Coronavirus Effect: डॉक्टरों की एक्सटेंशन पर फैसला नहीं, सेवानिवृत्त डाक्टरों की ले रहे सेवाएं

राज्य प्रशासन ने फिलहाल किसी को भी एक्सटेंशन नहीं दी हैं। हालांकि दो साल पहले सेवानिवृत्त हुए डाक्टरों की फिर से नियुक्ति कर रही है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 16 Apr 2020 11:38 AM (IST) Updated:Thu, 16 Apr 2020 11:38 AM (IST)
Coronavirus Effect: डॉक्टरों की एक्सटेंशन पर फैसला नहीं, सेवानिवृत्त डाक्टरों की ले रहे सेवाएं
Coronavirus Effect: डॉक्टरों की एक्सटेंशन पर फैसला नहीं, सेवानिवृत्त डाक्टरों की ले रहे सेवाएं

जम्मू, रोहित जंडियाल। कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए एक ओर जहां स्वास्थ्य कर्मी जीजान से जुटे हुए हैं, वहीं प्रशासनिक पदों पर बैठे डाक्टरों के लगातार सेवानिवृत्त होने के कारण भी परेशानी हो रही है। बीते दो महीने में मेडिकल कालेज व डेंटल कालेज के प्रिंसिपल सहित कई अहम पदों पर बैठे डाक्टर सेवानिवृत्त हुए हैं। सरकार कमी को पूरा करने के लिए सेवानिवृत्त डाक्टरों की सेवाएं तो ले रही है, लेकिन मौजूदा डाक्टरों को एक्सटेंशन देने के बजाय उनसे फिर से आवेदन देने के लिए कह रही है।

कोविड-19 से निपटने के लिए राज्य प्रशासन फरवरी में हरकत में आया था। उसी महीने मेडिकल कालेज श्रीनगर र्के ंप्रसिपल डा. परवेज शाह सेवानिवृत्त हो गए। मार्च महीने में जम्मू में इंदिरा गांधी डेंटल कालेज के प्रिंसिपल डा. रोमेश सिंह, परिवार कल्याण विभाग के डायरेक्टर डा. अरुण शर्मा सेवानिवृत्त हुए। इस महीने मेडिकल कालेज जम्मू की प्रिंसिपल डा. सुनंदा रैना, मेडिकल कालेज राजौरी के प्रिंसिपल डा. कुलदीप सिंह सेवानिवृत्त हो रहे हैं। यही नहीं, जून में मेडिकल कालेज कठुआ के प्रिंसिपल डा. सुलेमान भी सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

जीएमसी डोडा के प्रिंसिपल डाॅ. तारिक आजाद पहले से ही एक्सटेंशन पर हैं। इस समय कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार फैल रहा है और मेडिकल कालेज इससे निपटने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इस सबके बीच इन सभी को सेवानिवृत्त किया जाएगा या इन्हें एक्सटेंशन दी जाएगी, इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है। मगर इससे कहीं न कहीं कोरोना के संक्रमण को खत्म करने के लिए उठाए जा रहे कदमों में देरी हो सकती है।

मेडिकल टीचर्स के विचार अलग, खुलकर कोई नहीं बोल रहा: एक साथ अधिकांश मेडिकल कालेजों के प्रिंसिपल सेवानिवृत्त होने पर मेडिकल टीचर्स के अलग-अलग विचार हैं। हालांकि, कोई भी खुलकर बात नहीं कर रहा है, लेकिन इस समय कुछ टीचर्स वर्तमार्न प्रिंसिपल को ही कुछ महीने एक्सटेंशन देने के हक में हैं। कुछ यह भी कह रहे हैं कि अभी से सरकार को नर्ए प्रिंसिपल नियुक्त कर देने चाहिए ताकि वह दो सप्ताह तक कम से कम वर्तमान प्रिंसिपल के साथ काम कर पूरी व्यवस्था को समझ लेंगे। इससे किसी भी प्रकार के कामकाज पर असर नहीं पड़ेगा। इस मुद्दे पर जीएमसी के मेडिकल टीचर्स में भी मंथन चल रहा है।

सेवानिवृत्ति की कतार में ये डाक्टर हैं प्रमुख: जीएमसी श्रीनगर के गायनाकालोजी विभाग की एचओडी डाॅ. शहनाज टैंग इसी साल जनवरी में सेवानिवृत्त हुई थीं। जीएमसी जम्मू में नेत्र रोग विभाग के एचओडी डा. दिनेश गुप्ता जून में, ईएनटी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डा. अनिल सूरी अगस्त और मेडिसिन विभाग के एचओडी डा. अनिल कुमार शर्मा दिसंबर में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। श्रीनगर मेडिकल कालेज में तीन प्रोफेसर डा. बशीर अहमद मीर, डा. मुनीर फारूक और डा. सज्जाद माजिद भी सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

सेवानिवृत्त डाक्टरों की सेवाएं ली जा रहीं: राज्य प्रशासन ने फिलहाल किसी को भी एक्सटेंशन नहीं दी हैं। हालांकि, दो साल पहले सेवानिवृत्त हुए डाक्टरों की फिर से नियुक्ति कर रही है। सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि अभी तक 120 डाक्टरों ने ज्वाइन कर लिया है। इन सभी की सेवाओं को कोरोना वायरस के मरीजों के उपचार के लिए ली जाएंगी। किसी को भी प्रशासनिक प्रबंधन का काम नहीं सौंपा जाएगा। 

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