सीमा पर तैनात सुहाग की सलामती के लिए पत्नियां कुछ इस तरह मनाती हैं करवाचौथ
जिन महिलाओं के पति देश की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात हैं, वे भी व्रत की तैयारियों में जुटी हैं। वहां बहादुदी है तो यहां भी साहस कम नजर नहीं आता।
जम्मू, जागरण संवाददाता। आज करवाचौथ है देशभर की महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक सभी इस व्रत को रख रहे हैं। आज का ये व्रत महिलाओं के लिए खास हैं इसीलिए बिना पति के इस पर्व की खुशियां अधूरी हैं। यह व्रत पतियों की सलामती के लिए रखा जाता है इसीलिए ऐसे में चाहें वो पति उनके साथ हो या दूर पर वह इस व्रत को पूरे मन से रखती हैं। ऐसे में जिन महिलाओं के पति देश की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात हैं, वे भी व्रत की तैयारियों में जुटी हैं। वहां बहादुदी है तो यहां भी साहस कम नजर नहीं आता। उनका कहना है कि वे अपने पति की लंबी उम्र के साथ देश की सुरक्षा की भी कामना करेंगी।
सरहदों की सुरक्षा में तैनात फौजियों की पत्नियां करवाचौथ पर अपने पतियों का दीदार वीडियो कॉल से करेंगी। राज्य में करीब सात लाख सेना और अर्दद्धसुरक्षा बल तैनात हैं। यह सभी जवान इतने खुशनसीब नहीं होते कि वे घर जाकर अपने परिवार के बीच करवाचौथ मना सकें। अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर करीब पांच हजार स्थानीय युवा ऐसे हैं जो कश्मीर घाटी के अलावा देश के अन्य प्रांतों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। करवाचौथ हिन्दुओं का ऐसा त्यौहार है जहां पत्नियां चांद निकलने पर अपने पति के चेहरे का दीदार कर उनकी लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं। टेक्नोलॉजी के इस युग में अधिकतर पत्नियां वीडियो कॉलिंग कर पतियों का साक्षात दीदार करेंगी।
सीमावर्ती आरएसपुरा के वार्ड नंबर में रहने वाली महिला कमला रानी का कहना है कि उनके पति गुजरात के कच्छ इलाके में तैनात है। उनकी शादी को अठारह साल हो गए हैं और तीन-चार बार ही ऐसा अवसर रहा होगा जब उनके पति करवाचौथ पर उनके साथ थे। इस बार भी छुट्टी न मिलने के कारण वह अपना व्रत का उद्यापन उनके समक्ष नहीं कर पाएंगी। शाम को ड्यूटी से छुट्टी होने पर वीडियो कॉल करेंगे। पहले तो उन्हें फोटो देखकर व्रत खोलना पड़ता था परंतु टेक्नोलॉजी के इस युग में अब दूर बैठा व्यक्ति भी पास लगता है। चांद दिखने पर वीडियो कॉल के जरिए व्रत खोलेंगे और बात भी होगी।
वहीं सविता कुमारी ने भगवान का इस बात का शुक्रिया अदा किया कि इस बार सीमा पर हालात ठीक हैं। पिछले साल उन्हें यह व्रत शरणार्थी शिविर में मनाया था। उन्होंने कहा कि सीमा पर शांति ही इस त्यौहार की सबसे बड़ी खुशहाली है, जो सभी घरों में आएगी। पर कश्मीर घाटी में जो हालात हैं, उससे कुछ सुहागिनें चितिंत भी हैं।
वहीं सुषमा कहती हैं, बहुत दुख होता है, पर्व पर अकेलापन महसूस होता। मैं व्रत वीडियो कॉल करके खोलूंगी, आर्शीवाद भी फोन पर ही लूंगी। अखनूर रहने वाली पूजा शर्मा के पति इस समय राजस्थान बार्डर पर तैनात हैं। अपनी शादी के आठ सालों में वह एक बार भी पति का मुंह देख तक व्रत नहीं खोल पाई हैं। ये वे महिलाएं हैं जिनके पति देश की सेना के लिए रात दिन सीमा पर तैनात रहते हैं ताकि और महिलाओं का सुहाग सदा अमर रहे।