Snowfall in Kashmir: बर्फ पर घंटों पैदल चल, कंधों पर उठा अस्पताल पहुंचाई गर्भवती महिला

Snowfall in Kashmir परिजनों का कहना है कि बाहर आने पर सभी रास्ते बर्फ के कारण बंद हो गए थे। बाहर एक-एक फुट की बर्फ पड़ी थी। परिजन उसे बर्फ में लेकर चलते रहे और कई किलोमीटर चलने के बाद सबसे नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र डांगविचा पहुंचे।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Tue, 05 Jan 2021 02:33 PM (IST) Updated:Tue, 05 Jan 2021 02:33 PM (IST)
Snowfall in Kashmir: बर्फ पर घंटों पैदल चल, कंधों पर उठा अस्पताल पहुंचाई गर्भवती महिला
कई स्थानों पर भी लोगों को इसी तरह से सुविधाओं के लिए परेशान होना पड़ता है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी के कारण दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जिंदगी दुभर हो गई है। लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भी घंटों बर्फ के बीच पैदल चलकर अस्पतालों मं पहुंचना पड़ रहा है।ऐसी ही एक घटना उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के रफियाबाद में देखने को मिली जब गर्भवती महिला को चारपाई पर लेटाकर कई किलोमीटर बर्फ पर पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाया गया।

यह घटना हमाम मारकूट रफियाबाद की है। रविवार को उसे प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिजनों के लिए उसे अस्पताल पहुंचाना आसान नहीं था। बाहर बर्फबारी के कारण रास्ते बंद थे और अस्पताल कई किलोमीटर दूर था। लेकिन परिजनों ने हिम्मत नहीं हारी और उन्होंने बिना समय गंवाए गर्भवती महिलार को चारपाई पर लेटाकर उसे अस्पताल ले जाने के लिए बाहर निकल पड़े।

परिजनों का कहना है कि बाहर आने पर सभी रास्ते बर्फ के कारण बंद हो गए थे। बाहर एक-एक फुट की बर्फ पड़ी थी। परिजन उसे बर्फ में लेकर चलते रहे और कई किलोमीटर चलने के बाद सबसे नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र डांगविचा पहुंचे।

स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने के बाद प्रसव के बाद महिला ने बच्चे को जन्म दिया। हालांकि परिजनों द्वारा समय पर उसे अस्पताल पहुंचाने के कारण मां और बच्चे दोनों की हालत सामान्य बनी हुई है। परिजनों के अनुसार प्रसव पीड़ा होने के बाद वे परेशान हो गए थे। उन्हें करीब 12 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा।इसके बाद गाड़ी मिली और वे अस्पताल पहुंचने मं सफल रहे।

गांव के लोगों का कहना है कि उन्होंने अधिकारियों से कई बार सड़क को साफ करने को कहा। लेकिन किसी नेे भी उनकी नहीं सुनी। यही कारण है कि बर्फबारी के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। किसी भी सुविधा के लिए उन्हें घंटों पैदल चलना पड़ता है। जम्मू-कश्मीर के अन्य कई स्थानों पर भी लोगों को इसी तरह से सुविधाओं के लिए परेशान होना पड़ता है।  

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