Jammu Kashmir Land Law: महबूबा मुफ्ती का केंद्र पर आरोप, बोलीं- नई दिल्ली मासूम कश्मीरियों को अपनी ताकत के दम पर दबा रही है

पीडीपी ने आज नए भूमि कानूनों के खिलाफ विरोध रैली निकालने का प्रयास किया था लेकिन प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। पीडीपी के मुख्यालय को सील करने के अलावा पूर्व एमएलसी खुर्शीद आलम और वहीद उर रहमान पारा समेत तीन वरिष्ठ नेताओंको पुलिस ने हिरासत में लिया।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 03:29 PM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 05:59 PM (IST)
Jammu Kashmir Land Law: महबूबा मुफ्ती का केंद्र पर आरोप, बोलीं- नई दिल्ली मासूम कश्मीरियों को अपनी ताकत के दम पर दबा रही है
महबूबा मुफ्ती ने कहा पूरे कश्मीर को एक कैदखाने में तब्दील कर दिया गया है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने वीरवार को नए भूमि कानूनों का विरोध करते हुए कहा कि हम जम्मू-कश्मीर के संसाधनों की भारत सरकार द्वारा खुली लूट पर हम चुप नहीं बैठेंगे। पूरा कश्मीरी अवाम इसके खिलाफ लड़ेगा। नई दिल्ली काे कश्मीरी नहीं सिर्फ कश्मीर और इसके संसाधन चाहिए। वह भी पूंजीपतियों के लिए। नई दिल्ली मासूम कश्मीरियों को अपनी ताकत के दम पर दबा रही है और उधर लद्दाख में चीन के सामने चुप बैठी है। चाहे कुछ भी हो जाए, मैं नई दिल्ली के असंवैधानिक फैसलों के खिलाफ चुप नहीं रहूंगी।

पीडीपी ने आज नए भूमि कानूनों के खिलाफ विरोध रैली निकालने का प्रयास किया था, लेकिन प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। पीडीपी के मुख्यालय को सील करने के अलावा पूर्व एमएलसी खुर्शीद आलम और वहीद उर रहमान पारा समेत तीन वरिष्ठ नेताओंको पुलिस ने हिरासत में लिया। रोष रैली की नाकामी केबाद अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत में महबूबा मुफ्ती ने कहाकि पूरे कश्मीर में अराजकता और अंधेरगर्दी का आलम बनाया गया है। पूरे कश्मीर को एक कैदखाने में तब्दील कर दिया गया है। 

उन्होंने भारत सरकार पर कश्मीर के प्रति सांप्रदायिक दुराग्रह की भावना रखने का आराप लगाते हुए कहा कि पूरी वादी को एक कैदखाना बनाया गया है। किसी को भी अपने जजबात के इजहार की इजाजत नहीं दी जा रही है। पत्रकारों, नागरिकों, राजनीतिक लोगों के बाेलने व उनकी गतिविधियों की मनाही है। बिहार में लोग भाजपा से रोजी-रोटी मांग रहे हैं। यह जमात उन्हें कश्मीर में जमीन खरीदने के लिए कह रही है। भाजपा को वोटों के सिवाय कुछ नहीं सूझता। ये लोगों को मूर्ख बनाने और इस मुल्क को बांटने के सिवाय काेई दूसरा काम नहीं कर सकती। इसके लिए कश्मीर सिर्फ चुनाव जीतने का एक हथकंडा है।

नई दिल्ली ने कश्मीरियों को नहीं अपनाया: पीडीपी अध्यक्षा ने कहा कि नई दिल्ली ने कभी कश्मीरियों को नहीं अपनाया। अब भाजपा ने तो दो कदम और आगे बढ़ाते हुए जम्मू व लद्दाख के लोगाें को भी निशाना बनाना शुरु कर दिया है। नई दिल्ली ने जम्मू-कश्मीर के साथ जो किया है, वह पूरी तरह से अव्यावहारिक, असंवैधानिक और अवैध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे मुल्क को तबाहकर दिया है।भाजपा का सांप्रदायिक चेहरा और इरादे अब पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं। यहां कश्मीर में किसी को नहीं बोलने दिया जा रहा है। जब लद्दाख के लोगों को दिल्ली के मंसूबे की समझ आयी तो उन्होंने आवाज उठायी। इससे घबरायी नई दिल्ली ने लद्दाखियों को जहाज में दिल्ली बुलाकर बातचीत की। आज लद्दाख के लोग भी पछता रहे हैं। नई दिल्ली को सिर्फ पूंजीपतियों के लिए जम्मू-कश्मीर की जमीन चाहिए। यहां लोगों को 48 साल की उम्र में रिटायर करने का कानून बनाया जा रहा है। बाहर सेे लोगों को यहां लाकर बसाया जा रहा है। यह कौन सा इंसाफ और कौन सी तरक्की है।

केंद्र सरकार को बस जम्मू-कश्मीर की जमीन चाहिए: महबूबा मुफ्ती ने कहाकि केंद्र सरकार को कश्मीरियों से काेई हमदर्दी नहीं है। वह सिर्फ जम्मू-कश्मीर की जमीन, यहां का पानी, यहां की खनिज और वनसंपदा को चाहती है। केंद्र को खुले शब्दों में चेतावनी देते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि नई दिल्ली भूृलकर भी हम कश्मीरियों को ट्वीटर राजनीतिज्ञ न समझे। आज आपने अपनी ताकत के दम पर हमारी रैली को रोक लिया, लेकिन अगली बार ऐसा नहीं होगा। हर रोज केंद्र सरकार कश्मीरियों पर दबाव बढ़ाने के लिए कोई नया एलान करती है। अगर नई दिल्ली में इतनी ही हिम्मत और ताकत है तो वह लद्दाख में हमारी ही जमीन पर कब्जा कर बैठे चीन को क्यों नहीं खदेड़ देती। चीन के आगे बेबस होकर बैठे हैं। चीन ने हमारे कई सैनिकों को शहीद किया, लेकिन भाजपा चुप है। चीन की हकीकत पर भी पर्दा डाल रही है। भाजपा को पता है कि वह चीन के साथ पंगा नहीं ले सकती,क्योंकि चीन ताकतवर है

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है: महबूबा मुफ्ती ने केंद्र साथ खुले टकराव के अपने इरादे को व्यक्त करते हुए बिस्मिल अजीमाबांदी की गजल का मशूहर शेयर सरफराेशी की तमन्ना अब हमारे दिल में भी है, देखना है जोर कितना बाजु-ए-कातिल में है, दोहराया। यह शेयर अमर शहीद राम प्रसाद बिस्मिल और शहीद अश्फाकुल्ला खान अकसर गुनगुनाते थे। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए मैं चुप नही बैठूंगी।

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