जनरल रावत के तालिबान से बातचीत के बयान पर सियासत

राज्य ब्यूरो, जम्मू : थलसेना प्रमुख जनरल विपिन रावत के तालिबान से बातचीत और कश्मीर में आतंकवाद

By JagranEdited By: Publish:Thu, 10 Jan 2019 07:41 AM (IST) Updated:Thu, 10 Jan 2019 07:41 AM (IST)
जनरल रावत के तालिबान से बातचीत के बयान पर सियासत
जनरल रावत के तालिबान से बातचीत के बयान पर सियासत

राज्य ब्यूरो, जम्मू : थलसेना प्रमुख जनरल विपिन रावत के तालिबान से बातचीत और कश्मीर में आतंकवाद पर दिए गए बयान को लेकर राज्य में सियासत शुरू हो गई है। नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर मुद्दे पर केंद्र सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने बातचीत पर जोर देते हुए कहा कि एक तरफ हम तालिबान से बातचीत के समर्थक हैं, लेकिन कश्मीर में हम इससे पीछे हटते हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा, हम तालिबान से बातचीत की वकालत करते हैं, तिब्बत के लिए स्वायत्त दर्जे की मांग करते हैं, श्रीनगर में तमिल बहुल इलाकों की स्वायत्तता पर जोर देते हैं। इसके बावजूद हम जम्मू कश्मीर में राजनीतिक पहल और संबंधित पक्षों से बातचीत पर इच्छुक नहीं। आखिर हमारी नीति क्या है, कथनी और करनी में अंतर नहीं होना चाहिए। जो कहें वही करें। उन्होंने आगे लिखा कि तालिबान के लिए बातचीत और कश्मीरियों के लिए ऑपरेशन ऑलआउट।

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी ट्वीटर पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लिखा, जम्मू कश्मीर में ¨हसा की समाप्ति के लिए भारत सरकार को पाकिस्तान की शांति की पेशकश को स्वीकारते हुए हुर्रियत कांफ्रेंस समेत सभी संबंधित पक्षों व हितधारकों से बातचीत की पहल करनी चाहिए। अगर सेना प्रमुख तालिबान से बातचीत की वकालत कर सकते हैं तो फिर अपने ही लोगों से बातचीत के मुद्दे पर अलग मानदंड क्यों। गौरतलब है कि थलसेना प्रमुख जनरल विपिन रावत ने बुधवार को नई दिल्ली में एक बातचीत के दौरान तालिबान के साथ बिना शर्त बातचीत का समर्थन किया है।

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