Jammu Kashmir: अब दूसरी कक्षा तक के बच्चों कों नहीं दिया जाएगा होमवर्क, बस्ते के बोझ से नहीं झुकेंगे कंधे
सरकार ने जम्मू कश्मीर स्कूल शिक्षा नियम 2010 में संशोधन किया है। इसके नियम आठ में नियम आठ-ए को जोड़ा गया है। इसके तहत दूसरी कक्षा तक के बच्चों को कोई भी होमवर्क नहीं दिया जाएगा।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : बस्ते के बोझ से अब बच्चों के कंधे नहीं झुकेंगे। उनसे अतिरिक्त किताबें नहीं मंगवाई जा सकती हैं। इसके लिए प्रदेश सरकार ने नियमों में संशोधन किया है। इसके तहत पहली से दसवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के बस्ते का भार तय कर दिया गया है। अब अगर कोई स्कूल नियमों का उल्लंघन करता है तो उसकी मान्यता रद कर दी जाएगी। जम्मू कश्मीर के सभी स्कूलों पर यह नियम प्रभावी होंगे। इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है।
सरकार ने जम्मू कश्मीर स्कूल शिक्षा नियम 2010 में संशोधन किया है। इसके नियम आठ में नियम आठ-ए को जोड़ा गया है। इसके तहत दूसरी कक्षा तक के बच्चों को कोई भी होमवर्क नहीं दिया जाएगा। नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी स्तर के बच्चों के लिए कोई औपचारिक पुस्तक नहीं लगाई जाएगी। सिर्फ दो नोटबुक और एक वर्कबुक होगी, जो अध्यापकों के पास ही रहेगी। नए नियम में कहा गया है कि प्री-प्राइमरी स्तर के बच्चों को बैग लाने के लिए नहीं कहा जा सकता है। इसके लिए न तो उन पर और न ही अभिभावकों पर दबाव डाला जा सकता है। हालांकि, सिर्फ कम भार के साथ लंच बाक्स ही लाया जा सकता है।
स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव असगर सेमून ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर बोर्ड आफ स्कूल एजूकेशन से मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों के लिए शिक्षा विभाग हर साल अकादमिक कैलेंडर जारी करेगा। आदेश में सख्त हिदायत है कि किसी भी हालत में स्कूल प्रबंधन बच्चों को अतिरिक्त पुस्तकें और मैटेरियल लाने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। ऐसा किया तो संबंधित स्कूल की मान्यता रद कर दी जाएगी। हर हाल में नियमों को मानना ही होगा।
स्कूलों को किताबों के मामले में यह नियम मानना ही होगा ’पहली से दूसरी कक्षा तक के बच्चों के लिए भाषा और गणित के अलावा कोई पुस्तक नहीं लगाई जा सकती। ’तीसरी कक्षा से लेकर पांचवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए भाषा, पर्यावरण विज्ञान और गणित की किताब ही लगेगी। ’छठी और सातवीं कक्षा के लिए सोशल साइंस, गणित, भाषा और साइंस के विषय की पुस्तकें लगेगी।