Jammu Kashmir : मैं जिंदा थी-पर मार दी गई, फिर जिंदा हुई ...अब हमेशा के लिए मूंद ली आंखें

मृतक बच्ची के पिता बशारत हुसैन ने कहा कि उनके साथ बहुत नाइंसाफी हुई है। उनकी बच्ची की मौत के लिए बनिहाल अस्पताल के डाक्टर और स्टाफ जिम्मेदार है। हम अपनी बच्ची को इंसाफ दिलाने के लिए लड़ेंगे। सरकार को हमारे साथ न्यास करना होगा।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 26 May 2022 07:13 AM (IST) Updated:Thu, 26 May 2022 07:13 AM (IST)
Jammu Kashmir : मैं जिंदा थी-पर मार दी गई, फिर जिंदा हुई ...अब हमेशा के लिए मूंद ली आंखें
बच्ची के स्वजन व स्थानीय लोगों ने अस्पताल के डाक्टरों व कर्मचारियों के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया।

जम्मू, सुमित शर्मा : मैं जिंदा थी...। पर मुझे मरा समझकर दफना दिया गया। खुदा ने शायद मेरी कुछ और सांसें लिखी थी। मुझे फिर कब्र से निकाला गया, ...लेकिन मैं नन्ही सी जान (नवजात), खुदा की बनाई इस दुनिया के इंसानों के कायदे-कानून और नफा-नुकसान नहीं समझ पाई ...और फिर हमेशा के लिए आंखें मूंद ली।

खैर, अस्पताल प्रशासन ने इस मामले में खुद को सही साबित करने के लिए दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। पुलिस ने भी अपना फर्ज निभाते हुए प्राथमिकी दर्ज कर ली है। स्वास्थ्य प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी गठित कर दी, जो दो दिन में रिपोर्ट देगी। ...लेकिन किसके लिए ...मैं तो अब इस दुनिया में हूं नहीं। हां, मेरे माता-पिता जरूर इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे हैं।

यह कहानी है मात्र दो दिन की नवजात बच्ची की, जिसने मौत से जिंदगी की जंग लड़ते हुए गत बुधवार सुबह श्रीनगर के जीबी पंत अस्पताल में अंतिम सांस ली। दरअसल, गत सोमवार सुबह रामबन जिले के बनिहाल के उप जिला अस्पताल में बशारत हुसैन और शमीमा बेगम के घर बच्ची ने जन्म लिया, लेकिन जन्म के कुछ ही समय बाद अस्पताल स्टाफ ने बच्ची को मृत घोषित कर स्वजन को सौंप दिया।

दुखी मन से स्वजन बच्ची को ले गए और उसे हालां गांव में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया, लेकिन स्थानीय लोगों ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि बच्ची को यहां नहीं आप अपने क्षेत्र के कब्रिस्तान में दफनाएं। मजबूरन जब स्वजन ने करीब एक घंटे बाद क्रब खोदकर बच्ची को निकाला तो सभी यह देखकर हैरान रह गए कि बच्ची जीवत थी। स्वजन उसे लेकर तुरंत अस्पताल भागे। इसके बाद बच्ची को विशेष उपचार के लिए श्रीनगर के जीबी पंत अस्पताल में रेफर कर दिया गया। इस बीच, स्वजन ने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

इस पर बनिहाल की बीएमओ डा. राबिया खान ने मामले की जांच के आदेश देते हुए एक कनिष्ठ स्टाफ नर्स और स्वीपर को निलंबित कर दिया। मामला संज्ञान में आने के बाद जम्मू के स्वास्थ्य निदेशक ने भी जांच के लिए चार सदस्यीय टीम गठित कर दी, जिसे दो दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया।

इसी बीच, बुधवार सुबह श्रीनगर में उपचार के दौरान बच्ची ने दम तोड़ दिया। जीबी पंत अस्पताल के डा. नजीर चौधरी ने बताया कि यह समय से पूर्व जन्मी (प्री-मेच्योर) बच्ची थी। उसका वजन कम होने के साथ उसे सांस लेने में भी तकलीफ थी। उसे आइसीयू में भर्ती कराया गया था। जहां पर सुबह साढ़े छह बजे बच्ची ने अंतिम सांस ली। वहीं, इस घटना के बाद बच्ची के स्वजन व स्थानीय लोगों ने अस्पताल के डाक्टरों व कर्मचारियों के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया।

मृतक बच्ची के पिता बशारत हुसैन ने कहा कि उनके साथ बहुत नाइंसाफी हुई है। उनकी बच्ची की मौत के लिए बनिहाल अस्पताल के डाक्टर और स्टाफ जिम्मेदार है। हम अपनी बच्ची को इंसाफ दिलाने के लिए लड़ेंगे। सरकार को हमारे साथ न्यास करना होगा। बाद में स्वजन ने बच्ची को बनिहाल लाकर उसे नम आंखों से फिर से सुपुर्द-ए-खाक कर दिया। 

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