ठेकेदार को भुगतान नहीं मिला तो बंद कर दी ट्रेनों की सफाई

जागरण संवाददाता, जम्मू : जम्मू रेलवे स्टेशन की वाशिग लाइन में ट्रेनों की सफाई का ठेका हासिल करने

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 May 2019 02:21 AM (IST) Updated:Tue, 14 May 2019 02:21 AM (IST)
ठेकेदार को भुगतान नहीं मिला तो बंद कर दी ट्रेनों की सफाई
ठेकेदार को भुगतान नहीं मिला तो बंद कर दी ट्रेनों की सफाई

जागरण संवाददाता, जम्मू : जम्मू रेलवे स्टेशन की वाशिग लाइन में ट्रेनों की सफाई का ठेका हासिल करने वाले दो पक्षों के बीच रुपयों के भुगतान को लेकर हुए विवाद का खामियाजा रेलवे सफाई कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है।

ट्रेनों की सफाई का तीन साल तक ठेका हासिल करने वाली कंपनी विशाखा लिमिटेड ने इस काम को जम्मू के एक स्थानीय ठेकेदार को सौंप दिया था। पहले तो कुछ समय तक जम्मू में काम करने वाले ठेकेदार ने ठीक प्रकार से काम किया, बाद में रुपयों का भुगतान बंद हो गया। पांच मई से ठेकेदार ने ट्रेनों की सफाई को अचानक बिना नोटिस दिए बंद कर दिया। ठेकेदार का कहना है कि उसे ठेका सब लेट करने वाली कंपनी ने भुगतान ही नहीं किया है। अब ट्रेनों की सफाई का जिम्मा रेलवे के स्थायी कर्मचारियों के कंधे पर आ गया है। मात्र चालीस से पचास कर्मचारी रोजाना बीस से पच्चीस ट्रेनों के रैक को साफ कर रहे हैं। सफाई कर्मचारी दिन में बारह से पंद्रह घंटे तक काम कर यह सुनिश्चित कर रहे है कि यात्रियों को सफर के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत पेश न आए। ट्रेनों की सफाई तो हो रही है लेकिन निकलने वाला कचरा वाशिग लाइन से हटाया नहीं जा रहा। इ कारण वहां गंदगी का साम्राज्य फैल गया है।

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400 कर्मी थे, अब 40

रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों की सफाई के लिए चार वर्ष पूर्व तक करीब चार सौ सफाई कर्मचारी तैनात थे, जिनका जिम्मा ट्रेनों की सफाई के अलावा वाशिग लाइन में पड़ी गंदगी को हटाने का भी था। धीरे-धीरे सफाई कर्मचारियों की कमी होने लगी। इसके चलते भारतीय रेलवे ने वाशिग लाइन की सफाई का जिम्मा निजी ठेकेदारों को सौंप दिया था। अब आलम यह है कि वाशिग लाइन में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों की संख्या मात्र चालीस के करीब रह गई है।

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-निजी सफाई कर्मियों से करा रहे साफ

रेलवे के हेल्थ एंड सेनेटरी विभाग के अधिकारी ने बताया कि रेलवे ने निजी सफाई कर्मचारियों की मदद से वाशिग लाइन में सफाई को सुनिश्चित किया है। बंद पड़े सभी पानी की टंकियों को साफ करवा दिया गया है। ट्रैक के आसपास बिखरे कूड़े को भी हटा लिया गया है। जब तक ठेकेदार काम पर नहीं लौटते हैं, तब तक निजी सफाई कर्मचारियों की मदद ली जाएगी।

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ठेकेदार को लिखा है पत्र

फिरोजपुर डिवीजन के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सफाई का ठेका हासिल करने वाली कंपनी को पत्र लिख कर उसे विवाद को सुलझाने को कहा गया है। उम्मीद है जल्द हीं सारा मामला हल हो जाएगा।

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