Ceasefire Violation: सूबेदार सुखदेव सिंह की शहादत से परिवार, पियूनी गांव में मातम, पार्थिव शरीर का इंतजार

सेना ने बताया कि पार्थिव शरीर हवाई जहाज से दोपहर डेढ़ बजे सेना के उत्तरी कमान में पहुंचेगा। जहां पर श्रद्धांजिल देने के बाद फूलों से सजे वाहन से मजालता के पियूनी के लिए रवाना किया जाएगा। तकरीबन डेढ घंटे में वार्षिक शरीर पियूनी पहुंचेगा।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Tue, 06 Oct 2020 02:00 PM (IST) Updated:Tue, 06 Oct 2020 02:00 PM (IST)
Ceasefire Violation: सूबेदार सुखदेव सिंह की शहादत से परिवार, पियूनी गांव में मातम, पार्थिव शरीर का इंतजार
शहीद की पत्नी और बच्चे कठुआ के जंगलोट से पियूनी पहुंच गए हैं।

ऊधमपुर, जागरण संवाददाता: ऊधमपुर जिला की मजालता तहसील के पियूनी गांव निवासी सूबेदार सुखदेव सिंह की शहादत की खबर के बाद उनके परिवार में मातम और पूरे पियूनी इलाके में शोक की लहर है। इलाके लोग सुबह से ही शहीद के घर पहुंच कर परिवार का सांत्वना दे रहे हैं। उनके घर के बाहर शहीद सुखदेव सिंह अमर रहे के नारे बीच-बीची में गूंज रहे हैं। परिवार सहित सारा गांव शहीद के पार्थिव शरीर के गांव में पहुंचने का इंतजार कर रहा है।

सूबेदार सुखदेव सिंह की शहादत की खबर सोमवार और मंगलवार की मध्यरात्रि डेढ़े बजे मजालता पुलिस थाना में पहुंची। इसके बाद सुबह सात बजे मजालता थाना प्रभारी विशाल शर्मा खुद शहीद सुखदेव सिंह के घर पहुंचे। जहां पर उन्होंने परिवार के लोगों को इस दुखद खबर से अवगत कराया। खबर सुनने के बाद पूरे परिवार में मातम छा गया। पूरे घर में विलाप शुरु हो गया। आसपास के लोग परिवार का दुक बांटने के लिए पहुंच गए।

शहादत की खबर पूरे क्षेत्र में आग की तरह फैल गई और पूरे इलाके से लोग शहीद के घर परिवार को सांत्वना देने और उनका दुख बांटने के लिए पहुंचने लगे। वहीं शहादत की खबर के बाद शहीद के घर के बाहर सूबेदार सुखदेव सिंह अमर रहें और जब तक सूरज चांद रहेगा, शहीद सुखदेव सिंह का नाम रहेगा के घोष गूंजने रहे।

इस बारे में बडीसी चेयरमैन मजालता दीनानाथ भगत ने बताया कि शहीद का अंतिम संस्कार मंगलवार को पियूनी शमशान घाट पर किया जाएगा। सेना ने बताया कि पार्थिव शरीर हवाई जहाज से दोपहर डेढ़ बजे सेना के उत्तरी कमान में पहुंचेगा। जहां पर श्रद्धांजिल देने के बाद फूलों से सजे वाहन से मजालता के पियूनी के लिए रवाना किया जाएगा। तकरीबन डेढ घंटे में पार्थिव शरीर पियूनी पहुंचेगा। अंतिम रस्में करने के बाद शहीद की अंतिम यात्रा निकाली जाएगी और गांव के शमशान घाट पर सैन्य सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी जाएगी।

मजालता में तकरीबन 100 युवा मोटरसाइकिल पर तिरंगों के साथ शहीद के सम्मान के लिए उनके पार्थिव शरीर ला रहे सैन्य वाहन की अगुवानी पियूनी तक करेंगे। वहीं शहीद की पत्नी और बच्चे कठुआ के जंगलोट से पियूनी पहुंच गए हैं। और बहन भी जम्मू से पियूनी पहुंच चुकी है। 

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