Vaishno Devi yatra: मां वैष्णो देवी की आरती का लाइव प्रसारण शुरू

वैष्णो देवी की दिव्य आरती का लाइव प्रसारण शुरू हो गया। इससे वैष्णो देवी यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालु आधार शिविर कटड़ा में भी संध्या समय होने वाली दिव्य आरती के दर्शन कर सकेंगे।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Tue, 28 Jan 2020 11:00 AM (IST) Updated:Tue, 28 Jan 2020 11:00 AM (IST)
Vaishno Devi yatra: मां वैष्णो देवी की आरती का लाइव प्रसारण शुरू
Vaishno Devi yatra: मां वैष्णो देवी की आरती का लाइव प्रसारण शुरू

कटड़ा, संवाद सहयोगी। मां वैष्णो देवी की दिव्य आरती का लाइव प्रसारण शुरू हो गया। इससे वैष्णो देवी की यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालु आधार शिविर कटड़ा में भी मां की संध्या के समय होने वाली दिव्य आरती के दर्शन कर सकेंगे। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की महत्वकांक्षी योजना मां वैष्णो देवी की आरती के लाइव प्रसारण का सोमवार को सफल ट्रायल किया गया। इस दौरान आधार शिविर कटड़ा में स्थित अध्यात्मिक केंद्र के ऑडिटोरियम में श्राइन बोर्ड के सीईओ रमेश कुमार के आलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

गौरतलब है कि श्राइन बोर्ड ने पहले घोषणा की थी कि सोमवार से आधार शिविर कटड़ा आने वाले श्रद्धालुओं को अध्यात्मिक केंद्र के ऑडिटोरियम में मां वैष्णो देवी की संध्या काल दिव्य आरती का सीधा प्रसारण देखने को मिलेगा। इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई थी, पर इसी बीच श्रद्धालुओं को यह सेवा उपलब्ध करवाने से पहले श्राइन बोर्ड ने दिव्य आरती के प्रसारण का ट्रायल किया, ताकि कोई भी तकनीकी खामी प्रसारण के दौरान न आए।श्राइन बोर्ड के सीईओ रमेश कुमार ने कहा कि ट्रायल पूरी तरह से सफल रहा है।

श्राइन बोर्ड श्रद्धालुओं को आगामी एक सप्ताह तक यह सेवा नि:शुल्क उपलब्ध करवाएगा और श्रद्धालुओं को मां वैष्णो देवी की संध्या काल दिव्य आरती के लाइव प्रसारण देखने के लिए एक सप्ताह तक कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा। इसके उपरांत ही श्राइन बोर्ड लाइव आरती के प्रसारण को देखने के लिए प्रति श्रद्धालु 30 रुपये शुल्क लेगा। इस मौके पर डिप्टी सीईओ श्राइन बोर्ड डॉ. जगदीश मेहरा, मनु हंसा सहित अन्य श्राइन बोर्ड अधिकारी मौजूद थे।

जानकारी हो कि माता वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए वर्तमान में जिस रास्ते का इस्तेमाल किया जाता है वह गुफा में प्रवेश का प्रकृतिक रास्ता नहीं है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए कृत्रिम रास्ते का निर्माण 1977 में किया गया। वर्तमान में इसी रास्ते से श्रद्धालु माता के दरबार में प्रवेश पाते हैं।

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