जम्मू नगर निगम में तैनात सफाई कर्मचारियों ने मांगों को लेकर किया प्रदर्शन
जम्मू नगर निगम में तैनात सफाई कर्मचारियों के मसलों को लेकर सिविक सफाई कर्मचारी यूनियन के बैनर तले प्रदर्शन किया। उन्होंने चेतावनी दी कि अब अंतिम बार प्रशासन को पंद्रह दिन का मौका दिया जा रहा है। इसके बाद सफाई कर्मचारी हड़ताल पर जाने को मजबूर हो जाएंगे।
जम्मू, जागरण संवाददाता । जम्मू नगर निगम में तैनात सफाई कर्मचारियों के मसलों को लेकर सिविक सफाई कर्मचारी यूनियन के बैनर तले प्रदर्शन किया। उन्होंने चेतावनी दी कि अब अंतिम बार प्रशासन को पंद्रह दिन का मौका दिया जा रहा है। इसके बाद सफाई कर्मचारी हड़ताल पर जाने को मजबूर हो जाएंगे। मंगलवार को टाउन हाल में प्रदर्शन करते हुए यूनियन नेताओं ने निगम प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। उनहोंने कहा कि 2 दिसंबर को पहले धरना, प्रदर्शन किया जाएगा। उसके बाद 10 दिसंबर को पहले काम छोड़ो हड़ताल रखी जाएगी।
यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए यूनियन के प्रधान रिंकू गिल ने कहा कि बार-बार प्रशासन को नोटिस दिए गए लेकिन कुछ होता नहीं दिख रहा। अब अंतिम नोटिस दे रहे हैं। इसके बाद हड़ताल के सिवा दूसरा कोई चारा नहीं रह जाएगा।उन्होंने कहा कि जम्मू नगर निगम का पुनर्गठन, सफाई कर्मचारियों के 600 पदों को भरने के लिए भर्ती करने, 33 ड्राइवरों को स्थायी करने, यूटी नियमों के तहत डेलीवेजरों का वेतन बढ़ाने, सभी सफाई कर्मचारियों को अढ़ाई दिन का वेतन जारी करने, सफाई कर्मचारियों को बूट, जैकेट और वर्दी जारी करने, ड्राइवरों व क्लीनरों की पदोन्नति करने तथा सभी सफाई कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश देने की मांग की। उन्होंने कहा कि हमारी यह मांगे जल्द पूरी की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पहले जम्मू शहर का क्षेत्र 32 वर्ग किलोमीटर होता था अब बढ़कर 150 वर्ग किलोमीटर हो चुका है। बावजूद इसके कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ी। लिहाजा निगम का पुनर्गठन जरूरी है। कोविड-19 के चलते लटकी 600 सफाई कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया पूरा कर कर्मचारियों की नियुक्ति करने की मांग भी पूरी नहीं हो रही है। सिर्फ आश्वासन मिल रहे हैं। कई वर्षों से 33 ड्राइवर निगम में सेवाएं दे रहे हैं। उन्हें आज तक स्थायी नहीं किया गया। इस मांग को जल्द पूरा किया जाना चाहिए। निगम में एनजीओ के तौर पर काम कर रहे सफाई कर्मचारियों को ही मौका देने को भी कहा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों से संबंधित इन मांगों को पूरा करने के लिए अब पंद्रह दिन का समय दिया जा रहा है। इसके बाद हड़ताल होगी और इसकी जिम्मेवारी निगम प्रशासन की होगी।