Jammu Kashmir: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा बोले- विद्यार्थियों को गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध करवाना सरकार का संकल्प
शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर श्रीनगर में शिक्षा के कई प्रोजेक्ट का शिलान्यास व उद्धाटन करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूली ढांचे के विकसित होने से शुरुआती शिक्षा और कौशल का वातावरण मजबूत करने में मदद मिलेगी।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि स्कूल, जम्मू कश्मीर के चहुंमुखी विकास और आर्थिक विकास दर को बढ़ाने के इंजन को चलाएंगे। हमारी कोशिशें है कि अकादमिक दर्जे को बरकरार रखा जाए, प्रयोगशाला कौशल को विकसित करने और नवीनीकरण के बारे जागरूक करने के लिए युवाओं को सशक्त बनाया जाए। हमारे प्रयास है कि विद्यार्थियों को गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध करवाई जाए, ज्ञान व मूल्यों पर ध्यान केंद्रित रखा जाए और बच्चों के बेहतर संतुलित व्यक्तित्व के लिए भावनात्मक व योग्य गुणों का विकास किया जाए।
उपराज्यपाल ने कहा कि हम कई पुराने प्रतिबंध से ऊपर उठे हैं और बीस लाख सर्वे करके यह पता लगाया गया कि स्कूलों से दूर कितने बच्चे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने बच्चों का पंजीकरण करने में कई कदम आगे बढ़ाए हैं। शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, श्रीनगर में शिक्षा के कई प्रोजेक्ट का शिलान्यास व उद्धाटन करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूली ढांचे के विकसित होने से शुरुआती शिक्षा और कौशल का वातावरण मजबूत करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को समर्पित की गए ढांचागत प्रोजेक्ट, योजनाएं, प्रयास उन्हें स्वतंत्र सोच, वैज्ञानिक रूचि, चेतना के लिए प्रेरित करेंगे और खेलकूद की भावना से भविष्य के लिए तैयार होंगे। नई शुरुआत टीचिंग लर्निंग प्रक्रिया को नई दिशा देगी और स्कूलों के कामकाज में बदलाव आएगा। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग की आओ स्कूल चलें, दस्तक, तलाश अभियान के लिए सराहना की।
उन्होंने निशिता कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर के बेहतर प्रदर्शन के लिए सराहा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में बच्चों की क्षमता को विकसित करने के लिए बुनियाद है। इसमें यह व्यवस्था की गई है कि विद्यार्थी अपनी मर्जी के विषय ले सकते हैं ताकि उनकी प्रतिभा विकसित हो और किसी दबाव के पोषण हो। विद्यार्थियों के विकास के लिए अध्यापकों की भूमिका को अहम करार देते हुए उन्होंने कहा कि परामर्श कार्यक्रम से स्कूल शिक्षा में क्रांति आएगी। इससे पढ़ाई की खामियों का पता लग पाएगा। अध्यापकों को अपने पढ़ाई के तरीका में बदलाव करने का मौका मिलेगा।
परामर्श कार्यक्रम के तहत 21 हजार से अधिक स्कूलों को कवर किया गया है और पांच लाख विद्यार्थियों की मेपिंग की गई। चालीस हजार से अधिक अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया गया है ताकि 1:10 की दर से विद्यार्थियों को परामर्श दे सकें। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग, अध्यापकों, विद्यार्थियों, लोगों से हर घर तिरंगा अभियान में बढ़ चढ़कर भाग लेने का आह्वान किया। उन्होंने विभाग से अध्यापकों के समायोजन की समस्या का समाधान करने के लिए कहा। उपराज्यपाल ने दसवीं कक्षा के टापर विद्यार्थियों को सम्मानित किया। उन्होंने विभिन्न स्कूलों की तरफ से लगाए गए माडल व प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया।