Commonwealth Games 2022: PM के प्रोत्साहन ने बढ़ाया जिम्नास्ट बवलीन कौर का हौसला, जेएंडके स्पोर्ट्स काउंसिल ने पूछा तक नहीं

Commonwealth Games 2022 बवलीन कौर बेशक कामनवेल्थ खेलों में पदक से चूक गई लेकिन उनके खेल की जोरदार प्रशंसा हुई। भारतीय टीम के कोच ने भी उनके खेल की जमकर सराहना करते हुए कहा कि उन्हें रिद्मिक जिम्नास्टिक में बवलीन कौर के रूप में उज्ज्वल भविष्य दिख रहा है।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Tue, 16 Aug 2022 07:52 PM (IST) Updated:Tue, 16 Aug 2022 07:52 PM (IST)
Commonwealth Games 2022: PM के प्रोत्साहन ने बढ़ाया जिम्नास्ट बवलीन कौर का हौसला, जेएंडके स्पोर्ट्स काउंसिल ने पूछा तक नहीं
कामनवेल्थ गेम्स 2022 में भाग लेने वाली भारत की एकमात्र रिद्मिक जिम्नास्ट बवलीन कौर (दायें) कोच कृपाली सिंह के साथ।

जम्मू, अशोक शर्मा : कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में पदक जीत कर लौटे खिलाड़ियों पर विभिन्न राज्यों की सरकारें धन वर्षा कर रही है। जो खिलाड़ी पदक नहीं भी जीत सके। उन्हें भी लाखों रुपए देने की घोषणा की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी पदक विजेताओं और प्रतिभागियों को बुलाकर उन्हें प्रोत्साहित किया, लेकिन जम्मू से काॅमनवेल्थ गेम्स के लिए चुनी गई एक मात्र रिद्मिक जिम्नास्ट बवलीन कौर की किसी ने सुध तक नहीं ली। हालत यह है कि जम्मू-कश्मीर खेल परिषद के किसी अधिकारी ने उसे टीम में चुने जाने की बधाई तक नहीं दी, जबकि बवलीन कौर पूरे देश की एक मात्र रिद्मिक जिम्नास्ट थी। जिसका कॉमनवेल्थ जिम्नास्टिक टीम में चयन हुआ। उसका भारतीय टीम में चयन होने पर उपराज्यपाल ने जरूर ट्वीट किया और उसके दो दिन बाद खेल परिषद की सचिव नुजहत गुल ने रिट्वीट कर अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री दे दी।

बवलीन कौर बेशक कामनवेल्थ खेलों में पदक से चूक गई, लेकिन उनके खेल की जोरदार प्रशंसा हुई। भारतीय टीम के कोच ने भी उनके खेल की जमकर सराहना करते हुए कहा कि उन्हें रिद्मिक जिम्नास्टिक में बवलीन कौर के रूप में उज्ज्वल भविष्य दिख रहा है।

बवलीन कौर को भी इस बात का दुख है कि जम्मू-कश्मीर खेल परिषद के किसी अधिकारी ने पूछा तक नहीं। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री खिलाड़ियों को प्रोत्साहित कर सकते हैं। खिलाड़ियों से मिलने के लिए समय निकाल सकते हैं तो जम्मू-कश्मीर खेल परिषद की सचिव या दूसरे अधिकारियों के पास क्या बधाई तक देने का समय भी नहीं है। वह प्रधानमंत्री से मिलने के बाद इतनी प्रोत्साहित हैं कि उनका कहना कि उनके प्रोत्साहन से ऐसा लग रहा है मानों पूरे जीवन की मेहनत सफल हो गई। उनका हर एक शब्द इस कदर प्रेरित करने वाला था कि अब एक ही सपना है कि देश के लिए अधिक से अधिक पदक जीतने हैं। इसके लिए चाहे जितनी भी मेहनत करनी पड़े। उन्होंने बताया कि उन्हें खेल परिषद की या सरकार की ओर से कोई नकद राशि नहीं दी गई है। वहीं हिमाचल प्रदेश ने पदक विजेताओं को एक-एक करोड तो प्रतिभागियों को दस-दस लाख देने की घोषणा की है। वहीं हरियाणा सरकार ने तो कॉमनवेल्थ गेम्स में रवाना होने वाले खिलाड़ियों के रवाना होते ही 2.5 लाख रुपए अपने हर खिलाड़ी के खाते में जमा करवा दिए। पदक विजेताओं और प्रतिभागियों को भारी राशि दी गई।

जम्मू-कश्मीर जिम्नास्टिक एसोसिएशन के महासचिव रविंद्र सिंह ने कहा कि कहने को तो नई खेल नीति जारी की गई है लेकिन इसका खिलाड़ियों को अभी तक कोई लाभ नहीं दिखा है। खेल परिषद खिलाड़ियाें के बड़ी से बड़ी प्रतियोगिता में चुने जाने पर प्रेस रिलीज तक जारी नहीं करती। दुखद है कि खिलाड़ियों काे जो सम्मान मिलना चाहिए नहीं मिल पा रहा।

वहीं जम्मू-कश्मीर जिम्नास्टिक एसोसिएशन के अध्यक्ष किरण वात्तल ने कहा कि जम्मू में खेलो इंडिया की जिम्नास्टिक एकेडमी खुलने से काफी लाभ हुआ है। उपराज्यपाल के सहयोग से ढ़ांचागत सुविधाओं में काफी सुधार हुआ है। खेल परिषद को भी अपना दायित्व समझना चाहिए। उन्हें नहीं भूलना चाहिए कि खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना उनका फर्ज है। अगर खिलाड़ी किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए चुना भी जाता है तो यह हमारे लिए गौरव की बात होती है। अगर खिलाड़ियों का तरीके से प्रोत्साहन होगा तो दूसरे खिलाड़ी भी प्रेरित होंगे।

ज्ञातव्य है कि जम्मू-कश्मीर युवा जिम्नास्ट बवलीन कौर ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2019 में जिम्नास्टिक के हर वर्ग में पदक जीतकर जम्मू-कश्मीर का गौरव बढ़ाया था। बवलीन ने इन खेलों में अब तक तीन स्वर्ण और दो रजत पदक जीते हैं। उन्होंने पिछले साल खेलो इंडिया स्कूल गेम्स में भी दो स्वर्ण सहित चार पदक अपने नाम किए थे। इसके अलावा पिछले साल राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भी उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर को चैम्पियन बनाया था।

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