साढ़े तीन घंटे जीरो लाइन पर अटकी रहीं जांबाजों की सांसें

संवाद सहयोगी, रामगढ़ : अग्रिम सीमा से सटे चमलियाल क्षेत्र में पाक रेंजरों ने नापाक करतूत को

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Jun 2018 02:34 AM (IST) Updated:Thu, 14 Jun 2018 02:34 AM (IST)
साढ़े तीन घंटे जीरो लाइन पर अटकी रहीं जांबाजों की सांसें
साढ़े तीन घंटे जीरो लाइन पर अटकी रहीं जांबाजों की सांसें

संवाद सहयोगी, रामगढ़ : अग्रिम सीमा से सटे चमलियाल क्षेत्र में पाक रेंजरों ने नापाक करतूत को अंजाम देने की पहले से ही तैयारी कर रखी थी। सरहद के उस पार बैठे रेंजर्स लगातार बीएसएफ की क्षेत्रीय गतिविधियों को भांप रहे थे। जैसे ही मंगलवार देर शाम बीएसएफ जवान सीमा पर गश्त कर रहे थे कि रेंजरों ने घात लगाकर पहले उनपर स्नाइपर शॉट दागे, फिर छोटे अत्याधुनिक हथियारों से गोलियों की बौछार कर दी। जवानों को पल भर संभलने का मौका नहीं मिला। घायल सात जवान करीब साढ़े तीन घंटे तक जीरो लाइन पर पड़े रहे। उन्हें तुरंत मदद न मिले, इसके लिए पाक रेंजरों ने अग्रिम चमलियाल क्षेत्र में कम दूरी वाले मोर्टार गोले भी दागे। बीएसएफ जवानों ने करारा जवाब देने के दौरान जान की बाजी लगाकर जीरो लाइन में पड़े घायलों को वहां से उठाकर रामगढ़ अस्पताल पहुंचाया, लेकिन असिस्टेंट कमांडेंट सहित तीन जवान दम तोड़ चुके थे। अन्य घायल जवानों को तुरंत प्राथमिक उपचार देकर जम्मू में जीएमसी अस्पताल रेफर कर दिया। इनमें सब इंस्पेक्टर रजनीश कुमार जख्मों की ताव न सहते हुए बुधवार तड़के शहीद हो गए।

सूत्रों के अनुसार बीएसएफ कंपनी अधिकारी चमलियाल मेले को लेकर आपसी वार्ता करने के लिए कई दिनों से पाक रेंजरों के साथ संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे। रेंजर्स साजिशों को अंजाम देने की तैयारी में थे। पाक रेंजरों की इन योजनाओं से बेखबर बीएसएफ 62 बटालियन सरहद पर संघर्ष विराम लागू नियम को आदर्श मानती रही, जिसका खामियाजा बीएसएफ को चार जवानों की शहादत देकर चुकता करना पड़ा। जिस छल के साथ पाक रेंजरों ने बीएसएफ को आघात पहुंचाया है, यह अब तक का सबसे बड़ी कायरता का सुबूत होगा।

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