Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के सरकारी विभागों में अब चेहरा दिखाकर लगेगी हाजिरी

इस सिस्टम में कर्मचारियों की फोटो को स्कैन करके उसके आधार नंबर से लिंक कर दिया जाता है जिससे हर कर्मचारी की अलग पहचान सुनिश्चित हो जाती है। जैसे ही कर्मचारी अपना चेहरा स्क्रीन के सामने करता है उसे फोटो से मैच करके उसकी हाजिरी लगती हैै।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Wed, 11 Nov 2020 11:23 AM (IST) Updated:Wed, 11 Nov 2020 11:23 AM (IST)
Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के सरकारी विभागों में अब चेहरा दिखाकर लगेगी हाजिरी
फिंगर बायोमेट्रिक से कोरोना फैलने का खतरा था जिसे देखते हुए इसे बंद करने का फैसला लिया गया था।

जम्मू, जागरण संवाददाता: सरकारी विभागों में कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में अब चेहरा दिखाकर हाजिरी लगाने का सिस्टम लागू किया जा रहा है। प्रदेश में इससे पहले बायोमेट्रिक हाजिरी का सिस्टम लागू किया गया था जिसमें अंगुली लगाकर हाजिरी लगती थी लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस साल मार्च महीने में अंगुली के निशान से लगने वाली बायोमेट्रिक हाजिरी को बंद कर दिया गया था।

बायोमेट्रिक हाजिरी का सिस्टम बंद होने से विभागों में उपस्थिति कम होने लगी थी और ऐसा भी पाया गया कि कर्मचारी समय का पालन नहीं कर रहे। इसलिए सरकार ने अब फेस रिकोग्नीशन बायोमेट्रिक सिस्टम लगाना शुरू किए है। सरकारी दफ्तरों में अनुशासन लागू करने के उद्देश्य से उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 13 अक्टूबर को सभी विभागों में फेस रिकोग्नीशन बायोमेट्रिक सिस्टम लगाने का निर्देश दिया था।

इसी के तहत प्रयोग के तौर पर ऊधमपुर जिला अस्पताल में फेस रिकोग्नीशन बायोमेट्रिक सिस्टम लगाया गया है। ऐसे में अब स्टाफ सदस्य मशीन में अपना चेहरा दिखाकर हाजिरी लगा सकेंगे। अस्पताल के मेडिकल सुपरींटेंडेंट डॉ. विजय रैना के अनुसार अस्पताल में वर्क कल्चर को बेहतर बनाने व स्टाफ की समय पर उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक आदेशानुसार नया सिस्टम लगाया गया है।

ऐसे काम करता है फेस रिकोग्नीशन बायोमेट्रिक सिस्टम: इस सिस्टम में कर्मचारियों की फोटो को स्कैन करके उसके आधार नंबर से लिंक कर दिया जाता है जिससे हर कर्मचारी की अलग पहचान सुनिश्चित हो जाती है। जैसे ही कर्मचारी अपना चेहरा स्क्रीन के सामने करता है, उसे फोटो से मैच करके उसकी हाजिरी लगती हैै।

कोरोना काल में उपयाेगी साबित हुई तकनीक: फेस रिकोग्नीशन बायोमेट्रिक सिस्टम कोरोना महामारी के बीच काफी उपयोगी साबित हो रहा है। कुछ निजी कंपनियों ने भी इसे अपनाया है। इससे पूर्व फिंगर बायोमेट्रिक से कोरोना फैलने का खतरा था जिसे देखते हुए इस बायोमेट्रिक हाजिरी को बंद करने का फैसला लिया गया था। 

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