मानदेय दो नहीं तो थानों में जमा कर देंगे हथियार

जम्मू संभाग में आतंकवादियों से लोहा लेने वाले विलेज डिफेंस कमेटी (वीडीसी) के सदस्यों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनका बकाया मानदेय जारी नहीं किया तो मजबूर होकर हथियार छोड़ देंगे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Jan 2020 09:22 AM (IST) Updated:Wed, 29 Jan 2020 09:22 AM (IST)
मानदेय दो नहीं तो थानों में जमा कर देंगे हथियार
मानदेय दो नहीं तो थानों में जमा कर देंगे हथियार

राज्य ब्यूरो, जम्मू : जम्मू संभाग में आतंकवादियों से लोहा लेने वाले विलेज डिफेंस कमेटी (वीडीसी) के सदस्यों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनका बकाया मानदेय जारी नहीं किया तो मजबूर होकर हथियार छोड़ देंगे। अपनी मांगों के समर्थन में जम्मू के प्रदर्शनी मैदान के बाहर प्रदर्शन करते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि अगर 15 दिन में सरकार ने फैसला नहीं लिया तो दिल्ली में संसद के बाहर प्रदर्शन कर पर मजबूर हो जाएंगे। वीडीसी सदस्यों ने पांच मार्च को दिल्ली में धरना देना का फैसला किया है।

केंद्र सरकार ने जम्मू संभाग में आतंकवाद से निपटने के लिए नब्बे के दशक में स्थानीय लोगों को हथियार देकर विलेज डिफेंस कमेटियां बनाई थी। संभाग के आतंकवाद ग्रस्त, सीमांत क्षेत्रों में 4125 विलेज डिफेंस कमेटियां बनी थी। ये कमेटियां डोडा, किश्तवाड़, रामबन, राजौरी, रियासी, कठुआ व पुंछ जिलों में बनी थीं।

उन्होंने कहा कि सरकार की अनदेखी ने उन्हें भुखमरी की कगार पर पहुंचा दिया गया है। वे अपने परिवारों का जीवनयापन नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें आठ महीने से मानदेय नहीं मिला है। उन्होंने मांग की कि उन्हें पुलिस के एसपीओ के बराबर मानदेय दिया जाए या फिर केंद्र सरकार उनके उचित मानदेय देने के संबंध में कोई नीति बनाए।

जम्मू संभाग के डोडा, किश्तवाड़, रामबन, रियासी, पुंछ व राजौरी जिलों से आए वीडीसी सदस्यों का नेतृत्व जम्मू विलेज डिफेंस कमेटी एसोसिएशन के प्रधान बिहारी लाल भूषण ने किया। उन्होंने कहा कि दो महीने में यह दूसरा प्रदर्शन है। उन्होंने मांग की कि उपराज्यपाल व उनके सलाहकार फारूक खान इस मामले में हस्तक्षेप कर इंसाफ करें। उन्होंने बताया कि सरकार ने उनकी वित्तीय समस्याओं का समाधान नहीं किया तो वे अपने अपने जिलों में जिला पुलिस लाइंस में हथियार जमा करा देंगे। डोडा के देसा के वीडीसी सदस्य शंकर सिंह ने बताया कि सरकार ने एसपीओ का मानदेय बढ़ाकर पांच हजार से 18 हजार कर दिया था। इसके बाद वीडीसी सदस्यों को वेतन मिलना बंद हो गया। आठ महीने से वीडीसी सदस्यों को मानदेय नहीं मिला है। हजार वीडीसी सदस्यों की बेहतरी के लिए नीति बनाना जरूरी है। उनका कहना था कि हमें वर्ष 2015-2016 में भी मानदेय नहीं दिया गया। इसके बाद भी हम सेना, पुलिस के साथ मिलकर काम करते रहे।

------------------------ पहले तीन एसपीओ को मानदेय वीडीसी कमेटी में बंटता था

वर्ष 1996 में केंद्र सरकार ने जम्मू संभाग के आतंकवाद प्रभावित इलाकों में लोगों की सुरक्षा के लिए वीडीसी का गठन किया था। वीडीसी सदस्यों को आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाने के मकसद से आठ वीडीसी सदस्यों में से तीन को जम्मू कश्मीर पुलिस का एसपीओ बना दिया था। केंद्र सरकार एसपीओ को मानदेय देती थी। इन तीन एसपीओ को मिलने वाला मानदेय वीडीसी के सभी 8 सदस्यों में बराबर बंटता था। इससे गुजारा चल जाता था। धीरे धीरे एसपीओ का मानदेय तीन हजार रुपये से बढ़कर 18 हजार रुपये हो गया व उनका मानदेय सबमें बांटने की व्यवस्था खत्म हो गई। इससे वीडीसी के सदस्यों का गुजारा भत्ता हो गया। अब वे भी एसपीओ की तरह मानदेय देने की मांग कर रहे हैं।

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