संरक्षित किए जाएं हिमालय के ग्लेशियर

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By JagranEdited By: Publish:Sat, 21 Dec 2019 02:57 AM (IST) Updated:Sat, 21 Dec 2019 06:14 AM (IST)
संरक्षित किए जाएं हिमालय के ग्लेशियर
संरक्षित किए जाएं हिमालय के ग्लेशियर

जागरण संवाददाता, जम्मू :

जम्मू विश्वविद्यालय में शुक्रवार से शुरू हुई तीन दिवसीय साइंस कांग्रेस में वक्ताओं ने हिमालयन ग्लेशियरों को संरक्षित किए जाने पर जोर दिया। साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में मौजूद जैव संसाधनों के उपयोग की जरूरत बताई।

कश्मीर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. तलत अहमद ने कहा कि विज्ञान कांग्रेस हमारे शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों के विचार-विमर्श के लिए महत्वपूर्ण मंच है। साइंस कांग्रेस में मंथन से निकले निष्कर्ष विभिन्न समस्याओं का समाधान करेंगे। प्रो. तलत ने वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में उपलब्ध जैव संसाधनों के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया। उन्होंने जैव संसाधनों के महत्व पर भी प्रकाश डाला। कहा, हिमालयन ग्लेशियरों को संरक्षित किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने हिमालय के आपदा प्रबंधन और ऊर्जा संसाधनों के महत्व का उल्लेख किया जो शिक्षा और चिकित्सा शिक्षा को समाज के दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचाने में मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य और देश के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए वैज्ञानिक ज्ञान और तकनीकी नवाचारों के प्रभावी प्रयोग के लिए एक साथ आना होगा।

इससे पहले 14वें जेके विज्ञान कांग्रेस के आयोजन सचिव प्रो. नरेश पाधा ने स्वागत भाषण में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अभिनव परिषद के विभिन्न संदर्भो के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि साइंस कांग्रेस में 16 विषयों के 450 से अधिक प्रतिनिधि अपने शोध कार्य को प्रस्तुत करेंगे। उन्हें उनके सर्वश्रेष्ठ मौखिक और पोस्टर पुरस्कार के लिए भी आंका जाएगा। उन्होंने युवा शोधकर्ताओं को प्रेरित करने के लिए डॉ. एसएन बोस, प्रो. एन साहा और प्रो. महालनोबिस के काम का भी वर्णन किया। प्रो. पाधा ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, जेएंडके, एमएचआरडी और डीएसटी द्वारा प्रस्तावित समर्थन को भी स्वीकार किया।

जेके साइंस कांग्रेस के पहले दिन डॉ. दिनेश श्रीवास्तव, भाभा चेयर प्रोफेसर, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज कैंपस, बेंगलुरु ने भी चर्चा की। सह आयोजन सचिव प्रो. रूपमा गंडोत्रा ने धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया। प्रो शशि प्रभा ने संचालन किया। इस अवसर पर केंद्रीय विवि के कुलपति प्रो. अशोक एमा, एसएमवीडीयू के कुलपति प्रो. आरके सिन्हा, कलस्टर यूनिवर्सिटी जम्मू के कुलपति प्रो. अंजू भसीन, वीसीए एसकेएयूएसई जम्मू जम्मू प्रो. केएस रिसम आदि भी मौजूद थे।

जल सुरक्षा जरूरी : प्रो. धर

अध्यक्षीय संबोधन में जम्मू विवि के कुलपति प्रो. मनोज धर ने कहा कि विवि सातवीं बार इस सांइस कांग्रेस का आयोजन कर रहा है। इसमें विशेष रूप से कुलपति सत्र भी होगा। उन्होंने कहा कि साइंस कांग्रेस सामाजिक, पर्यावरण और विज्ञान पर सामाजिक समस्या को शामिल करेगी। उन्होंने जल सुरक्षा, इसके महत्व को समझने की भी बात की। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र गरीबी, भुखमरी, स्वस्थ जीवन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, लिंग समानता और सभी के लिए स्वच्छता चाहता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह हमारा कर्तव्य है कि 2030 तक इन लक्ष्यों को हासिल किया जाए। इसमें विज्ञान को खास भूमिका निभाने की जरूरत है। साइंस कांग्रेस ऐसे सतत विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस मौके पर अध्यक्षीय मंडल ने 14वीं जेके साइंस कांग्रेस की सारगर्भित पुस्तक भी जारी की। सीखने-सिखाने की जरूरत : रोहेला

विशिष्ट अतिथि जम्मू-कश्मीर उच्च शिक्षा विभाग के सचिव तलत परवेज रोहला ने पिछली सदी को भौतिकी की सदी के रूप में उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि युवा शोधकर्ताओं को तकनीकी कौशल सीखने की जरूरत है। उन्होंने अगली सदी का जैव विज्ञान की सदी के रूप में भी उल्लेख किया और आग्रह किया कि सीखने और सिखाने की प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए। युवा शोधकर्ताओं को आपदा प्रबंधन और जैव विज्ञान के क्षेत्रों पर ध्यान देना चाहिए।

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