माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर लंगर घर शुरू, श्रद्धालुओं ने डोगरा व्यंजन का लुत्फ उठाया

अगर श्राइन बोर्ड सच में अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को निशुल्क भोजन करवाने की मंशा रखता है तो वह यह लंगर घर पारंपरिक रूट पर शुरू करता।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 09 May 2019 05:50 PM (IST) Updated:Fri, 10 May 2019 09:12 AM (IST)
माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर लंगर घर शुरू, श्रद्धालुओं ने डोगरा व्यंजन का लुत्फ उठाया
माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर लंगर घर शुरू, श्रद्धालुओं ने डोगरा व्यंजन का लुत्फ उठाया

कटड़ा, राकेश शर्मा। माता वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ताराकोट मार्ग पर लंगर सुविधा आज से शुरू कर दी गई है। लंगर के पहले दिन श्रद्धालुओं में हलवे के साथ डोगरी भोजन परोसा गया। लंगर में डोगरी व्यंजनों का लुत्फ उठा श्रद्धालु भी अत्यंत प्रसन्न नजर आए। उन्होंने बोर्ड की इस पहल की सराहना भी की। मां वैष्णो देवी के ताराकोट मार्ग पर ताराकोट स्थल पर श्राइन बोर्ड लंगर सेवा प्रसाद के नाम से शुरू की गई यह सेवा 24 घंटे प्रदान की जाएगी।

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ सिमरनदीप सिंह ने लंगर का शुभारंभ करते हुए श्रद्धालुओं में प्रसाद भी वितरित किया। यही नहीं उन्होंने लंगर ग्रहण करने वाले श्रद्धालुओं की बाद में राय भी जानी। सभी ने श्राइन बोर्ड द्वारा शुरू की गई इस सेवा का स्वागत किया। सीइओ ने बताया कि लंगर में परोसे जाने वाले व्यंजनों का मैन्यू और समयसारिणी लंगर हाल के बाहर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रदर्शित की गई है। बोर्ड का प्रयास रहेगा कि माता के भक्तों को बेहतर से बेहतर सुविधा प्रदान की जाए। इस अवसर पर श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अडिशनल सीईओ विवेक वर्मा, डिप्टी सीईओ डॉ. जगदीश मेहरा, दीपक दुबे, अरविंद करवानी के साथ ही श्राइन बोर्ड के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

श्रद्धालुओं को खूब भाया डोगरी खाना

हलवे के साथ डोगरी भोजन खाकर श्रद्धालु अत्यंत प्रसन्न नजर आए। लंगर में पहले दिन श्रद्धालुओं में दाल, अम्बल तथा चावल आदि परोसे गए। दिल्ली से आए श्रद्धालु रविन्द्र, राकेश बारोट, हरियाणा के जीत कुमार, सोनिया सिंह, उत्तर प्रदेश के राम प्रकाश यादव, सीता देवी, पंजाब के हरजिंदर सिंह, मनजीत कौर, बिहार के रामलाल, संतोष कुमार, राजस्थान के उदय भान सहित अन्य श्रद्धालुओं ने कहा कि वह कई सालों से मां के दरबार हाजरी लगाने के लिए आ रहे हैं। उन्हें यह बात खलती थी कि इतने बड़े धार्मिक स्थल पर श्रद्धालुओं के लिए लंगर व्यवस्था नहीं है। आज श्राइन बोर्ड ने यह सुविधा शुरू कर श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा दी है। ऐसे भी कई श्रद्धालु हैं जो यात्रा के दौरान खाने-पीने का खर्च नहीं उठा सकते। ऐसे भक्तों के लिए यह सुविधा लाभकारी सिद्ध होगी। यही नहीं इससे वैष्णो देवी यात्रा में बढ़ोतरी भी होगी। श्रद्धालुओं ने मां वैष्णो देवी के पुराने मार्ग पर भी लंगर सुविधा शुरू करने की बात कही।

