बाढ़ भी नहीं ढिगा पाती सीमा प्रहरियों का बुलंद हौसला

विवेक सिंह जम्मू सर्दियों में कोहरा हो या गर्मियों में कड़ाके की धूप या बरसात में बाढ़। सीमा प्रहरी दुश्मन के साथ मौसम की हर चुनौतियों का सामना करने के लिए डटे रहते हैं। इन दिनों बरसात में भारी बारिश के कारण सीमांत क्षेत्रों में बहने वाले नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 02 Aug 2019 09:47 AM (IST) Updated:Fri, 02 Aug 2019 09:47 AM (IST)
बाढ़ भी नहीं ढिगा पाती सीमा प्रहरियों का बुलंद हौसला
बाढ़ भी नहीं ढिगा पाती सीमा प्रहरियों का बुलंद हौसला

विवेक सिंह, जम्मू

सर्दियों में कोहरा हो या गर्मियों में कड़ाके की धूप या बरसात में बाढ़। सीमा प्रहरी दुश्मन के साथ मौसम की हर चुनौतियों का सामना करने के लिए डटे रहते हैं। इन दिनों बरसात में भारी बारिश के कारण सीमांत क्षेत्रों में बहने वाले नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया है। सांबा व जम्मू में बसंतर, निक्की तवी व चिनाब दरिया से सटे इलाकों में सीमा सुरक्षाबल की करीब 18 चौकियों पर बाढ़ का खतरा बना हुआ है।

जम्मू संभाग में कठुआ से लेकर अखनूर तक 202 किलामीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा (आइबी) है। इसमें अखनूर में चिनाब के पार 10 किलोमीटर आइबी सेना के पास है। बाढ़ जैसे हालात का सामना करने में सीमा सुरक्षा बल के जवान भी दक्ष हैं। चार फीट तक चौकियों के पानी में डूबने तक सीमा प्रहरी वहां बने रहते हैं। ऐसे हालात में भी चिनाब नदी में सीमा प्रहरी वाटर पेट्रोलिग जारी रखते हैं। अगर बाढ़ ज्यादा भयंकर रूप लेती है तो भी सीमा प्रहरी पीछे हटते। वर्ष 2014 की विनाशकारी बाढ़ में फंसे कई जवान पेड़ों पर चढ़ने के लिए मजबूर हो गए थे। बाद में सीमा प्रहरियों को हेलीकॉप्टर से सुरक्षित जगहों तक पहुंचाया था।

राज्य में बीएसएफ के फील्ड कमांडरों को विशेष हिदायतें दी हैं कि अग्रिम इलाकों के निरंतर दौरे कर बरसात के मौसम में सुरक्षा ग्रिड को और मजबूत बनाएं। जम्मू क्षेत्र में चार अगस्त तक भारी बारिश होने की संभावना है। ऐसे में बाढ़ प्रभावित इलाकों में अग्रिम चौकियों में तैनात जवानों को हर समय सतर्क रहने के लिए कहा गया है। अकसर दुश्मन खराब मौसम की आड़ में घुसपैठ करवाने की कोशिश करता है। ऐसे संकेत भी मिल रहे हैं कि सीमा पार सक्रिय आतंकी घुसपैठ करने के लिए मौका तलाश रहे हैं। हाल ही पाक से हुई सक्टर कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिग में भी सीमा सुरक्षा बल ने यह मुद्दा उठाया था। ऐसे हालात में कठुआ की पहाड़पुर से अखनूर के परगवाल तक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नदी, नालों से लगती सीमा की सुरक्षा का नए सिरे से आकलन किया जा रहा है। बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुई तारबंदी की मरम्मत करने के लिए भी कार्रवाई जारी है। सीमा पर यहां तारबंदी को नुकसान हुआ है, वहां तुरंत कंटीले तार बिछाई जा रही है। :::कोट:::

बाढ़ जैसे हालात में भी जम्मू क्षेत्र में सीमा प्रहरियों का हौसला बुलंद हैं। वे ऐसे हालात में दुश्मन के मंसूबों को नकारने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित हैं। बाढ़ से सीमांत क्षेत्रों में बीएसएफ के बुनियादी ढांचे को अगर कोई नुकसान पहुंचता है तो फौरन भरपाई की जाती है।

आइजी एनएस जम्वाल, सीमा सुरक्षा बल जम्मू फ्रंटियर

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