जम्मू-कश्मीर में डीडीसी चुनाव का रास्ता साफ ,पंचायती राज अधिनियम में संशोधन प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की मुहर

जम्मू कश्मीर में पहली बार जिला विकास परिषद चुनाव करवाने का रास्ता साफ हो गया है। बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जम्मू कश्मीर पंचायती राज अधिनियम 1989 में संशोधन प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। यह संशोधन त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की वकालत करता है।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 09:43 AM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 09:43 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर में डीडीसी चुनाव का रास्ता साफ ,पंचायती राज अधिनियम में संशोधन प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की मुहर
जम्मू कश्मीर में पहली बार जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव करवाने का रास्ता साफ हो गया है

श्रीनगर,  जम्मू कश्मीर में पहली बार जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव करवाने का रास्ता साफ हो गया है। बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जम्मू कश्मीर पंचायती राज अधिनियम 1989 में संशोधन प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। इसके साथ ही प्रदेश में संविधान का 73वां संशोधन भी पूरी तरह लागू हो गया है। यह संशोधन त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की वकालत करता है। अब इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इसे जम्मू कश्मीर के लिए एतिहासिक पल करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि इससे जम्मू कश्मीर में त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था का मार्ग ही प्रशस्त नहीं हुआ है बल्कि जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत बनाने और विकास के एजेंडे के क्रियान्वयन को भी गति मिलेगी। यह एतिहासिक कदम आम आदमी की प्रत्यक्ष भागेदारी भी सुनिश्चित करेगा।

उन्होंने बताया कि निर्वाचित सदस्यों, ब्लॉक विकास परिषदों के अध्यक्षों और विधायकों की मौजूदगी से निगरानी, पारदर्शिता व संतुलन को सुनिश्चित बनाया गया है। यहां बता दें कि प्रदेश सरकार पहले ही डीडीसी के गठन के लिए नियम अधिसूचित कर चुकी है और सभी 20 जिलों में जिला परिषदों के गठन के लिए निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन की प्रक्रिया चल रही है।

यह होगा डीडीसी का स्वरूप

प्रत्येक जिले में जिला विकास परिषद के 14 सदस्य सीधे चुने जाएंगे। यह सदस्य डीडीसी के प्रधान और उपप्रधान का चयन करेंगे, बीडीसी चेयरपर्सन और भविष्य में विधायक भी इसके सदस्य होंगे। निर्वाचित सदस्य ही प्रधान और उपप्रधान चुनाव में वोट डाल सकेंगे, एडीसी प्रत्येक डीडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी होंगे, अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए सीटें आरक्षित होंगी। महिलाओं को भी 33 फीसद आरक्षण रहेगा।

यह होगा कार्यजिला विकास परिषदें

विकास कार्यक्रमों की रुपरेखा तय करेंगी और जिले में कार्यरत योजनाओं की प्रगति, उपलब्धियों की समीक्षा करेंगी। जिला विकास परिषदों को पर्याप्त कानूनी व वैधानिक अधिकार प्रदान करते हुए तीसरी अनुसूची में शामिल कार्य सौंपे गए हैं। प्रत्येक डीडीसी में वित्त, विकास, लोक कार्य, स्वास्थ्य एवं शिक्षा और कल्याण संबंधी मामलों पर पांच स्थायी समितियां भी गठित की जाएंगी। 

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