..कर चले हम फिदा जानोतन साथियों

दिनेश महाजन जम्मू देश की सीमाओं और देशवासियों की जान व माल की रक्षा करते हुए बीते एक

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 05:20 AM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 05:20 AM (IST)
..कर चले हम फिदा जानोतन साथियों
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दिनेश महाजन, जम्मू

देश की सीमाओं और देशवासियों की जान व माल की रक्षा करते हुए बीते एक वर्ष में देश में जम्मू कश्मीर पुलिस और अ‌र्द्धसैनिक बलों के 264 अधिकारी और जवानों ने अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। देश के इन बलिदानी सपूतों की कुर्बानी को कोई भुला नहीं सकता। पड़ोसी देश पाकिस्तान द्वारा सीमापार से चलाए जा रहे अघोषित युद्ध में राज्य पुलिस के 13 जाबांजों ने अपने प्राण की आहुति दी। इसके साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के आठ जवान खुद की जान की परवाह न करते हुए कश्मीर के लोगों की रक्षा के लिए आतंकियों की गोली का निशाना बने।

बुधवार को राष्ट्रीय पुलिस दिवस के अवसर पर बलिदानी पुलिस और अ‌र्द्धसैनिक बलों के जवानों को रेलवे स्टेशन के बाहर बने पुलिस शहीद मेमोरियल और पुलिस स्टेडियम गुलशन ग्राउंड में श्रद्धांजलि दी जाएगी। इस दौरान बलिदानी जवानों के नाम भी पढ़े जाएंगे। 21 अक्टूबर 2019 से 20 अक्टूबर 2020 के बीच विभिन्न आतंकी गतिविधियों में राज्य पुलिस के बलिदान होने वाले जांबाजों में अनंतनाग के बिजबिहाड़ा में के इंस्पेक्टर मोहम्मद अशरफ बंट्ट, सब इंस्पेक्टर सगीर अहमद, एएसआइ बाबू लाल, हेड कांस्टेबल अनूप सिंह, हेड कांस्टेबल मोहम्मद अमीन, कांस्टेबल मंजूर अहमद डार, फैयाज अहमद, कांस्टेबल अब्दुल रशीद, इश्फाक अजूब, एसपीओ वजाहत उल्ला, शहबाज अहमद, पाशिद इकबाल और मुज्जफर अली डार शामिल हैं। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में बीते तीन दशक से जारी आतंकवाद में अब तक 12 सौ के करीब पुलिस अधिकारियों व जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी है।

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इसलिए मनाते हैं राष्ट्रीय पुलिस दिवस

वर्ष 1959 में चीन से लगी भारत की सीमा की रक्षा करते हुए 21 अक्टूबर को दस पुलिसकर्मियों ने बलिदान पाया था। इन्हीं के सम्मान में हर वर्ष 21 अक्टूबर को राष्ट्रीय पुलिस दिवस मनाया जाता है। देश के प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय पुलिस दिवस को शहादत को याद करने के लिए याद किया जाता हैं।

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