Jammu : बेसहारों के जख्मों पर युवाओं के अपनेपन का "मरहम"

ऐसे ही लोगों की सहायता के लिए रीजनल रेडक्रास सोसायटी के बैनर तले कुछ युवा सामने आए हैं। यह अब ऐसे लोगों को रेडक्रास सराय में लाकर उनका न सिर्फ इलाज करवा रहे हैं

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sun, 09 Jun 2019 11:21 AM (IST) Updated:Sun, 09 Jun 2019 11:21 AM (IST)
Jammu : बेसहारों के जख्मों पर युवाओं के अपनेपन का "मरहम"
Jammu : बेसहारों के जख्मों पर युवाओं के अपनेपन का "मरहम"

जम्मू, रोहित जंडियाल । जम्मू में ऐसे कई लोग हैं जिनका यहां पर कोई भी अपना नहीं है। उनकी हालत बदतर बनी हुई है। न तो कोई अपना उन्हें अपनाने के लिए तैयार है और न ही समाज के अन्य वर्ग। उनकी हालत ऐसी है कि कोई हाथ लगाने को भी तैयार नहीं। ऐसे ही लोगों की सहायता के लिए रीजनल रेडक्रास सोसायटी के बैनर तले कुछ युवा सामने आए हैं। यह अब ऐसे लोगों को रेडक्रास सराय में लाकर उनका न सिर्फ इलाज करवा रहे हैं बल्कि उन्हें जिंदगी की नई राह भी दिखा रहे हैं। उनके जख्मों पर मल्हम लगाने के साथ-साथ उनका पूरा हुलिया ही बदल रहे हैं।

तीन दिनों में ऐसे तीन लोगों को फिर से समाज में उठने बैठने के काबिल बनाया है। यह स्वयं सेवक जम्मू के विभिन्न स्थानों के रहने वाले हैं। तीन दिन पहले उन्होंने उड़ीसा के रहने वाले एक व्यक्ति को रेडक्रास सराय में लाया। उस व्यक्ति की हालत इतनी बदतर थी अस्पताल में भी उसे कोई भर्ती करने के लिए तैयार नहीं था। यह व्यक्ति एक चौराहे पर लेटा रहता था। अपना नाम तक बताने में समर्थ नहीं था। टांगों व पांव में सिर्फ जख्म थे। कुछ जगह पर कीड़े पड़ गए थे। मगर कुछ युवाओं ने इस व्यक्ति को उठाया और पूरा हुलिया बदल दिया। इन युवाओं में अनिल, अब्दुल, विजय, विशाल, रजत और मुबारक शामिल थे। युवाओं ने उसे नहलाया, उसके बाल स्वयं काटे। उसके जख्मों को साफ किया और मरहम पट्टी की। उसे दवाई दी। कपड़े दिए और खाना भी खिलाया। अब यह स्वयं सेवक उसका ख्याल स्वयं रख रहे हैं।

अधिकांश जम्मू कश्मीर के बाहर के रहने वाले हैं

इसी तरह एक महिला और अन्य व्यक्ति को भी इसी हालात में रेडक्रास सराय में लाए और उनका इलाज भी करवाया। इन युवाओं का कहना था जम्मू शहर व आसपास में हर दिन वे ऐसे कई लोग देखते हैं जो कि सड़क किनारे ही दम तोड़ देते हैं। ऐसे लोगों की सेवा करने के लिए कोई भी आगे नहीं अाता। इनके आगे-पीछे भी कोई नहीं है। अधिकांश जम्मू कश्मीर के बाहर के रहने वाले हैं। जो यहां पर आते हैं और बाद में यहीं पर लावारिस की जिंदगी व्यतीत करते हैं। ऐसे लोगों को अब वे रेडक्रास सराय में लाकर उन्हें जिंदगी जीने के लिए प्रेरित करेंगे। पहले उनका इलाज होगा। उन्हें पहनने के लिए अच्छे कपड़े दिए जाएंगे। खाना खिलाया जाएगा।

युवाअों को इस तरह के सामाजिक काम करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है

वहीं रीजनल रेडक्रास सोसायटी के आनरेरी सचिव दिनेश गुप्ता का कहना है कि युवाअों को इस तरह के सामाजिक काम करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। ऐसे लावारिस व्यक्तियों की यह युवा बहुत ही अच्छी तरह से सेवा कर रहे हैं। यह लोग जिस राज्य के रहने वाले हैं, उनका भी पता करवाया जा रहा है। प्रयास होगा कि इन लोगों को उनके परिजनों के साथ मिलाया जा सके।

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