Jammu and Kashmir: दुश्मनों का संहार और जनता से प्यार का मंत्र दे गए राजनाथ
कोर कमांडर ने कश्मीर में आतंकवाद को कुचलने और शांति व्यवस्था बनाए रखने विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच आपसी तालमेल नागरिक प्रशासन के साथ किए जा रहे सहयोग की जानकारी भी दी।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। सतर्कता, सहयोग और संहार। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने श्रीनगर में सेना के अधिकारियों को दुश्मनों के संहार और आम जनता के साथ प्यार और सहयोग की नीति पर अमल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सेना वास्तिवक नियंत्रण रेखा, नियंत्रण रेखा से अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नहीं राज्य के भीतरी हिस्सों में भी सतर्कता बरतने के साथ सुरक्षा एजेंसियों से समन्वय बनाए रखे। इसके अलावा अमरनाथ यात्रा के सुरक्षा कवच को मजबूत करने और राष्ट्रविरोधी तत्वों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि रक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद पहली बार रक्षामंत्री राजनाथ सिंह राज्य के एक दिवसीय दौरे पर आए थे। यह दौरा सुबह लद्दाख में सियाचिन ग्लेशियर से शुरू हुआ और दोपहर बाद यहां बादामी बाग सैन्य छावनी में स्थित सेना की 15वीं कोर मुख्यालय में सेना के वरिष्ठ कमांडरों के साथ सेना की ऑपरेशनल गतिविधियों की समीक्षा के साथ संपन्न हुआ।
बैठक में उन्होंने अगले महीने शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा के लिए सेना की तैयारियों की जानकारी भी ली। कोर कमांडर ने कश्मीर में आतंकवाद को कुचलने और शांति व्यवस्था बनाए रखने विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच आपसी तालमेल, नागरिक प्रशासन के साथ किए जा रहे सहयोग और आतंकरोधी अभियानों की सफलता से भी रक्षा मंत्री को अवगत कराया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संबंधित फील्ड कमांडरों से कहा कि दुश्मन के किसी भी दुस्साहस को नाकाम करने के लिए आप लोग हमेशा तैयार रहें। वहीं, लेकिन आम लोगों के जान-माल, सम्मान और सुरक्षा को भी यकीनी बनाया जाए। इसके अलावा एलओसी पर पूरी सतर्कता बरती जाए।
सियाचिन के रखवालों पर देश को नाज
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सियाचिन के दुर्गम हालात में पाकिस्तान व चीन से लगती सरहदों की रक्षा कर रहे सेना के जांबाजों और उनके परिवारों पर पूरे देश को नाज है। मैं उन अभिभावकों का आभार जताने के लिए उन्हें पत्र लिखूंगा जिन्होंने अपने बच्चों को सेना में भर्ती होने के लिए भेजा। विश्व के सबसे ऊंचे युद्ध स्थल सियाचिन से राजनाथ सिंह ने सोमवार को नई जिम्मेदारी की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि मुझे उन सैनिकों के बुलंद हौसले पर गर्व है जो दुर्गम हालात में मातृभूमि की रक्षा कर रहे हैं। राजनाथ ने लद्दाख में चीन, पाक से लगते क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे जवानों को बुलंद हौसले के साथ किसी भी प्रकार की चुनौती का सामना करने के लिए कड़ी सर्तकता बरतने की हिदायत भी दी।
रक्षामंत्री ने शनिवार को दिल्ली में नई जिम्मेदारी संभाली थी। रक्षामंत्री के रूप में यह जिम्मेदारी निभाने की शुरुआत उन्होंने सेना की कर्मभूमि जम्मू कश्मीर से की। जम्मू कश्मीर में इस समय सेना पाक, चीन से लगती सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ आतंकवाद से भी लड़ रही है। ऐसे हालात में सियाचिन के आधार शिविर में सेना के जवानों का हौसला बढ़ाने के साथ रक्षामंत्री ने सियाचिन वार मेमोरियल स्थल पर जाकर शहीद 1100 सैनिकों को श्रद्धाजंलि दी। रक्षामंत्री ने कहा कि देश सियाचिन के शहीदों की सेवा व उनके त्याग का हमेशा आभारी रहेगा। थलसेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत व उत्तरी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह व सेना की चौदह कोर के जीओसी भी मौजूद थे।
बहादुरी व निष्ठा के साथ ड्यूटी दे रहे जवान : रक्षामंत्री ने लद्दाख में चार घंटे के अपने दौरे के दौरान सियाचिन ग्लेशियर में तैनात सेना के जवानों से बातचीत की। रक्षामंत्री ने कहा कि उनकी बहादुरी व जोश का पूरा देश कायल है। जवानों की मुश्किलों को प्राथमिकता पर हल किया जाएगा। सियाचिन में जवान बहादुरी व निष्ठा के साथ ड्यूटी कर रहे हैं।
तैयारियों की भी थाह ली : रक्षामंत्री सुबह साढ़े आठ बजे के करीब लेह पहुंचे। सेना की चौदह कोर मुख्यालय में अधिकारियों से पाक से लगती नियंत्रण रेखा व चीन से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा की सुरक्षा चुनौतियों व उनसे निपटने के लिए की जा रही तैयारियों की भी थाह ली। वहां से रक्षामंत्री साढ़े दस बजे सियाचिन पहुंचे। लद्दाख में चार घंटे रुकने के बाद रक्षामंत्री दोपहर साढ़े बारह बजे श्रीनगर रवाना हो गए।
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