PM Modi से बात कर उत्साहित खुर्शीद ने कहा-अगर मैं किसान न बनता तो क्या PM से यूं बात करता
PM Kisan Samman Nidhi Yojana 2021 खुर्शीद अहमद रेशी ने कहा कि कौन कहता है कि खेती से आप अपना भाग्य नहीं बदल सकते। बस आपको बाजार की समझ होनी चाहिए। किसान जब जागरुक होंगे तो कोई बिचौलिया उनका हक नहीं मार सकेगा।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो: जनाब, जैविक खेती ने मेरी ही नहीं कश्मीर में मेरे जैसे कई लोगों की तकदीर बदल दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंस में बातचीत के बाद उत्साहित नजर आ रहे खुर्शीद अहमद रेशी ने यह बात कही। श्रीनगर के साथ सटे टेंगपोरा का रहने वाला खुर्शीद अहमद रेशी उन चुनिंदा किसानों में से एक है, जिनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 8वीं किश्त जारी करने के अवसर पर वीडियो काफ्रेंस के जरिए बातचीत की। उसने कहा कि अगर मैं किसान नहीं बनता तो आज शायद ही प्रधानमंत्री से यूं बात करता, उन्होंने मेरे काम की तारीफ की है। मैंने भी उनका आभार जताया।
खुर्शीद अहमद रेशी ने कहा कि कौन कहता है कि खेती से आप अपना भाग्य नहीं बदल सकते। बस आपको बाजार की समझ होनी चाहिए। किसान जब जागरुक होंगे तो कोई बिचौलिया उनका हक नहीं मार सकेगा। यहां किसान कल्याण की ढेरों योजनाएं हैं, जिनका पता तभी चलता है जब कोई कृषि विभाग के दफ्तर में जाकर पता करे।
मुझे सभी कहते थे कि नौकरी करो, मेरा दिल नहीं करता था। मैं एक निजी स्कूल में भी पढ़ाता था। मैंने अपने दिल की सुनी, सरकारी योजनाओं का लाभ लिया। आज मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने बैठा था। उन्होंने मेरे काम की, मेरे जज्बे की तारीफ की। मुझे उम्मीद है कि इससे कश्मीर के नौजवान भी खेती को एक व्यवसाय की तरह अपनाएंगे।
आपको बता दें कि गत शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो काफ्रेंस में बातचीत के दौरान खुर्शीद अहम रेशी ने जम्मू-कश्मीर के सभी किसानों की तरफ से उनका अभिवादन किया। प्रधानमंत्री द्वारा पूछे जाने पर खुर्शीद अहमद रेशी ने बताया कि अंग्रेजी में पोस्ट ग्रेज्युएट होने के बावजूद उन्होंने किसान बनने का फैसला किया। उनके परिवार में उनकी मां, बीवी व तीन बच्चों के अलावा उनका एक छोटा भाई भी है।
वह अपने 26 कनाल के खेत के 14 कनाल हिस्से में जैविक खेती से सब्जियां उगाते हैं। इसकी प्रेरणा उन्हें कृषि विभाग के अधिकारियों से मिली। अपने गांव में उन्होंने करीब 30 किसानों का एक समूह बना रखा है। ये लोग मिर्ची, शिमला मिर्च, खीरा व अन्य सब्जियों की जैविक खेती करते हैं। वे फ्रीजर वैन के जरिए कृषि विभाग द्वारा स्थापित मंडी में सब्जियां पहुंचाते हैं। अच्छा-खासा लाभ मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके जज्बे की सराहना करते हुए कहा कि अन्य लोग विशेषकर युवा भी उनसे प्रेरित होंगे।
प्रधानमंत्री के साथ हुई बातचीत का जिक्र करते हुए खुर्शीद अहमद रेशी ने कहा कि देश का प्रधानमंत्री आपकी तारीफ करे, इससे ज्यादा बड़ी बात क्या होगी। इससे मेरा आत्मविश्वास और बढ़ा है। मैंने निजी तौर पर प्रधानमंत्री जी का आभार जताया। जो उन्होंने मेरे काम को सराहा। मैंने अंग्रेजी में एमए किया है, खेती करने में मेरी पढ़ाई कहीं बाधा नहीं बनी है। बल्कि मैं इससे ही खेती के लिए प्रेरित हुआ हूं।
तीन साल पहले तक मैं एक निजी स्कूल में भी पढ़ाता था, लेकिन मेरा मन नहीं लगता था। मैैं हमेशा किसान बनना चाहता था, घरवाले कहते थे कि पढ़ लिखकर नौकरी करो, किसानी नहीं। खैर, तीन साल पहले मैंने इरादा कर लिया कि मुझे अपने खेत पर ही काम करना है। जैविक खेती का प्रचलन बढ़ रहा था, मैंने इस दौरान कुछ कृषि अधिकारियों से संपर्क किया। मैं 14 कनाल जमीन पर जैविक सब्जियां उगा रहा हूं जबकि 12 कनाल पर धान उगाता हूं।
उसने बताया कि जैविक खेती आर्थिक रुप से फायदेमंद साबित हो रही है। जैविक खेती से तैयार सब्जियों की कीमत लोग बिना किसी मोलभाव चुका देते हैं। मैंने अपने गांव और उसके साथ सटे इलाकों में भी जैविक खेती करने वाले 30 किसानों का एक फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाईजेशन एफपीओ भी तैयार किया है।
खु़र्शीद अहमद रेशी ने कहा कि मैं सभी बेराजगार शिक्षित युवकों से आग्रह करुंगा कि वे सरकारी नौकरी के पीछे भागने के बजाय खेती में अपना भाग्या आजमाएं। यहां पीएम किसान निधि समेत कई याजनाएं हैं। अगर किसी के पास अपनी जमीन नहीं है तो वह किसी दूसरे की जमीन भी ठेके पर ले सकता है। बस उसे मेहनत करनी है, बाजार को समझना है। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत शुक्रवार को पीएम किसान निधि के तहत 9.5 करोड़ किसानों के लिए 19 हजार करोड़ रुपये की आठवीं किश्त जारी की।