किसानों को आत्मनिर्भर बना रहा नाबार्ड

जागरण संवाददाता, जम्मू : राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) किसानों को आत्मनिर्भ

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Feb 2019 02:34 AM (IST) Updated:Tue, 12 Feb 2019 02:34 AM (IST)
किसानों को आत्मनिर्भर बना रहा नाबार्ड
किसानों को आत्मनिर्भर बना रहा नाबार्ड

जागरण संवाददाता, जम्मू : राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहा है। बैंक का मानना है कि राज्य के समग्र और टिकाऊ विकास को सुनिश्चित बनाने के लिए स्थानीय स्तर पर किसानों की आय बढ़ाना और नौकरियां देना बहुत जरूरी है। इसके लिए टिकाऊ कृषि प्रथाओं पर बल देने की जरूरत है।

इस मौके पर मुख्य अतिथि राज्यपाल के सलाहकार केवल कृष्ण शर्मा ने बैंक की योजनाओं और कार्यो की प्रशंसा करते हुए सभी बैंकों से संयुक्त रूप से और बेहतर करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नाबार्ड ने ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत कुछ किया है। इजराइल की मिसाल देते हुए शर्मा ने कृषि और अन्य क्षेत्रों में संयुक्त प्रयासों की जरूरत जताई। उन्होंने राज्य में पानी की कमी नहीं होने के बावजूद बहुत से क्षेत्रों में पानी की समस्या पर ¨चता जताई। उन्होंने कहा कि प्रभावी योजनाएं समय की जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पादन में पूर्ण समर्थन की घोषणा

केके शर्मा ने कहा कि जम्मू व श्रीनगर में मेट्रोपॉलिटन रीजनल अथारिटी बनाई गई है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पादन में पूर्ण समर्थन की घोषणा की। सोमवार को नाबार्ड के स्टेट क्रेडिट सेमिनार में आगामी योजनाओं पर चर्चा करते हुए अधिकारियों ने विभिन्न जानकारियां दीं।

प्राथमिक क्षेत्र के लिए 24042 करोड़ की ऋण संभाव्यताओं का आंकलन

सेमिनार में बताया गया कि नाबार्ड ने वर्ष 2019-20 के लिए जम्मू कश्मीर के प्राथमिक क्षेत्र के लिए 24042 करोड़ रुपये की ऋण संभाव्यताओं का आंकलन किया है। यह वर्तमान की 24 हजार करोड़ की राजकोषीय ऋण संभाव्यताओं से करीब नौ फीसद अधिक है। वर्ष 2019-20 के लिए कृषि व संबंधित क्षेत्रों के लिए 10943 करोड़ रुपये की ऋण संभाव्यताओं का आंकलन किया है। कृषि आवधिक व निवेश ऋण के लिए कुल 4436 करोड़ रुपये की ऋण संभाव्यताएं बनाई गई हैं। इस मौके पर स्टेट फोकस पेपर का भी लोकार्पण किया गया। इसमें कृषि आधारभूत ढांचे के लिए 469.20 करोड़, कृषि सहायक गतिविधियों के लिए 841.88 करोड़, निर्यात ऋण के लिए 192.66 करोड़ रुपये, शिक्षा ऋण के लिए 635.55 करोड़ व आवास ऋण के लिए 2724.88 करोड़ की क्षेत्रवार संभाव्यताओं का आंकलन किया गया है।

बैंक, एजेंसियों और किसान क्लबों को सम्मानित किया गया

इस मौके पर बैंक, एजेंसियों और किसान क्लबों को सम्मानित भी किया। इनमें इकोनामिक प्रगति संगठन ऊधमपुर, करालिया कलां किसान क्लब, सांबा, लुधियाना किसान क्लब व ऊधमपुर शामिल थे। कार्यक्रम के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक थॉमस मैथ्यू के अलावा विभिन्न बैंकों के अधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि किसानों की आय दोगुना करने के लिए नाबार्ड कई तरह से हस्तक्षेप कर रहा है। इसमें बेहतर प्रथाएं, किसान समूहों का निर्माण, आजीविका गतिविधियों में सुधार, मृदा व जल संरक्षण के उपाए और बाजार से जुड़ने को विकसित करना शामिल है। नाबार्ड की उपलब्धियों को गिनाते हुए वक्ताओं ने और बेहतर करने की संभावनाएं जताई।

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