जम्मू-कश्मीर के सभी जिला अस्पतालों में स्थापित होंगे ऑक्सीजन प्लांट, खर्च होंगे 200 करोड़

वित्तायुक्त अटल डुल्लु ने बताया कि हमने सभी जिला अस्पतालों स्वास्थ्य विभाग व मेडिकल कालेज से संबधित अस्पतालों में ऑक्सीजन सयंत्र स्थापित करने का फैसला किया है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 03:09 PM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 03:17 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर के सभी जिला अस्पतालों में स्थापित होंगे ऑक्सीजन प्लांट, खर्च होंगे 200 करोड़
जम्मू-कश्मीर के सभी जिला अस्पतालों में स्थापित होंगे ऑक्सीजन प्लांट, खर्च होंगे 200 करोड़

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कोविड-19 के लगातार बढ़ते मरीजों की संख्या और अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी से पैदा हालात से निपटने के लिए प्रदेश प्रशासन ने सभी जिला और एसोशिएट अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने का फैसला किया है। इस पूरी परियोजना पर करीब 200 करोड़ की लागत आने का अनुमान है।

गौरतलब है कि केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश में कोविड-19 से संक्रमितों की संख्या 26 हजार का आंकड़ा पार कर चुकी है। इनमें से करीब 20 हजार घाटी में ही हैं। यही नहीं इस महामारी के कारण प्रदेश में अब तक 509 मरीज अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें 470 कश्मीर संभाग से जबकि 39 जम्मू संभाग से हैं। वादी के अस्पतालों में बीते दिनों ऑक्सीजन सिलेंडराें की कमी हो गई थी। प्रशासन ने किसी तरह स्थिति पर काबू पाया।

स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के वित्तायुक्त अटल डुल्लु ने बताया कि हमने सभी जिला अस्पतालों, स्वास्थ्य विभाग व मेडिकल कालेज से संबधित अस्पतालों में ऑक्सीजन सयंत्र स्थापित करने का फैसला किया है। इस पूरी योजना पर करीब 200 करोड़ की लागत आएगी। सभी संबधित अधिकारियों को प्रस्तावित ऑक्सीजन उत्पादन सयंत्रों की स्थापना के लिए जमीन चिन्हित करने काे कहा गया है। इसके अलावा आवश्यक मशीनरी को खरीदा जाना है, इमारत तैयार करनी है और यह सभी कार्य निष्पक्ष और पारदर्शी टेंडर प्रक्रिया के जरिए पूरे किए जाएंगे। हमने डीपीआर तैयार करने का निर्देश दे दिया है। 

मंडलायुक्त कश्मीर पांडुरंग के पाेले ने बताया कि डीएनबी योजना के तहत कश्मीर में कुछ प्रमुख अस्पतालों में ऑक्सीजन सयंत्र स्थापित किए जाएंगे। फिलहाल, डीपीआर पर काम चल रहा है। सयंत्र निर्माण का काम डीपीआर व टेंडरिंग प्रक्रिया के पूरा होने के बाद ही शुरु होगा। इसमें तीन-चार माह का समय लग सकता है।फिलहाल, हमने वादी में कोविड मरीजों के लिए बड़ी संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर और ऑक्सीजन कनसनट्रेटर्स उपलब्ध कराए हैं।

रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन कश्मीर के अध्यक्ष डॉ सुहैल नायक ने कहा कि ऑक्सीजन किसी भी गंभीर रोगी के उपचार के लिए बहुत जरुरी है। यह कोविड बायलेट्रल निमोनिया मरीजों के लिए पहली आवश्यक्ता है। उन्होंने बताया कि वादी के विभिन्न जिला और उप जिला अस्पतालों से यहां एसएमएचएसअस्पताल या शेर-ए-कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान सौरा से अधिकांश मरीजों को सिर्फ इसलिए भेजा जाता है कि वहां ऑक्सीजन गैस सिलेंडर और कनसनट्रेटर्स नहीं होते। अगर जिला व उपजिला अस्पतालों में भी ऑक्सीजन गैस सयंत्र और कनसनट्रेटर्स हो तो वादी के प्रमुख अस्पतालों में विभिन्न शहरों व कस्बों से हर बीमारी के उपचार के लिए आने वाले मरीजेां की संख्या घटेगी।

उपचार के दौरान या चिकित्सा सुविधा के अभाव में मरीजों की होने वाली माैतों में भी गिरावट आएगी। इस समय हमें अपने स्वास्थ्य और चिकित्सा ढांचे में लगातार बदलते परिवेश के मुताबिक सुधार लाने की जरुरत है। लोगों को पर्याप्त और प्रभावीस स्वास्थ्य व चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हमें एक प्रभावकारी तंत्र चाहिए । जिस तरह के हालात हैं, उनके मद्देनजर हमें अपने एक्सट्राकार्पाेरल में ब्रेन आक्सिजनेशन ईसीएमओ और हाई फ्रिक्वेंसी ऑक्सिजनेशन वेंटीलेटर एचएफओवी भी चाहिए।

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