Jammu Kashmir Politics: जानिए कौन हैं इल्तिजा, पीडीपी ने उसका वीडियो क्यों किया जारी, महबूबा मुफ्ती से क्या है उसका नाता

लगभग डेढ़ वर्ष बाद दोबारा राजनीतिक मुद्दों पर इल्तिजा के सक्रिय होने को जम्मू-कश्मीर में निकट भविष्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ जोड़कर देखा जा रहा है। वह पीडीपी में किस हैसियत से काम करेंगे यह आने वाला समय तय करेगा।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Sun, 29 May 2022 08:01 AM (IST) Updated:Sun, 29 May 2022 08:49 AM (IST)
Jammu Kashmir Politics: जानिए कौन हैं इल्तिजा, पीडीपी ने उसका वीडियो क्यों किया जारी, महबूबा मुफ्ती से क्या है उसका नाता
पीडीपी ने इल्तिजा का वीडियो जारी किया जो पूरी तरह से जम्मू-कश्मीर की सियासत पर केंद्रित है।

श्रीनगर, नवीन नवाज । पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का राजनीतिक वारिस कौन होगा? यह सवाल अक्सर जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक गलियारों में बहस का विषय है। महबूबा भी इस मुद्दे पर खामोश रहती हैं, लेकिन उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर की सियासत में अनौपचारिक रूप से पदार्पण कर संकेत दिया है कि वह अपने नाना पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद की सियासी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हो चुकी हैं।

पीडीपी ने इल्तिजा का वीडियो जारी किया जो पूरी तरह से जम्मू-कश्मीर की सियासत पर केंद्रित है। यह वीडियो संकेत कर रहा है कि इल्तिजा जो पांच अगस्त 2019 से अक्टूबर 2020 तक महबूबा के जेल में रहने के दौरान पीडीपी की आवाज और पहचान बनी थी, जल्द सियासत में पूरी तरह सक्रिय होने जा रही हैं। वीडियो का नाम ‘आपकी बात इल्तिजा के साथ’ है। दो मिनट का वीडियो श्रीनगर में महबूबा मुफ्ती के सरकारी निवास में ही शूट किया है। इल्तिजा का यह पहला वीडियो कहें या राजनीतिक बयान जो पीडीपी के अधिकारिक हैंडल पर उसके नाम से जारी हुआ है। इससे पूर्व वह मां महबूबा के अधिकारिक हैंडल पर मां की तरफ से राजनीतिक मुद्दों पर पक्ष रखती थी।

लगभग 1.55 मिनट के वीडियो में इल्तिजा ने उर्दू में जम्मू-कश्मीर की जनता को संबोधित करते हुए कहा है कि जम्मू-कश्मीर एक बदतरीन दौर से गुजर रहा है। उसने वीडियो में केंद्र शासित प्रदेश नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर के लिए रियासत शब्द का इस्तेमाल किया। साथ ही कहा कि हमारी रियासत को अफरातफरी की तरफ धकेल दिया है। मुल्क की सभी सिद्धांतों और मूल्यों को समाप्त किया जा रहा। लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। उसने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम का नाम लिए बगैर कहा कि मुल्क की एकमात्र मुस्लिम बहुल रियासत पर इसके खतरनाक नतीजों को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। हमारे मौलिक अधिकार और अभिव्यक्ति की आजादी को खत्म कर दिया है। सच बोलने की कीमत भी चुकानी पड़ रही है। इन नाइंसाफियों के खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है। वीडियो का मकसद है कि हमारे बीच बातचीत शुरू हो।

हमारी आवाज को हमसे नहीं छीना जा सकता। जम्मू-कश्मीर में चारों तरफ बेबसी और मायूसी का आलम है। हमें उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए, हम अपनी आवाज को बुलंद रखेंगे। अंत में उसने अपनी बात खत्म करते हुए एक शेयर सुनाया-‘कर लेता हूं बर्दाश्त हर दर्द इस आस के साथ कि खुदा नूर भी बरसाता है हर आजमाईश के बाद’ वीडियो में इल्तिजा ने जो कहा, वह पूरी तरह से पीडीपी की राजनीतिक विचारधारा के अनुरूप ही है। उसने जम्मू-कश्मीर के मुस्लिम आबादी की भावनाओं को उकसाने का प्रयास किया है।

उन्होंने अपनी मां महबूबा की तरह ही जम्मू-कश्मीर को बार बार मुस्लिम बहुल राज्य और केंद्र द्वारा जम्मू कश्मीर के लोगों के मान सम्मान को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है। कहा जा रहा है कि आपकी बात इल्तिजा के साथ वीडियो हर पखवाड़े जारी हुआ करेगा, जिसमें वह जम्मू-कश्मीर के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर बात करेंगी।

विधानसभा चुनाव में पीडीपी का नया चेहरा होगा

लगभग डेढ़ वर्ष बाद दोबारा राजनीतिक मुद्दों पर इल्तिजा के सक्रिय होने को जम्मू-कश्मीर में निकट भविष्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ जोड़कर देखा जा रहा है। वह पीडीपी में किस हैसियत से काम करेंगे, यह आने वाला समय तय करेगा, लेकिन विधानसभा चुनावों में उन्हें पीडीपी का नया चेहरा बनाए जाने की संभावना को नहीं नकारा जा सकता। 

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