भटनागर संभालेंगे सुरक्षा से जुड़े मसलों का जिम्मा

उप राज्यपाल जीसी मुर्मू के सलाहकार राजीव राय भटनागर को राज्य में सुरक्षा व पुलिस प्रशासन से जुड़े मामलों पर फैसले लेने का अधिकार सौंपा है। उन्हें थाना प्रभारियों की नियुक्ति व तबादलों की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Jan 2020 08:02 AM (IST) Updated:Thu, 16 Jan 2020 08:02 AM (IST)
भटनागर संभालेंगे सुरक्षा से जुड़े मसलों का जिम्मा
भटनागर संभालेंगे सुरक्षा से जुड़े मसलों का जिम्मा

राज्य ब्यूरो, जम्मू : उप राज्यपाल जीसी मुर्मू के सलाहकार राजीव राय भटनागर को राज्य में सुरक्षा व पुलिस प्रशासन से जुड़े मामलों पर फैसले लेने का अधिकार सौंपा है। उन्हें थाना प्रभारियों की नियुक्ति व तबादलों की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

राजीव राय जम्मू कश्मीर में पुलिस व केंद्रीय अर्धसैनिकबलों के समुचित सदुपयोग को यकीनी बनाने के लिए उनकी तैनाती की निगरानी के अलावा संबंधित मुद्दों पर फैसला ले सकेंगे। वह टेरर मॉनीटरिग ग्रुप (टीएमजी) की भी निगरानी करेंगे। कार्यो के समयबद्ध निष्पादन को यकीनी बनाने के अलावा घुसपैठरोधी तंत्र को मजबूत बनाने और घुसपैठ रोकने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय में वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार के विजय कुमार से समन्वय बनाकर उचित कदम उठाएंगे।

सूत्रों ने बताया कि जम्मू कश्मीर महाप्रशासनिक विभाग ने उप राज्यपाल की ओर से लिए गए फैसले के अनुरूप आवश्यक निर्देश जारी किया है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के पूर्व महानिदेशक राजीव भटनागर को विजय कुमार के साथ विचार विमर्श के आधार पर राज्य में जमीनी स्तर पर केंद्रीय अर्धसैनिकबलों की नियुक्ति का भी जिम्मा सौंपा गया है। खुफिया तंत्र की गतिविधियों से जुड़े मुद्दों को भी हल करेंगे

वर्ष 1983 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) के अधिकारी राजीव भटनागर जम्मू कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए खुफिया तंत्र की विभिन्न गतिविधियों से जुड़े मुद्दों को हल करने और उन पर कार्रवाई सुनिश्चित बनाने के अलावा विजय कुमार के साथ समन्वय की भूमिका में रहेंगे। भटनागर को आतंकियों से निपटने की रणनीति बनाने, बॉर्डर प्रोपेगंडा से निपटने, सूचनाओं व गतिविधियों के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए हस्तक्षेप की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। महिलाओं के खिलाफ अपराधों व पास्को से जुड़े मामलों की भी निगरानी करेंगे

राजीव भटनागर जम्मू कश्मीर में आपराधिक जांच, फोरेंसिक व अभियोजन संबंधी गतिविधियों में सुधार लाने के अलावा कानून का राज बहाल करने में भी योगदान करेंगे। वह न्यायिक व्यवस्था में लोगों का विश्वास बढ़ाने और जन शिकायतों से जुड़े मुद्दों को समयबद्ध हल करने की व्यवस्था भी बनाएंगे। वह पुलिस की कार्यक्षमता की समीक्षा करते हुए जवाबदेह और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन को सुनिश्चित बनाने के अलावा महिलाओं के खिलाफ अपराधों व पास्को से जुड़े मामलों को समयबद्ध तरीके से निपटाने की प्रक्रिया की भी निगरानी करेंगे। डीजीपी करते थे पहले थाना प्रभारियों व एसपी रैंक के अधिकारियों के तबादले

जम्मू कश्मीर में पहले सुरक्षाबलों की तैनाती, पुलिस थाना प्रभारियों व एसपी रैंक के अधिकारियों के तबादले पुलिस महानिदेशक के स्तर पर ही देखा जाता रहा है। एसपी और इससे ऊपर रैंक के पुलिस अधिकारियों के तबादलों पर फैसला आतंकरोधी अभियानों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए राज्य कैबिनेट लेती थी। राज्यपाल शासन लागू होने की स्थिति में यह जिम्मेदारी राज्य सलाहकार बोर्ड निभाता रहा है।

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