राहत राशि नहीं बढ़ाने पर भड़के कश्मीरी पंडित

-जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करने का किया प्रयास -मासिक राहत राशि को 13 हजार से

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Oct 2020 07:54 AM (IST) Updated:Mon, 19 Oct 2020 07:54 AM (IST)
राहत राशि नहीं बढ़ाने पर भड़के कश्मीरी पंडित
राहत राशि नहीं बढ़ाने पर भड़के कश्मीरी पंडित

-जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करने का किया प्रयास

-मासिक राहत राशि को 13 हजार से 25 हजार करने की मांग जागरण संवाददाता, जम्मू : कई दिनों से जगटी में मासिक राहत राशि बढ़ाने की मांग कर जगटी कॉलोनी में क्रमिक भूख हड़ताल कर रहे कश्मीरी पंडित सरकार की तरफ से कोई सुनवाई नहीं होने पर रविवार को भड़क गए। उन्होंने प्रदर्शन करने के बाद जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया।

जगटी टेनामेंट कमेटी व सोन कश्मीर के कार्यकर्ता रविवार को जगटी विस्थापित कॉलोनी से रैली के रूप में निकले और राष्ट्रीय राजमार्ग की ओर बढ़ने लगे। इसी बीच पुलिस पहुंच गई, जिससे वे हाईवे नहीं जाम कर पाए। ऐसे में कार्यकर्ता राष्ट्रीय राजमार्ग के पास ही बैठ गए और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। न्होंने कहा कि 30 साल से कश्मीरी पंडित विस्थापितों का जीवन जी रहे हैं, लेकिन सरकार राहत राशि नहीं बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि इस समय उनको 13 हजार रुपये मासिक राहत राशि मिलती है, जिससे महंगाई के इस दौर में परिवार का भरण-पोषण नहीं हो पाता है। कश्मीरी पंडितों ने सरकार से राहत राशि बढ़ाकर 25 हजार रुपये करने की मांग की। इस मौके पर राज कुमार, काशीनाथ भट्ट, गुरमीत सिंह, चरणजीत सिंह, विजय हक्कू, नाथ भट्ट, रवींद्र कौल, शुभम कृष्ण रैना, रमेश लाल, सतीश आदि उपस्थित थे। घाटी वापसी के लिए अच्छा माहौल बनाए सरकार

जगटी टेनामेंट कमेटी व सोन कश्मीर के कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार से मांग की कि हर कश्मीरी विस्थापित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। नौकरी मिलने से इन परिवारों की राहें आसान हो पाएंगी। कश्मीरी पंडितों ने केंद्र सरकार से यह भी मांग की कि वह कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी के लिए साजगार माहौल बनाए, ताकि इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।

---बयान--

केंद्र सरकार हो या जम्मू कश्मीर का प्रशासन, कश्मीरी पंडितों की सुनवाई नहीं हो पा रही है। बार-बार ज्ञापन दिया जा चुका है कि विस्थापित परिवारों की मासिक राहत को बढ़ाया जाए, लेकिन इस दिशा में सरकार कुछ नहीं कर रही है। ऐसे में विस्थापित परिवार अपना गुजर-बसर कैसे कर पाएंगे।

-शादीलाल पंडिता, प्रधान, जगटी टेनामेंट कमेटी

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