जीएसटी भरने की अंतिम तारीख आज, व्यापारी-उद्योगपति परेशान, दोबारा मोहलत नहीं मिली तो होगा जुर्माना
थोक व्यापारियों के लिए रिटर्न तब तक भरना कठिन है जब तक इंटरनेट सेवाएं बहाल नहीं हो जाती और जब तक कश्मीर में कारोबार सामान्य नहीं हो जाता।
जम्मू, जागरण संवाददाता। पांच अगस्त से राज्य में बंद पड़ी इंटरनेट सेवाओं के बीच दिक्कतों का सामना कर रहे व्यापारियों व उद्योगपतियों को जुलाई की जीएसटी रिटर्न दायर करने के लिए एक महीने की मोहलत मिल गई थी, लेकिन एक महीना बीतने के बाद भी हालात पूरी तरह से सामान्य नहीं हुए है। न तो जम्मू में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल हुई और न ही कश्मीर में व्यापार सामान्य हुआ। आज शुक्रवार को मासिक रिटर्न दायर करने की अंतिम तारीख है। जीएसटी के तहत पंजीकृत व्यापारी व उद्योगपति फिर से परेशान है। अगर दोबारा मोहलत नहीं मिली तो उन्हें जुर्माना चुकाना पड़ेगा।
ट्रेडर्स फेडरेशन वेयर हाउस-नेहरू मार्केट के महासचिव दीपक गुप्ता के अनुसार आज भी वहीं हालात है जो एक महीना पहले थे। थोक व्यापारियों के लिए रिटर्न तब तक भरना कठिन है, जब तक इंटरनेट सेवाएं बहाल नहीं हो जाती और जब तक कश्मीर में कारोबार सामान्य नहीं हो जाता। उनकी मंडी के अधिकतर दुकानदार कश्मीर के साथ कारोबार करते हैं। कई मामलों में बिङ्क्षलग हुई है, लेकिन माल की रिसीविंग अभी तक आई और न ही वहां से भुगतान हो रहा है। ऐसे में एकाउंट्स तैयार करना मुश्किल हो गया है। सरकार को मासिक जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में अतिरिक्त मोहलत देनी चाहिए।
बड़ी ब्राह्मणा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान ललित महाजन ने आयकर व जीएसटी रिटर्न भरने में मोहलत देने की मांग करते हुए कहा गया कि इंटरनेट सेवाएं बंद होने से उद्योग प्रभावित हो रहा है। उद्योगपति जीएसटी भरने के लिए फंड ट्रांसफर करने में असमर्थ है। महाजन के अनुसार आज फिर पिछले महीने वाली स्थिति पैदा हो गई है। सरकार ने जुलाई की रिटर्न दायर करने की बीस सितंबर तक मोहलत दी थी जो खत्म हो रही है लेकिन करदाताओं के लिए हालात ज्यों के त्यों बने हुए है। ऐसे में सरकार को रिटर्न दायर करने में दी गई मोहलत को हालात सामान्य होने तक बढ़ाना चाहिए।
वार्षिक रिटर्न में मिली है नवंबर तक मोहलत
सेंट्रल जीएसटी की वार्षिक रिटर्न दायर करने की अंतिम तारीख 31 अगस्त रहती है। पिछले महीने केंद्रीय वित्त विभाग ने इसमें मोहलत प्रदान करते हुए अधिसूचना जारी की थी। अधिसूचना के तहत करदाताओं को वार्षिक रिटर्न दायर करने की 30 नवंबर 2019 तक मोहलत मिली है। हम स्थिति से पूरी तरह से अवगत है। कुछ मामलों में बिना केंद्र की मंजूरी से फैसला नहीं लिया जा सकता। पिछले महीने भी हमने केंद्र से मंजूरी हासिल करके जीएसटी रिटर्न दायर करने के लिए एक महीने की मोहलत ली थी। शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक है। मैं उसमें राज्य के हालात के मद्देनजर मासिक जीएसटी रिटर्न दायर करने की तारीख आगे बढ़ाने की वकालत करूंगा और पूरी उम्मीद है कि राज्य को यह राहत मिलेगी। -आरके भट्ट, कमिश्नर स्टेट टैक्सेज विभाग