Jammu: रॉबिनहुड आर्मी ने उठाया गरीब बच्चों को साक्षर बनाने का बीड़ा, ग्रेटर कैलाश से की अभियान की शुरूआत

हजारों-लाखों बच्चों को रॉबिनहुड आर्मी न सिर्फ साक्षर बना रही है बल्कि उनके खाने-पीने का इंतजाम भी कर रही है। जम्मू में रॉबिनहुड आर्मी के सदस्य अजत अजय दानिश अर्जुन आकांक्षा कामाक्षी सुखलीन सिंह आदि ऐसे बच्चों का भविष्य सवांरने में योगदान दे रहे हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 02:02 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 02:02 PM (IST)
Jammu: रॉबिनहुड आर्मी ने उठाया गरीब बच्चों को साक्षर बनाने का बीड़ा, ग्रेटर कैलाश से की अभियान की शुरूआत
बच्चों के स्वास्थ्य एवं सफाई को लेकर ध्यान भी रखा जाता है।

जम्मू, जागरण संवाददाता। प्रकृति की गोद में बसे जम्मू-कश्मीर के युवाओं के अपने-अपने सपने हैं। अपने सपनों को हकीकत में बदलने को लेकर युवाओं की जिंदगी किसी भागमभाग से कम नहीं है। बावजूद इसके यहां ऐसे भी कई लोग हैं, जो वंचितों का सपना सच करने, और उनका जीवन संवारने के लिए बहुत कुछ करते हैं। ये लोग नि:स्वार्थ भाव से किसी की पढ़ाई में मदद करते हैं, तो किसी के पेट की भूख मिटाते हैं। जम्मू में 60 लोगों का ऐसा ही एक समूह है जो व्यस्तता के बावजूद समय निकालकर सड़कों पर पलने वाले सैकड़ों बच्चों के जीवन को रोशन करने में जुटे हैं।

हम बात कर रहे हैं रॉबिनहुड आर्मी की, जिसके साथ अलग-अलग इलाकों में रहने वाले कई युवक-युवतियां जुड़े हैं। समूह में शामिल लोगों में कोई शिक्षाविद् है, कोई इंजीनियर, कोई डॉक्टर, तो कोई शोधार्थी। ज्यादातर कॉलेज के स्टूडेंट्स हैं। समूह के मुखिया वीनस सेठी ने जम्मू के ग्रेटर कैलाश इलाके में रोबिनहुड आर्मी अकैडमी की शुरूआत की। पहले ही दिन अकेडमी में नर्सरी से लेकर छोटी कक्षाओं के बच्चों के लिए कक्षाएं शुरू की गईं। कुछ बड़ी कक्षाओं के छात्र जो पढ़ाई छोड़ चुके थे, उन्होंने भी आगे पढ़ाई शुरू करने में रूचि दिखाई।

गृह विभाग में अतिरिक्त सचिव अरविंद करवानी और उनकी पत्नी अनामिका सर्राफ करवानी ने पाठशाला का उद्धघाटन किया। इस पहल के लिए उन्होंने रॉबिनहुड आर्मी के जम्मू-कश्मीर हेड वीनस सेठी और उनकी टीम की सराहना की। उन्होंने कहा कि विद्यादान से बड़ा कोई दान नहीं होता। अंग्रेजी की प्रोफेसर अनामिका सर्राफ करवानी ने कहा कि सप्ताह में एक दिन वह स्वयं बच्चों को पढ़ाने के लिए आएंगी। इस संस्था की नींव दिल्ली में रहने वाले नील घोष और आनंद सिन्हा ने रखी थी। आज इस संस्था का दायरा 11 देशों के 40 शहरों में फैला है।

हजारों-लाखों बच्चों को रॉबिनहुड आर्मी न सिर्फ साक्षर बना रही है बल्कि उनके खाने-पीने का इंतजाम भी कर रही है। जम्मू में रॉबिनहुड आर्मी के सदस्य अजत, अजय, दानिश, अर्जुन आकांक्षा, कामाक्षी, सुखलीन सिंह आदि ऐसे बच्चों का भविष्य सवांरने में योगदान दे रहे हैं। जीरो फंडिंग वाले इस ग्रुप में हर कोई वालंटियर है। हर रविवार 11 बजे वालंटियर जमा होते हैं और ग्रेटर कैलाश में दो से तीन घंटे तक बच्चों को पढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। बच्चों के स्वास्थ्य एवं सफाई को लेकर ध्यान भी रखा जाता है। 

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