जम्मू-कश्मीर में दूसरे राज्यों के निवेशकों को लुभाने के लिए जमीन तैयार, 24 हजार कनाल जमीन स्थानांतरित

सरकार का कहना है कि शेष 24 हजार कनाल भूमि भी जल्द ही स्थानांतरित किए जाने की उम्मीद है। इसके लिए वन विभाग से एनओसी मिलना अभी बाकी है। जैसे ही एनओसी मिल जाएगी ये भूमि भी उद्योग एवं वाणिज्य विभाग को दे दी जाएगी।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 02:21 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 05:24 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर में दूसरे राज्यों के निवेशकों को लुभाने के लिए जमीन तैयार, 24 हजार कनाल जमीन स्थानांतरित
जम्मू-कश्मीर में इस समय नई औद्योगिक नीति भी बन रही है

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में नए भूमि कानून लागू करने के कुछ दिन बाद ही प्रदेश प्रशासन ने दूसरे राज्यों के लोगों के लिए यहां आने के रास्ते खोल दिए हैं। सरकार ने उद्योग और वाणिज्य विभाग को 24 हजार कनाल जमीन स्थानांतिरत कर दी है ताकि वे लोग यहां आकर इस क्षेत्र में निवेश कर सकें। इतनी ही जमीन जल्दी ही वन विभाग से मंजूरी मिलने के बाद अलग से अधिसूचित की जाएगी।

इस समय 65 बड़े औद्योगिक घराने जम्मू-कश्मीर में निवेश करने के लिए रूची दिखा रहे हैं। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने 48 हजार कनाल भूमि में निवेश करवाने का लक्ष्य रखा है। पिछले साल 5 अगस्त को जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया गया था तो उसी समय केंद्र सरकार ने भी अपना इरादा स्पष्ट कर दिया था। प्रदेश सरकार अब वर्तमान औद्योगिक क्षेत्रों का विकास करने के साथ-साथ नए औद्याेगिक क्षेत्र विकसित करने जा रही है। ये औद्योगिक क्षेत्र जम्मू व श्रीनगर के अलावा अन्य जिलों में भी बनने जा रहे हैं।

सरकार द्वारा निर्धारित 48 हजार कनाल भूमि में से 24 हजार भूमि उद्याेग एवं वाणिज्य विभाग को जम्मू, कठुआ, ऊधमपुर, सांबा, राजौरी, पुंछ, श्रीनगर, बारामुला, बडगाम, पुलवामा और अनंतनाग जिलों में दी गई है।

सरकार का कहना है कि शेष 24 हजार कनाल भूमि भी जल्द ही स्थानांतरित किए जाने की उम्मीद है। इसके लिए वन विभाग से एनओसी मिलना अभी बाकी है। जैसे ही एनओसी मिल जाएगी, ये भूमि भी उद्योग एवं वाणिज्य विभाग को दे दी जाएगी। सरकार का दावा है कि कोविड 19 महामारी के बावजूद कई बड़े औद्योगिक घराने निवेश के लिए संपर्क कर रहे हैं। इन सभी के साथ बातचीत चल रही है। उम्मीद है कि जल्द ही इसके सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।

जम्मू-कश्मीर में इस समय नई औद्योगिक नीति भी बन रही है और उम्मीद है कि इस साल के अंत तक इसे भी अंतिम रूप दे दिया जाएगा। इस औद्योगिक नीति का मुख्य मकसद व्यापार को सुगम बनाना है ताकि दूसरे प्रदेशों के लोग अधिक से अधिक यहां निवेश कर सकें। सरकार का मकसद जम्मू और श्रीनगर के अलावा अन्य जिलों में भी लोगों का विकास करना है। इस नीति में इस पर भी जोर दिया जा रहा है। 

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