कश्मीर में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की पुलवामा कांड दोहराने की साजिश नाकाम, चार ओवरग्राउंड वर्कर गिरफ्तार, 10 किलोग्राम आइईडी बरामद
बीती रात पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े चार ओवरग्राउंड वर्करों को चिन्हित किया । इसके बाद पुलिस ने सेना की 55 राष्ट्रीय राइफल और सीआरपीएफ के साथ मिलकर इन्हें पकड़ने के लिए एक अभियान चलाया । बारपोरा से तीन ओवरग्राउंड वर्करों को पकड़ा।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। पुलिस ने शनिवार को पुलवामा में एक शक्तिशाली आइईडी बरामद कर, जैश-ए-मोहम्मद की पुलवामा कांड दोहराने की साजिश को नाकाम बना दिया है। पुलिस ने इस सिलसिले में चार ओवरग्राउंड वर्कर भी गिरफ्तार किए हैं। इन चारों ने आइईडी धमाके को अंजाम देने के साथ ही जैश-ए-माेहम्मद में सक्रिय होने का एलान करना था। उल्लेखनीय है कि 14 फरवरी 2019 को लेथपोरा पुलवामा मे जैश-ए-मोहम्मद के एक स्थानीय आतंकी आदिल डार ने सीआरपीएफ के काफिले पर विस्फोटकों से लदी कार के साथ हमला किया था। इस हमले में 40 सीआरपीएफ कर्मी मौके पर ही शहीद हो गए थे।
पुलिस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि बीते कुछ दिनों से लगातार सूचना मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद में स्थानीय आतंकियों का एक नया माड्यूल सक्रिय होने जा रहा है। इसमें करीब चार लड़के शामिल हैं। इन्हें सुरक्षाबलों का एक काफिला उड़ाने के लिए आइईडी लगाने का जिम्मा मिला है। इस वारदात को अंजाम देने के बाद यह लड़के आतंकी संगठन में पूरी तरह सक्रिय हो जाएंगे। पुलिस ने पुलवामा और उसके साथ सटे इलाकों में संदिग्ध तत्वों की निगरानी शुरु की।
बीती रात पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े चार ओवरग्राउंड वर्करों को चिन्हित किया । इसके बाद पुलिस ने सेना की 55 राष्ट्रीय राइफल और सीआरपीएफ के साथ मिलकर इन्हें पकड़ने के लिए एक अभियान चलाया । बारपोरा से तीन ओवरग्राउंड वर्करों को पकड़ा। इनकी पहचान बिलाल अहमद गनई, फिरोज अहमद और यावर अहमद डार के रुप में हुई है। इनका एक अन्य साथी वकार अहमद पंडित निकटवर्ती तलनगाम से पकड़ा गया। बारपोरा जिला मुख्यालय पुलवामा के साथ बिल्कुल सटा हुआ है। इसके अलावा यह काकपोरा करीमाबाद के साथ भी जुड़ा हुआ है। 14 फरवरी 2018 को लिथपोरा में हमला करने वाला जैश का आत्मघाती आतंकी भी इसी इलाके का रहने वाला था।
पुलिस ने इन चारों से पूछताछ की तो उन्होंने कई सनसनीखेज खुलासे किए। उन्होंने बताया कि वह जैश-ए-मोहम्मद के लिए बतौर ओवरग्राउंड वर्कर काम कर रहे थे और अब आतंकी संगठन में पूरी तरह सक्रिय होने जा रहे थे। वह करीमाबाद के रहने वाले जैश कमांडर जहीर टाइगर के साथ लगातार संपर्क में थे। जहीर ने ही उन्हें आइईडी लगाकर सैन्य काफिले को नुक्सान पहुंचाने का जिम्मा सौंपा था। हमले के लिए आइईडी तैयार की जा चुकी थी और उसे अगले एक दो दिन में एक जगह विशेष पर लगाना था। उन्होंने बताया कि इस हमले का निशाना बनने वाले जवानों के हथियार भी लूटनेे का मंसूृबा बनाया गया था।
जैश-ए-मोहम्मद के चारों ओवरग्राउंड वर्करों की निशानदेही पर पुलिस ने बारपोरा में एक बाग की तलाशी ली और वहां छिपाई गई 10 किलो की आइईडी बरामद की। संबंधित पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अगर यह आइईडी सही तरीके से लगाई जाती है और आतंकी अपने मंसूबे में कामयाब रहते तो लिथपोरा पुलवामा हमले की पुनार्वृत्ति हो जाती। फिलहाल, आइईडी को सुरक्षित तरीके से नकारा बनाया गया है। जहीर टाइगर को पकड़ने के लिए उसके ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही है।