महबूबा मुफ्ती की मोदी सरकार को धमकी, PDP को तोड़ने की ना करें कोशिश

जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मोदी सरकार को धमकी दी कि अगर मोदी सरकार जोड़-तोड़ की राजनीति करेगी तो 90 के जैसे हालात होंगे।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Fri, 13 Jul 2018 09:06 AM (IST) Updated:Fri, 13 Jul 2018 05:13 PM (IST)
महबूबा मुफ्ती की मोदी सरकार को धमकी, PDP को तोड़ने की ना करें कोशिश
महबूबा मुफ्ती की मोदी सरकार को धमकी, PDP को तोड़ने की ना करें कोशिश

जम्‍मू, जेएनएन। जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मोदी सरकार को धमकी दी कि अगर मोदी सरकार जोड़-तोड़  की राजनीति करेगी तो 90 के जैसे हालात होंगे। महबूबा मुफ्ती ने कहा पीडीपी को तोडने की कोशिश न करें सरकार नहींं तो पीडीपी को तोड़ने के गंभीर परिणाम होंगे। महबूबा ने धमकी दी कि अगर ऐसा हुआ तो कई और सलाउद्दीन पैदा होंगे।   

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने चेतावनी देते हुए कहा है कि राज्य में भाजपा द्वारा पीडीपी को तोडऩे का प्रयास भारतीय लोकतंत्र में कश्मीरियों के विश्वास को समाप्त कर देगा। पीडीपी प्रमुख ने कहा, अगर दिल्ली हस्तक्षेप करती है, हमारी पार्टी को तोड़ती है और सज्जाद लोन या किसी को भी मुख्यमंत्री बनाती है तो इससे कश्मीरियों का भारतीय लोकतंत्र में विश्वास समाप्त हो जाएगा। दिल्ली द्वारा किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप को गंभीरता से लिया जाएगा।

पीडीपी को तोड़ने के परिणाम खतरनाक होंगे

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर नई दिल्ली ने पीडीपी काे तोड़ने की कोशिश की तो उसके परिणाम बड़े खतरनाक होंगे। 

महबूबा मुफ्ती ने यह चेतावनी आज सुबह यहां नक्शबंद साहिब में 13 जुलाई 1931 के शहीदों के मजार पर उन्हें श्रद्धांजली अर्पित करने के बाद बातचीत में दी। गौरतलब है कि गत 18 जून को भाजपा द्वारा समर्थन वापस लिए जाने के बाद पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार गिर गई थी। उसके बाद से राज्य में राज्यपाल शासन लागू है और महबूबा मुफ्ती की पार्टी में लगातार उनके नेतृत्व के खिलाफ बगावत उभर रही है।

कहा जा रहा है कि 14 के करीब पीडीपी विधायक भाजपा के साथ लगातार संपर्क में हैं। बगावत को कुचलने की कोशिश करते हुए महबूबा मुफ्ती ने गत रोज एमएलसी यासिर रेशी को जिला बांडीपोर पीडीपी इकाई के अध्यक्ष पद से हटाया है। 

आज जब पत्रकारों ने उनसे भाजपा द्वारा रियासत में एक बार फिर पीडीपी के बागी विधायकों के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिशों के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि नई दिल्ली को 1987 को याद रखना चाहिए। अगर नई दिल्ली ने 1987 की तरह फिर यहां के अवाम के वोट पर डाका डाला, राजनीतिक जोड़-तोड़ और हस्ताक्षेप हुआ,जिससे 1987 में सल्लाहुदीन और यासीन मलिक पैदा हुए हैं, अगर फिर ऐसा हुआ और नई दिल्ली ने पीडीपी को तोड़ने की कोशिश की तो उसके परिणाम बड़े खतरनाक होंगे। 

हालांकि भाजपा महासचिव राम माधव ने जम्मू एवं कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पाटीज़् (पीडीपी) के असंतुष्ट विधायकों के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने की किसी भी संभावना से इंकार कर दिया। यहां 19 जून से राज्यपाल शासन लागू है। माधव ने ट्वीट किया था, हम राज्य में शांति, सुशासन और विकास के हित में राज्यपाल शासन लागू रहने देने के पक्ष में हैं।

माधव का यह बयान ऐसे समय आया, जब कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा और इसके सहयोगी, पूर्व अलगाववादी सज्जाद लोन का पीपुल्स कांफ्रेंस पीडीपी में एक राजनीतिक नियंत्रण स्थापित कर इसके बागी विधायकों का समर्थन हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं।

पीडीपी के कम से कम पांच विधायकों ने सार्वजनिक तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के खिलाफ बयान दिया था। 87 सदस्यीय जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में सत्ता हासिल करने के लिए जरूरी सदस्यों के जादुई आंकड़े किसी भी पार्टी के पास नहीं हैं।

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