Jammu: जीएमसी के मरीजों पर निजी अस्‍पतालों की नजर, चिकित्सा अधीक्षक ने मंडलायुक्त को लिखा पत्र

GMC Hospital Jammu पत्र में जो लिखा है कि उसके अनुसार चिकित्सा अधीक्षक मानते हैं कि कुछ लोगों की मिलीभगत से जीएमसी से मरीजों को दूसरे राज्यों के अस्पतालों में ले जाया जा रहा है। इससे धन की मोटी उगाही की जा रही है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 27 Aug 2021 07:31 AM (IST) Updated:Fri, 27 Aug 2021 07:31 AM (IST)
Jammu: जीएमसी के मरीजों पर निजी अस्‍पतालों की नजर, चिकित्सा अधीक्षक ने मंडलायुक्त को लिखा पत्र
उन्होंने पत्र के साथ पुलिस को की गई शिकायतों के पत्र भी भेजे हैं।

जम्मू, रोहित जंडियाल: जम्मू संभाग में सरकार के सबसे बड़े राजकीय मेडिकल कालेज (जीएमसी) अस्पताल में भर्ती मरीजों को अपने यहां भर्ती कराने के लिए दूसरे राज्यों के अस्पताल एंबुलेंस चालकों की मिलीभगत से बड़ा खेल खेल रहे हैं। जीएमसी के ही चिकित्सा अधीक्षक डा. एडीएस मन्हास ने जम्मू के मंडलायुक्त को जिस तरह सवाल उठाते हुए पत्र लिखा है, उससे यही सार निकलता है कि यह सब मिलीभगत से हो रहा है।

पुलिस पर भी सवाल है कि अस्पताल के अंदर इमरजेंसी के दरवाजे तक निजी अस्पतालों की एंबुलेंस कैसे पहुंच जाती हैं। सवाल है कि क्या अस्पताल के अंदर भी कुछ लोग इसमें मिले हुए हैं। पुलिस अधिकारी भी यह सब जानते हैं, क्योंकि उनके पास शिकायतें पहले भी की जा चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है।

जम्मू के मंडलायुक्त डा. राघव लंगर को लिखे पत्र में चिकित्सा अधीक्षक डा. मन्हास ने कई संगीन आरोप लगाए हैं। राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू की इमरजेंसी से कई बार मरीज लामा (बिना बताए चले जाना) हो जाते हैं। यह कई वर्षों से चला आ रहा है। निजी अस्पतालों की एंबुलेंस को अक्सर जीएमसी की इमरजेंसी के बाहर खड़े देखा जा सकता है। यह सब देखते हुए चिकित्सा अधीक्षक के आरोपों से अस्पताल की पूरी व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगा है। इसमें क्या निजी अस्पतालों और एंबुलेंस वालों से क्या जीएमसी स्टाफ के कुछ सदस्य मिलीभगत किए हुए हैं, इस पर सवाल उठने लगे हैं। अब इंतजार है कि मंडलायुक्त इस संबंध में जांच के आदेश देते हैं या नहीं।

पत्र में जो लिखा है कि उसके अनुसार चिकित्सा अधीक्षक मानते हैं कि कुछ लोगों की मिलीभगत से जीएमसी से मरीजों को दूसरे राज्यों के अस्पतालों में ले जाया जा रहा है। इससे धन की मोटी उगाही की जा रही है। उन्होंने लिखा है कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर में लोगों में दहशत थी। यह लोग अपने मरीजों का इलाज करवाने के लिए उन्हें राजकीय मेडिकल कालेज अस्पताल जम्मू में ले आए, लेकिन जीएमसी में ही कुछ लोगों ने एक ऐसा माहौल बनाया कि यहां डाक्टर मरीजों का इलाज ही नहीं कर रहे हैं। इसके बाद कुछ मरीजों को निजी एंबुलेंस के जरिये मनमाने दाम लेकर पड़ोसी राज्यों में पहुंचाया।

कई मरीज निजी अस्पतालों का खर्च नहीं उठा सके और फिर वापस सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए लौट आए। पत्र में कुछ स्वयंसेवियों और कथित पत्रकार को भी निशाने पर लिया गया है। इसमें कहा गया है कि इन लोगों का रवैया नकारात्मक रहा और उन्होंने जीएमसी की मनगढ़ंत कहानियां मरीजों को बताकर उन्हें गुमराह किया ताकि वह दूसरे राज्यों के अस्पतालों में जाने के लिए तैयार हो जाएं।

कहा-तीसरी लहर की आशंका के बीच फिर सक्रिय हुए ये लोग: चिकित्सा अधीक्षक ने लिखा है कि मिलीभगत की जानकारी उन्होंने एक नहीं, बल्कि कई बार पुलिस अधिकारियों को दी। इनकी शिकायतें भी की गईं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने लिखा कि ऐसी आशंका है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर भी आ सकती है। ऐसे में जीएमसी से मरीजों को उठाकर निजी अस्पतालों में भेजकर मोटा कमीशन लेने वाले यह लोग फिर से से वही कहानी दोहराते हुए सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने इसकी जांच करवाने और इस पर अंकुश लगाने के लिए कहा है। उन्होंने पत्र के साथ पुलिस को की गई शिकायतों के पत्र भी भेजे हैं। 

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