वायुसेना में पायलट रहित विमान की भूमिका के बारे में भी जानकारी ली।

विशेष अभियानों के दौरान दुश्मन को नाकाम बनाने के लिए वायु सेना के गरुड़ कमांडो की भूमिका में स्कूली बच्चों ने सबसे अधिक दिलचस्पी दिखाई। वहीं वायुसेना के एमआई 17 हेलीकॉप्टर के साथ सेल्फी खिंचाने में भी युवाओं ने बहुत उत्साह दिखाया।

इस मौके पर कार्यवाहक एओसी ने कहा कि कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों को सशस्त्र सेना की भूमिका के बारे में जानकारी दी। कई बच्चे वायुसेना में शामिल होने के लिए प्रेरित हुए। आने वाले समय में उनमें से कई वायुसेना में भर्ती होकर हवाई सीमाओं की रक्षा का जिम्मा भी संभाल सकते हैं।

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के पहले दिन जम्मू के स्कूलों के तीन हजार के करीब स्कूली बच्चे जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर पहुंचे।

समूह राष्ट्रगान गाकर मनाई वर्षगांठ

सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी वर्षगांठ पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने जम्मू विश्वविद्यालय में समूह राष्ट्रगान कार्यक्रम आयोजित किया। विश्वविद्यालय में फ्लैग कांप्लेक्स के नजदीक कार्यक्रम में ढाई सौ से अधिक विद्यार्थियों ने राष्ट्रगान में भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए विद्यार्थी परिषद की जम्मू यूनिवर्सिटी यूनिट के प्रधान रवैल परिहार ने कहा कि हमारे लिए यह गौरव की बात है कि हमारे जवानों ने सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब दिया है।

युवाओं का मनोबल बढ़ाने के लिए देश भक्ति का जज्बा भरने की जरूरत है। मनासवी ने कहा कि पाकिस्तान को फिर से सबक सिखाने की जरूरत है। पाकिस्तान अपने नापाक इरादों को अंजाम देने से बाज नहीं आ रहा है। कार्यक्रम में शुभम शर्मा, आरूष खजूरिया, श्याम शर्मा, मंयक अबरोल, मानिक रेशी, अर्जुन, कोमल व अन्य ने संबोधित किया।

विद्यार्थियों में फाइटर पायलट बनने का उत्साह

पराक्रम पर्व के दो साल पूरा होने पर जम्मू एयरफोर्स स्टेशन में भारतीय वायुसेना की ताकत देख कई विद्यार्थियों में फाइटर पायलट बनने का उत्साह दिखा। पराक्रम पर्व पर कार्यक्रम के पहले दिन दुश्मन के मंसूबों को नाकाम बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले हथियार देखकर बच्चों में देश सेवा का जज्बा पैदा हुआ।

हेरीटेज, शिक्षा निकेतन, आर्मी पब्लिक स्कूल, केवी, एयरफोर्स स्कूल समेत एक दर्जन से अधिक स्कूलों के विद्यार्थी शुक्रवार को वायुसेना के कार्यक्रम में पहुंचे। अधिकतर बच्चों को पहली बार जम्मू एयरफोर्स स्टेशन को करीब से देखने का मौका मिला था। वे एयरफोर्स के हेलीकॉप्टरों को देखकर खासे उत्साहित हुए।

फाइटर विमान कैसे मिसाइलें दागते हैं, राडार कैसे दुश्मन के विमान का पता लगाता है, कमांडो छिपे दुश्मन को रात के अंधेरे में कैसे देख लेते हैं, व दुश्मन पर पक्का निशाना कैसे लगता है, राकेट लांचर कितनी तबाही करता है, स्नाइपर राइफल कितनी दूर तक मार करती है, वायुसेना के अधिकारी, जवान दिनभर ऐसे प्रश्नों का जबाब देते रहे।

सातवीं के छात्र प्रणव ने जागरण को बताया कि उन्होंने पहली बार एयरफोर्स के हेलीकॉप्टरों को करीब से देखा। स्टेशन पर उन्हें यह जानकारी भी मिली कि पायलट बनने के लिए क्या करना पड़ता है। प्रणव ने कहा कि वह मेहनत कर एनडीए पास कर वायुसेना में भर्ती होने की कोशिश करेगा। दसवीं के आर्यन ने बताया कि उन्होंने मानव रहित विमान के बारे में जानकारी ली। पहली बार पता लगा कि वायुसेना में कमांडो भी होते हैं जो हर प्रकार का युद्ध लड़ सकते हैं।

आठवीं की कीर्ति का कहना था कि उन्होंने पहली बार वायुसेना व उसके हथियारों को इतना करीब से देखा है।विद्यार्थियों ने बताया कि उन्होंने कमांडो की स्नाइपर राइफल व मोर्टार दागने वाली गन अच्छी लगी। पता चला कि दुश्मन को हराने के लिए हमारी वायुसेना के पास देश, विदेश में बने अच्छे से अच्छे हथियार हैं। प्रदर्शनी देखने आए जम्मू के एक दर्जन के करीब अन्य स्कूलों के बच्चे भी शुक्रवार को इसी तरह से जोश में थे। 

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