Jammu Kashmir: 'विजय मशाल' के सम्मान में तयशुदा कार्यक्रम हुए सीमित, पढ़ें- क्या है पूरा मामला

जम्मू के पीआरओ डिफेंस लेफ्टिनेंट कर्नल देवेन्द्र आनंद ने बताया कि सेना कोरोना की रोकथाम की हिदायतों को लेकर गंभीर है। ऐसे में विजय मशाल के कार्यक्रमों में भी पूरी सर्तकता बरती जा रही है।सेना की विजय मशाल ने 3 अप्रैल को जम्मू कश्मीर में प्रवेश किया था।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Sat, 24 Apr 2021 03:16 PM (IST) Updated:Sat, 24 Apr 2021 03:16 PM (IST)
Jammu Kashmir: 'विजय मशाल' के सम्मान में तयशुदा कार्यक्रम हुए सीमित, पढ़ें- क्या है पूरा मामला
सेना की विजय मशाल ने 3 अप्रैल को जम्मू कश्मीर में प्रवेश किया था।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी को देखते सेना ने स्वर्णिम विजय मशाल के सम्मान में आयाेजित कार्यक्रमों को सीमित कर दिया है। कोशिश की जा रही है कि इन कार्यक्रमों में भीड़ न जुटे। कोरोना की रोकथाम के लिए सेना को मिली नई हिदायतों के तहत अब 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के स्वर्णिम विजय वर्ष के कार्यक्रमों में सैन्यकर्मियों के साथ काफी कम पूर्व सैनिकों को ही बुलाया जा रहा है।

ऐसे हालात में मशाल के जम्मू शहर में पहुंचने पर बलिदान स्तंभ पर हुए कार्यक्रम में भी पचास साल पहले लड़े गए युद्ध के दो वीरता पदक विजेताओं को ही बुलाया गया था। सैन्य सूत्राें के अनुसार अब आगे होने वाले कार्यक्रमों में भी कोशिश रहेगीकि इनमें कम से कम लोग हिस्सा लें। इन कार्यक्रमों में अब एनसीसी कैडेटों को भी नही बुलाया जा रहा है।

जम्मू जिले में होने वाले कार्यक्रमों में शहीदों के स्मारकों पर जाकर उनके परिजनों को भी सम्मानित किया जाना है। ऐसे में इन कार्यक्रमाें को भी सादगी से किया जाएगा। अब जम्मू की सुंजवा मिलिट्री स्टेशन के बाद सेना की मशाल आईबी से सटे इलाकों की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली मीरां साहिब ब्रिगेड में जाएगी।

विजय मशाल के कार्यक्रमों में भी पूरी सर्तकता बरती जा रही है

जम्मू के पीआरओ डिफेंस लेफ्टिनेंट कर्नल देवेन्द्र आनंद ने बताया कि सेना कोरोना की रोकथाम की हिदायतों को लेकर गंभीर है। ऐसे में विजय मशाल के कार्यक्रमों में भी पूरी सर्तकता बरती जा रही है।सेना की विजय मशाल ने 3 अप्रैल को जम्मू कश्मीर में प्रवेश किया था। ऐसे में प्रवेशद्वार लखनपुर के साथ कठुआ व सांबा जिलों में सेना ने पूरे जोश के साथ कार्यक्रम किए थे। अब कोरोना में तेजी के चलते सेना भी अपने कार्यक्रमों को लेकर सर्तकता बरत रही है।  

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