पंजाबी को राजभाषा का दर्जा नहीं मिलने पर किया प्रदर्शन
संवाद सहयोगी आरएसपुरा पंजाबी भाषा को जम्मू कश्मीर में राजभाषा का दर्जा नहीं मिलने पर गुरु
संवाद सहयोगी, आरएसपुरा : पंजाबी भाषा को जम्मू कश्मीर में राजभाषा का दर्जा नहीं मिलने पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी दबलैड़ के बैनर तले सिख समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द से जल्द सरकार ने उनकी इस मांग को पूरा नहीं किया, तो वह आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे।
पंचायत के सरपंच सरदार हजारा सिंह ने कहा कि डोगरी भाषा सहित सरकार ने जम्मू कश्मीर में जो पांच भाषाएं आधिकारिक तौर पर लागू की हैं, उसका वह स्वागत करते हैं, लेकिन जिस तरह से पंजाबी भाषा की अनदेखी की गई है उसे सिख समुदाय कभी सहन नहीं करेगा और जरूरत पड़ने पर वह उग्र आंदोलन छेड़ने पर भी मजबूर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि पंजाबी भाषा पूरे विश्व की अकेली ऐसी भाषा है जो पूरे विश्व में बोली जाती है, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने जिस तरह से पंजाबी भाषा की अनदेखी की है। उससे यह बात साबित होती है कि सरकार पंजाबी भाषा बोलने वाले लोगों के साथ बेइंसाफी कर रही है। इस अवसर पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान बलकार सिंह, प्रधान गुरबचन सिंह, सचिव सुरेंद्र सिंह, सचिव लखविदर सिंह, कोषाध्यक्ष बलकार सिंह, कोषाध्यक्ष तरसेम सिंह, स्वर्ण सिंह आदि लोग मौजूद रहे।