महाराजा हरि सिंह की जयंती पर अवकाश न होने पर भाजपा को घेरा

प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बुधवार को महाराजा हरि सिंह की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कांग्रेस ने आखिरी डोगरा शासक महाराज हरि सिंह के जन्मदिवस पर जम्मू कश्मीर में सरकारी छुट्टी की घोषणा न किए जाने पर भाजपा पर हमला बोला। कांग्रेस ने भाजपा भाजपा पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 01:59 AM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 05:16 AM (IST)
महाराजा हरि सिंह की जयंती पर अवकाश न होने पर भाजपा को घेरा
महाराजा हरि सिंह की जयंती पर अवकाश न होने पर भाजपा को घेरा

राज्य ब्यूरो, जम्मू : प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बुधवार को महाराजा हरि सिंह की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कांग्रेस ने आखिरी डोगरा शासक महाराज हरि सिंह के जन्मदिवस पर जम्मू कश्मीर में सरकारी छुट्टी की घोषणा न किए जाने पर भाजपा पर हमला बोला। कांग्रेस ने भाजपा भाजपा पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया।

कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रविद्र शर्मा ने कहा कि महाराजा हरि सिंह ने विलय पत्र पर हस्ताक्षर करके जम्मू कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाया था। महाराजा के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। महाराजा ने समाज सुधार के लिए काफी काम किया। महाराजा ने कहा था कि शासक के तौर पर सारे धर्म मेरे है और मेरा धर्म न्याय करना है। बाल विवाह और छुआछूत को समाप्त किया गया। उन्होंने कहा कि पार्टी महाराज को नमन कर रही है। स्वतंत्रता संग्राम में महाराजा का योगदान रहा है। शांति, सौहार्द और आपसी भाईचारा के लिए महाराजा ने काम किया। यह बहुत अफसोस की बात है कि भाजपा ने लोगों के साथ किए गए वायदे को पूरा नहीं किया और महाराजा के जन्म दिवस पर अवकाश घोषित नहीं हुआ। उन्होने कहा कि भाजपा वोट बैंक के लिए लोगों को गुमराह करती रही है।

पंजाबी भाषा के लिए जारी रहेगा संघर्ष : यूथ नेकां

यूथ नेशनल कांफ्रेंस के सचिव तिजेंद्र पाल सिंह ने पंजाबी, गोजरी और पहाड़ी भाषाओं को राजभाषा का दर्जा न दिए जाने पर केंद्र की भाजपा सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में कश्मीरी, डोगरी, उर्दू, हिदी और इंग्लिश को राजभाषा देने का कानून संसद में पारित कर दिया गया लेकिन पंजाबी को नजरअंदाज किया गया। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष एवं सांसद फारूक अब्दुल्ला ने लोकसभा में पंजाबी भाषा को लागू करने का मुद्दा उठाया था। अन्य पार्टी के नेताओं ने भी इस मुद्दे को लोकसभा और राज्यसभा में उठाया। उन्होंने कहा कि पीएमओ में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी पंजाबी भाषा को नजरअंदाज किया। हमारा संघर्ष जारी रहेगा।

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