लंगर स्थल पर लगे दानपात्र

आखिरकार देश के अन्य प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों की भांति विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल मां वैष्णो देवी के मार्ग पर भी श्रद्धालुओं के लिए लंगर व्यवस्था शुरू हो गई है। इस लंगर को लेकर दान देने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी श्राइन बोर्ड द्वारा विशेष व्यवस्थाएं की है। यहां दान पात्र के अलावा डोनेशन काउंटर भी खोला गया है। श्रद्धालु इच्छानुसार दान कर सकते हैं। दान की राशि इसी लंगर पर खर्च की जाएगी। मां वैष्णो देवी यात्रा में इस समय श्रद्धालुओं की संख्या कम है, इसी वजह से लंगर घर में काफी कम श्रद्धालु पहुंचे। यही वजह रही कि श्राइन बोर्ड ने टोकन सिस्टम शुरू नहीं किया है। यात्रा बढ़ने पर लंगर स्थल पर भीड़ बढ़ने पर टोकन सिस्टम शुरू कर दिया जाएगा। इससे श्रद्धालुओं में भोजन करने को लेकर मारामारी नहीं होगी और वह अपनी बारी के अनुसार लंगर ग्रहण कर सकेंगे। भोजनालय में एक समय में करीब 180 श्रद्धालु भोजन ग्रहण कर सकते हैं।

लंगर घर के बाहर मैन्यू व समयसारिणी बोर्ड भी लगाया

मां वैष्णो देवी के नए मार्ग पर ताराकोट स्थल पर शुरू किए गए लंगर वैष्णव भोजन परोसा जाएगा। सुबह 8:30 बजे से लेकर 11:30 बजे तक नाश्ता, जिसमें चने, हलवा, पूरी, तथा चाय उपलब्ध होगी। वहीं दोपहर 12:30 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे तक खाना जिसमें डोगरी भोजन दाल, अंबल तथा चावल परोसे जाएंगे। इसी तरह शाम 5:15 बजे से लेकर रात्रि 11:00 बजे के बीच श्रद्धालुओं को चाय, मट्ठी, रस जबकि रात का खाना 8:00 बजे तक उपलब्ध होगा। इसमें सब्जी, दाल, रोटी, तथा मीठा आदि उपलब्ध करवाया जाएगा। भोजन बनाने के लिए श्राइन बोर्ड ने कर्मियों की तैनाती कर दी है।

श्रद्धालु गुलशन लंगर का भी उठा रहे लाभ

मां वैष्णो देवी के पारंपरिक मार्ग के प्रथम पड़ाव बाणगंगा में प्रसिद्ध म्यूजिक टी-सीरिज कंपनी द्वारा शुरू किया गया लंगर घर करीब 40 वर्षों से श्रद्धालुओं को अपनी सेवाएं दे रहा है। टी-सीरीज कंपनी के मालिक स्वर्गीय गुलशन कुमार ने वर्ष 1979 में यह लंगर सुविधा शुरू की दी। आज भी हजारों श्रद्धालु इस लंगर में पहुंचकर भोजन ग्रहण कर रहे हैं। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड जो वर्ष 1986 से यात्रा प्रबंध संभाले हुए है, इस यात्रा के माध्यम से करोड़ों रुपये की आमदनी बना रहा है। अगर सच में ही बोर्ड श्रद्धालुओं की निष्काम भाव से सेवा करना चाहता है तो उसे मां वैष्णो देवी के पारंपरिक मार्ग पर निशुल्क भोजनालय खोलना चाहिए ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को इसका लाभ मिल सके।

तारा कोट मार्ग पर यात्रा बढ़ाने के लिए बनाया लंगर घर

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए करीब सौ करोड़ रुपए खर्च कर नया अत्याधुनिक ताराकोट मार्ग बनाया था। बोर्ड का प्रयास था कि जब पारंपरिक मार्ग पर यात्रा बढ़ने पर रश बढ़ जाए तो लोग इस मार्ग से यात्रा करें। परंतु ऐसा नहीं हुआ। गत वर्ष 2018 में यह मार्ग श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए खोल दिया गया परंतु नाममात्र श्रद्धालु ही इस मार्ग का प्रयोग कर रहे हैं। कहा जा सकता है कि 10 से 20 प्रतिशत श्रद्धालु ही इस मार्ग का इस्तेमाल कर रहे हैं। करीब 9 किलोमीटर लंबा यह मार्ग श्रद्धालुओं के लिए जी का जंजाल बना हुआ है। एक बार जो श्रद्धालु इस मार्ग की और जाता है वो दूसरी बार इसका रूख नहीं करता। इसका मुख्य कारण यह भी है कि आध कुंवारी तक यह मार्ग लंबा है। मां की यात्रा से जुड़े इसमें कोई स्थल भी नहीं आते। बोर्ड ने श्रद्धालुओं को इस मार्ग पर लाने के लिए ही लंगर घर का निर्माण किया। अगर श्राइन बोर्ड सच में अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को निशुल्क भोजन करवाने की मंशा रखता है तो वह यह लंगर घर पारंपरिक रूट पर शुरू करता जहां रोजाना हजारों श्रद्धालु मां के दर्शनों को चलते हैं।

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