जम्मू-कश्मीर में शुरु होगा पढ़ना-लिखना अभियान, सबको बनाया जाएगा साक्षर

चरण में यह अभियान जम्मू संभाग के सांबा और कश्मीर के कुपवाड़ा में चलाया जाएगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय इस प्रोजेक्ट की देखरेख कर रहा है। अधिकतम चार महीनों में 120 का कोर्स हाेगा। कक्षाएं स्कूलों की इमारतों सामुदायिक हाल पंचायत भवनों में लगाई जाएगी।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sat, 07 Nov 2020 12:29 PM (IST) Updated:Sat, 07 Nov 2020 12:29 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर में शुरु होगा पढ़ना-लिखना अभियान, सबको बनाया जाएगा साक्षर
कोरोना से उपजे हालात के कारण अभियान में थोड़ी देरी हुई है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: समग्र शिक्षा अभियान के तहत जम्मू कश्मीर में पढऩा-लिखना अभियान शुरु किया जाएगा। इसका मकसद यह है कि हर किसी को साक्षर बनाया जाए। प्रौढ़ शिक्षा के इस अभियान के तहत स्कूल न जा सके लोगों को पढ़ना-लिखना सिखाने के लिए करवाए जाएंगे कोर्स। पहले चरण में जम्मू संभाग के सांबा व कश्मीर के कुपवाड़ा में चलेगा यह अभियान।

दिसंबर में शुरू होने वाले अभियान के लिए केंद्र सरकार की ओर धनराशि उपलब्ध करवाई गई है। इस अभियान में स्कूलों, कालेजों के विद्यार्थियों, एनसीसी, एनएसएस स्वयंसेवियों को शामिल किया जाएगा। समग्र शिक्षा के जम्मू कश्मीर के प्रोजेक्ट निदेशक डा. अरुण मन्हास का कहना है कि गर्वनिंग काउंसिल कमेटी और कार्यकारी समिति का गठन किया जाएगा। केंद्र शासित स्तर की कमेटी का गठन करने के अलावा जिला स्तर की कमेटियों का गठन होगा ताकि साक्षरता की गतिविधियों का संचालन बेहतर तरीके से किया जा सके। अभियान के तहत महिलाओं, एसससी, एसटी, अल्पसंख्यकों पर ध्यान केंद्रित रहेगा।

आंकड़ों के अनुसार जम्मू कश्मीर में 3094495 निरक्षर है जिसमें 1127233 पुरुष और 1967262 महिलाएं शामिल है। एनसीईआरटी ने पढ़ने लिखने के इस अभियान के लिए मैटेरियल तैयार किया है। गांवों में नुक्कड नाटक, रैलियां और प्रभात फैरियां भी निकाली जाएगी।जो पढ़ लिख कर साक्षर बनेंगे, उनको प्रमाणपत्र भी जारी किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि पहले चरण में यह अभियान जम्मू संभाग के सांबा और कश्मीर के कुपवाड़ा में चलाया जाएगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय इस प्रोजेक्ट की देखरेख कर रहा है। अधिकतम चार महीनों में 120 का कोर्स हाेगा। कक्षाएं स्कूलों की इमारतों, सामुदायिक हाल, पंचायत भवनों में लगाई जाएगी। लिखने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस कोर्स में गणित पर भी ध्यान दिया जाएगा ताकि निरक्षरों को गणित की थोड़ी बहुत जानकारी मिल सके। स्कूलों के वरिष्ठ अध्यापकों से कहा गया है कि वे बच्चों को इस अभियान में शामिल करें। कोरोना से उपजे हालात के कारण अभियान में थोड़ी देरी हुई है। इसका आरम्भ जल्द किया जा रहा है। 

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