Jammu Kashmir: BSF जवानों ने कठुआ में IB पर पाक ड्रोन मार गिराया, हथियार-गोलाबारूद बरामद

बीएसएफ जवानों ने पाकिस्तानी ड्रोन को रथुआ में गांव पंसर पर मंडराते हुए देखा। जैसे ही ड्रोन ने भारतीय सीमा में प्रवेश किया। सतर्क बीएसएफ जवानों ने उसे गोली मारकर गिरा दिया।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sat, 20 Jun 2020 11:21 AM (IST) Updated:Sat, 20 Jun 2020 06:27 PM (IST)
Jammu Kashmir: BSF जवानों ने कठुआ में IB पर पाक ड्रोन मार गिराया, हथियार-गोलाबारूद बरामद
Jammu Kashmir: BSF जवानों ने कठुआ में IB पर पाक ड्रोन मार गिराया, हथियार-गोलाबारूद बरामद

जम्मू, जेएनएन। भारतीय जवानों ने एक बार फिर पाकिस्तान की नापाक साजिश को नाकाम बनाते हुए ड्रोन की मदद से आतंकवादियों तक हथियार पहुंचाने की पाक सेना की साजिश को नाकाम बना दिया है। भारतीय सीमा की सुरक्षा का दायित्व संभाल रहे बीएसएफ के जवानों ने आज शनिवार सुबह जिला कठुआ के हीरानगर सेक्टर के रथुआ क्षेत्र में भारतीय क्षेत्र में मंडरा रहे पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया है। यह ड्रोन खेत में गिरा। बीएसएफ जवानों ने जब ड्रोन को अपने कब्जे में लेकर उसकी जांच की तो उसमें से अमेरिका निर्मित एम-4 सेमी आटोमेटिक राइफल, उसके 60 राउंड, दो मेगजीन और सात एम-67 ग्रेनेड भी बरामद किए हैं।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार यह घटना सुबह 5.10 बजे के करीब घटित हुई है। जब बीएसएफ जवान सीमा पर गश्त लगा रहे थे तो उन्होंने पाकिस्तानी ड्रोन को रथुआ में गांव पंसर पर मंडराते हुए देखा। जैसे ही ड्रोन ने भारतीय सीमा में प्रवेश किया। सतर्क बीएसएफ जवानों ने उसे गोली मारकर गिरा दिया। सूत्रों का कहना है ड्रोन के साथ जो सामान मिला है, उसके साथ अली भाई के नाम से एक पर्ची भी है, जिसके आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि ये हथियार जम्मू-कश्मीर में सक्रिय जैश-ए-मोहम्मद के सक्रिय आतंकी अली भाई तक पहुंचाए जाने थे। हालांकि पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि रठुआ क्षेत्र के पंसर गांव जहां यह पाकिस्तानी ड्रोन मंडरा रहा था, ये हथियार वहां किस तक पहुंचाए जाने थे।

बीएसएफ जम्मू फ्रंटियर के आइजी एनएस जम्वाल ने बताया कि हमारे जवानों ने पाकिस्तान की इस साजिश को नाकाम कर बहुत सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि इससे पहले पाकिस्तान ने इसी तरह का प्रयास पंजाब में भी किया था। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि छह पंखों वाले इस ड्रोन का अपना वजन लगभग 17.5 किलोग्राम है और इसके साथ जो हथियार भेजे गए थे, उनका वजन भी लगभग पांच से छह किलोग्राम था। इससे यह तो स्पष्ट हो गया है कि यह हथियार यहीं किसी तक पहुंचाए जाने थे, वह कौन था, यह जांच का विषय है। आईजी ने बताया कि ड्रोन में एक ऐसा चरखी तंत्र भी लगा हुआ है, जिसकी मदद से हथियारों की खेप आसमान से ही आसानी से कहीं भी गिराकर ड्रोन वापस पाकिस्तान लौट जाता।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि ड्रोन ब्लेड के ब्लेड 8 फुट चौड़े हैं। एेसा अनुमार लगाया जा रहा है कि इस ड्रोन को हीरानगर सेक्टर में BSF की पनेसर पोस्ट के सामने पाक पिकेट से नियंत्रित किया जा रहा था। अधिकारी ने यह भी बताया कि इसी तरह के हथियार जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गत माह जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों के पास से बरामद किए थे जो ट्रक में बैठ कश्मीर जाने की फिराक में थे। पाकिस्तान से घुसपैठ कर आए ये आतंकवादी बन टोल प्लाजा नगरोटा में मुठभेड़ के दौरान मार गिराए गए थे।

बीएसएफ आइजी ने कहा कि पाक रेंजर्स और पाकिस्तानी सेना ऐसे ड्रोनों का इस्तेमाल अकसर करती है। भारतीय सीमा में घुसपैठ कर आए आतंकवादियों तक हथियार पहुंचाने के लिए ही इनका इस्तेमाल किया जाता है। हीरानगर सेक्टर हमेशा से आतंकवादियों की घुसपैठ का रास्ता रहा है। यहां बहने वाले तीन से चार मौसमी दरारों से भारतीय सीमा में प्रवेश करना आसान है।

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