Jammu Kashmir: पहाड़ी भाषियों को चार प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ दायर याचिका खारिज

हाईकोर्ट ने इस मामले में याची की ओर से पेश हुए एडवोकेट एसएम चौधरी व केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए विशाल शर्मा को सुनने के बाद पाया कि यह काफी स्पष्ट है कि सामान्य हालात में जो व्यक्ति किसी फैसले से प्रभावित नहीं होता।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Sat, 01 Oct 2022 09:02 PM (IST) Updated:Sat, 01 Oct 2022 09:02 PM (IST)
Jammu Kashmir: पहाड़ी भाषियों को चार प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ दायर याचिका खारिज
यह याचिका मोहम्मद अनवर चौधरी की ओर से दायर की गई थी।

जम्मू, जेएनएफ। जम्मू-कश्मीर व लद्दाख हाईकोर्ट ने पहाड़ी भाषी लोगों को आरक्षण नियम 2005 के तहत सरकारी नौकरियों में चार प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के विरोध में दायर याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका मोहम्मद अनवर चौधरी की ओर से दायर की गई थी।

हाईकोर्ट ने इस मामले में याची की ओर से पेश हुए एडवोकेट एसएम चौधरी व केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए विशाल शर्मा को सुनने के बाद पाया कि यह काफी स्पष्ट है कि सामान्य हालात में जो व्यक्ति किसी फैसले से प्रभावित नहीं होता, वह फैसले को चुनौती देने का हकदार नहीं। अलबत्ता अगर प्रभावित होने वाला व्यक्ति अज्ञानता या अनपढ़ता के कारण कोर्ट नहीं पहुंच पाता तो उसकी तरफ से ऐसा व्यक्ति कोर्ट आ सकता है जिसका कोई अपना स्वार्थ न हो। ऐसे मामले में कोर्ट गौर कर सकता है।

इस मामले में याची यह बताने में पूरी तरह से विफल हुआ है कि वह किस तरह से उक्त फैसले से प्रभावित हुआ है या उसका कोई आश्रित इस फैसले से प्रभावित हुआ है। याची अपनी दलील को जनहित याचिका के रूप में भी साबित नहीं कर पाया। ऐसे में याची की पहाड़ी भाषियों को चार प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का फैसला खारिज करने की मांग पूरी तरह से तर्कहीन है।

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