जानिये, जम्मू-कश्मीर में कब खुलेंगे स्‍कूल और सरकारी कार्यालय, प्रशासन ने पूरी की तैयारी

Article 370 अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर में सोमवार को बज सकती है स्कूल की घंटी लैंडलाइन फोन सेवा भी हो सकती है बहाल।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Fri, 16 Aug 2019 12:55 PM (IST) Updated:Fri, 16 Aug 2019 02:27 PM (IST)
जानिये, जम्मू-कश्मीर में कब खुलेंगे स्‍कूल और सरकारी कार्यालय, प्रशासन ने पूरी की तैयारी
जानिये, जम्मू-कश्मीर में कब खुलेंगे स्‍कूल और सरकारी कार्यालय, प्रशासन ने पूरी की तैयारी

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर सरकार का सचिवालय और अन्य दफ्तर आज खुलेंगे। जबकि आमजन पर लगे प्रतिबंधों में ढील नमाज के बाद की स्थिति पर निर्भर करेगी। पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाए जाने और जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांटकर दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में प्रतिबंध लगाए गए हैं। जम्मू में स्थिति करीब-करीब सामान्य है।

 राज्यपाल मलिक ने कार्यालयों में कामकाज बहाल के दिये निर्देश 

राजभवन ने बताया कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्य में गुरुवार शाम सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के बाद सरकारी सचिवालय और अन्य कार्यालयों में सामान्य कामकाज बहाल किए जाने का निर्देश दिया। जानकारी हो कि कश्मीर घाटी में सोमवार से स्कूल और अन्य शैक्षणिक संस्थान खुल जाएंगे।

जुमे की नमाज़ के बाद मिलेेेेगी ढील

जम्मू-कश्मीर सरकार का सचिवालय और अन्य कार्यालय शुक्रवार से काम करना आरंभ कर देंगे जबकि आमजन पर लगे प्रतिबंधों में ढील नमाज के बाद की स्थिति पर निर्भर करेगी। प्रवक्ता ने बताया कि सरकार जुम्मे की नमाज के दौरान हालात पर नजर रखेगी और इसी के आधार पर आम लोगों के लिए भी प्रतिबंधों में ढील देने पर विचार किया जाएगा। 

सोमवार को बज सकती है स्कूल की घंटी

जम्मू के बाद अब सोमवार को घाटी में भी शिक्षण संस्थान खुल सकते हैं। प्रशासन ने बीते 12 दिनों से कश्मीर में ठप अकादमिक गतिविधियों को बहाल करने पर विचार कर रहा है। शिक्षण संस्थानों को चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा। राज्य प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बीते 12 दिनों में तनाव के बावजूद कश्मीर स्थिति लगभग शांत और सामान्य रही है। विभिन्न वर्गाें से बातचीत के आधार पर प्रशासन ने वादी में बंद पड़ी अकादमिक गतिविधियों को बहाल करने पर काम शुरु कर दिया है।

परिस्थितियों के अनुकूल रहने पर सोमवार को वादी में बंद पड़े स्कूलों के खुलने की घंटी बज सकती है। लेकिन सभी स्कूल व अन्य शिक्षण संस्थान एक साथ नहीं खोले जाएंगे। यह सभी चरणबद्ध तरीके से ही खुलेंगे। पहले उन इलाकोंं में स्कूल खोले जाएंगे, जो संवेदनशील की श्रेणी में नहीं आते हैं। प्रत्येक जिला उपायुक्त और जिला एसएसपी अपने स्तर पर स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर ही इस संदर्भ में अंतिम फैसला लेंगे।

शनिवार को बुलाई गई है बैठक

सभी शिक्षण संस्थानों के भीतर अकादमिक गतिविधियों के अनुकूल माहौल बनाए रखने, शिक्षण संस्थानों आसपास के इलाके में किसी भी तरह के हिंसक प्रदर्शन को रोकने की कार्ययोजना पर भी काम हो रहा है। इस संदर्भ में राज्य शिक्षा विभाग के अधिकारियों, विभिन्न स्कूलों के प्रबंधकों और प्रिंसिपल की एक बैठक भी शनिवार को बुलाई जा रही है।

यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि जम्मू-कश्मीर के विशेषाधिकारों को समाप्त कर इसे दो केंद्र शासित राज्यों में विभाजित किए जाने के संसद के फैसले के बाद उपजे हालात को देखते हुए प्रशासन ने पूरे राज्य में पांच अगस्त की सुबह से शिक्षण संस्थानों को एहतियातन बंद कर दिया था। अलबत्ता, हालात में सुधार को देखते हुए प्रशासन ने जम्मू संभाग के जिला कठुआ और सांबा में चार दिनों के बाद ही स्कूल खोल दिए गए थे। लेह व करगिल में भी बीते सप्ताह ही शिक्षण संस्थान खोल दिए गए थे। लेकिन कश्मीर घाटी में सभी शिक्षण संस्थान बंद रखे गए हैं।

लैंडलाइन फोन सेवा भी कर दी जाएगी बहाल

घाटी में पांच अगस्त से कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के मद्देनजर ठप रखी गई टेलीफोन सेवा भी सोमवार को बहाल हो सकती है। संबधित अधिकारियों ने बताया कि माेबाइल फोन और इंटरनेट सेवा को शुरु में बहाल नहीं किया जाएगा। लेकिन हालात सामान्य रहने पर सोमवार को या उससे पहले ही लैंडलाइन फोन सेवा को बहाल करने पर राज्य प्रशासन लगभग सहमत हो चुका है। इस संदर्भ में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार संस्थाओं ने भी अपने स्तर पर सहमति दे दी है। घाटी में पिछले पांच दिनों में कोई हिंसा नहीं हुई है।

 सुरक्षा परिषद सदस्य देशों की अनौपचारिक बैठक 

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लेने के भारत के कदम पर शुक्रवार को एक बैठक करेगी। राजनयिकों ने बताया कि बैठक शुक्रवार सुबह बंद कमरे में होगी। सुरक्षा परिषद सदस्य देशों की यह अनौपचारिक बैठक न्यूयॉर्क समयानुसार सुबह 10 बजे यानी भारतीय समयानुसार करीब साढ़े 7 बजे शुरू होगी।ध्यान रहे कि यह एक अनौपचारिक बैठक है जिसमें सदस्य देश अपनी राय रखेंगे। साथ ही यह भी आकलन होगा कि क्या इस मामले पर सुरक्षा परिषद की औपचारिक बैठक बुलाई जाने की गुंजाइश व ज़रूरत है अथवा नहीं। 

राजभवन का दावा

राजभवन के प्रवक्ता ने कहा, ''स्वतंत्रता दिवस पर कहीं भी कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, जिन्होंने समारोह में खलल डालने की किसी भी कोशिश को नाकाम कर दिया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने प्रतिबंधों के दौरान लोगों को सहयोग करने के लिए धन्यवाद दिया और उन्हें आश्वासन दिया कि इसे धीरे-धीरे कम किया जाएगा। 

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