Jammu : पुलिस ने पीड़ित छात्रा को थाने बुलाकर दर्ज किए बयान

आरोपित ने लड़की का गला घोंटने की कोशिश की फिर भी पुलिस ने एफआइआर में हत्या के प्रयास का मामला तक दर्ज नहीं किया।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 23 May 2019 05:25 PM (IST) Updated:Thu, 23 May 2019 05:25 PM (IST)
Jammu : पुलिस ने पीड़ित छात्रा को थाने बुलाकर दर्ज किए बयान
Jammu : पुलिस ने पीड़ित छात्रा को थाने बुलाकर दर्ज किए बयान

जम्मू, अवधेश चौहान। पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही छात्रा का एक विश्वविद्यालय से दिनदहाड़े अपहरण मामले में न्याय नहीं मिलता दिख रहा है। विजयपुर पुलिस ने तो कानून की धज्जियां उड़ाते हुए पीड़ित छात्रा के बयान दर्ज करने के लिए उसे ही थाने बुला लिया। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि सीआरपीसी की धारा 160,161 के अतंर्गत किसी भी पीड़िता को थाने में पूछताछ और बयान के लिए नहीं बुलाया जा सकता।

दिल्ली में निर्भया हत्याकांड के बाद कानून में काफी बदलाव हुआ है। पीड़िता के बयान डॉक्टर और महिला कांस्टेबल के सामने दर्ज होने चाहिए। पुलिस अगर चाहती तो लड़की के बयान उसी दिन मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज करवा सकती थी। अगर छात्रा की हालत चलने फिरने लायक नहीं थी तो कोर्ट में अर्जी देकर मजिस्ट्रेट अस्पताल में बयान दर्ज कर सकता है।

पुलिस मामले में नहीं दिखा रही गंभीरता

गत 18 मई से 21 मई तक छात्र जम्मू राजकीय मेडिकल कॉलेज और एसएमजीएस अस्पताल में भर्ती रही, लेकिन विजयपुर पुलिस की ओर से कोई भी जांच अधिकारी अस्पताल में नही पहुंचा। 21 जनवरी को छात्रा को एसएमजीएस अस्पताल से डिस्चार्ज के बाद विजयपुर थाने में बयान देने के लिए कहा गया। बता दें कि छात्र के अपहरण का मामला विजयपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज है। छात्रा के अपहरण का मामला शनिवार दोपहर को हुआ था। विजयपुर पुलिस स्टेशन में अपहरण के आरोपित के खिलाफ दुष्कर्म का प्रयास, मारपीट, रास्ता रोकने का ही मामला दर्ज हुआ है, जिसकी एमएलसी नंबर 3348 है। डॉक्टरी रिपोर्ट में छात्रा को गंभीर चोटें आईं।

आरोपित ने की थी गला घोंटने की कोशिश

आरोपित ने लड़की का गला घोंटने की कोशिश की फिर भी पुलिस ने एफआइआर में हत्या के प्रयास का मामला तक दर्ज नहीं किया। छात्रा के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने आरोपित को चार दिनों तक गिरफ्तार तक नहीं किया। भाई जितेंद्र सिंह का आरोप है कि पुलिस ने जानबूझकर अपहरण व दुष्कर्म जैसे संगीन आरोपों में संलिप्त राजन खड़ेयाल उर्फ राहू को गिरफ्तार नहीं किया। दुष्कर्म के प्रयास के संगीन मामले में आरोपित राजन खड़ेयाल को सांबा सेशन जज कोर्ट ने एंटीसिपेटरी बेल मिल गई। डीएसपी रविन्द्र सिंह ने किसी न्यूज एजेंसी को इंटरव्यू में छात्र को ही कसूरवार ठहरा दिया।

राजन का कुछ नहीं बिगाड़ पाई पुलिस

छात्र के अपहरण में शामिल राजन का पुलिस कुछ नहीं बिगाड़ पाई। पीड़ित छात्र के बयान को देखा जाए तो आरोपित ने छात्र को धमकी दी थी कि पुलिस मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। मेरे खिलाफ कई केस दर्ज है। पीड़ित छात्र के भाई राजन का यह कहना कि यह धमकियां वाकई साबित होती दिखी, जब पुलिस ने उसे चार दिनों तक की छूट दे रखी थी ताकि वह कोर्ट से एंटीसिपेटरी बेल ले ले। परिजनों का कहना है कि बेटी को आरोपित ने उसके भाई और बहन को भी जान से मारने की धमकी दी है। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ परिजनों को धमकाने का मामला दर्ज नहीं किया है।

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